हेमबाहु प्रोक्ता महादेवस्तुतिः Hembahu prokta mahadevstutih

Hembahu prokta mahadevstutih हेमबाहुरुवाच - आदिकन्द नमस्तुभ्यं नमस्तेऽव्यक्तयोनये । कामचारणसिंहाय सर्वेप्सितप्रदाय च ॥ ४१॥ भक्तप्रिय नमस्तुभ्यं विष्णुचक्रप्रदाय च । त्रिपुरघ्न नमस्तेऽस्तु नानासुरवरप्रद ॥ ४२॥ नागार्जुनसहायस्त्वं काशीराजवरप्रद । विद्यागोप्ता लोकसाक्षी अन्धकदीपकेशरी ॥ ४३॥ ईश्वरप्रोक्तं सोमनाथमहिमवर्णनम् Ishwarproktam Somnathmahimavarnanam

ईश्वरप्रोक्तं सोमनाथमहिमवर्णनम् Ishwarproktam Somnathmahimavarnanam

Ishwarproktam Somnathmahimavarnanam ईश्वरप्रोक्ता सोमनाथ महिमावर्णन सोमनाथ ज्योतिर्लिंग भारत के गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित एक ज्योतिर्लिंग है। यह ज्योतिर्लिंग बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का उल्लेख कई प्राचीन ग्रंथों में मिलता है, जिनमें महाभारत, रामायण,…

ऋषि मङ्कणककृतं श्रीमहादेवस्तुतिः Rishigautamproktam mahadevbhaktyotkarshvarnanam

Rishigautamproktam mahadevbhaktyotkarshvarnanam घोरेण तपसा दानैः अभ्यस्तैर्विविधैरपि । भविष्यति महादेवे भक्तिरव्यभिचारिणी ॥ १॥ अभ्यस्तोद्धूलनेनापि यावज्जीवं प्रयत्नतः । भविष्यति महादेवे भक्तिरव्यभिचारिणी ॥ २॥ रुद्राक्षधारणाभ्यासाद्यावज्जीवं प्रयत्नतः । भविष्यति महादेवे भक्तिरव्यभिचारिणी ॥ ३॥ अन्नराशिप्रदानेन यावज्जीवं प्रयत्नतः । भविष्यति महादेवे भक्तिरव्यभिचारिणी ॥ ४ ऋषिगौतमप्रोक्तं महादेवेभक्त्योत्कर्षवर्णनम्…

ऋषिगौतमप्रोक्तं महादेवेभक्त्योत्कर्षवर्णनम् Rishigautamproktam mahadevbhaktyotkarshvarnanam

Rishigautamproktam mahadevbhaktyotkarshvarnanam ऋषि गौतम द्वारा वर्णित महादेव भक्ति के उत्कर्ष का वर्णन इस प्रकार है: भक्त के मन में भगवान शिव की अनन्य भक्ति होती है। वह भगवान शिव को अपना सर्वस्व मानता है। वह भगवान शिव के बिना अपना…

चतुःषष्टिभैरवनामावलिः Chatuhshashtibhairavanaamaavaleeh

Chatuhshashtibhairavanaamaavaleeh असिताङ्गो विशालाक्षो मार्तण्डो मोदकप्रियः । स्वच्छन्दो विघ्नसन्तुष्टः खेचरः सचराचरः ॥ १॥ रुरुश्च क्रोड-दंष्ट्रश्च तथैव च जटाधरः । विश्वरूपो विरूपाक्षो नानारूपधरः परः ॥ २॥ वज्रहस्तो महाकायश्चण्डश्च प्रलयान्तकः । भूमिकम्पो नीलकण्ठो विष्णुश्च कुलपालकः ॥ ३॥ चन्द्रमौलीशस्तोत्रम् Chandramoulis Stotram

चन्द्रमौलीशस्तोत्रम् Chandramoulis Stotram

Chandramoulis Stotram श्रीगणेशाय नमः । ओङ्कारजपरतानामोङ्कारार्थं मुदा विवृण्वानम् । ओजःप्रदं नतेभ्यस्तमहं प्रणमामि चद्रमौलीशम् ॥ १॥ नम्रसुरासुरनिकरं नलिनाहङ्कारहारिपदयुगलम् । नमदिष्टदानधीरं सततं प्रणमामि चन्द्रमौलीशम् ॥ २॥ मननाद्यत्पदयोः खलु महतीं सिद्धिं जवात्प्रपद्यन्ते । मन्देतरलक्ष्मीप्रदमनिशं प्रणमामि चद्रमौलीशम् ॥ ३॥ त्र्यक्षरीमृत्युञ्जयजपविधिः Tryakshrimrityunjayapavidhih

त्र्यक्षरीमृत्युञ्जयजपविधिः Tryakshrimrityunjayapavidhih

Tryakshrimrityunjayapavidhih त्र्यक्ष्रीमृत्युंजय पाठ विधि उपकरण: रुद्राक्ष की माला शिवलिंग धूप दीप फूल जल विधि: सबसे पहले, एक पवित्र स्थान पर बैठें और शिवलिंग को सामने रखें। फिर, अपने हाथों को जोड़कर भगवान शिव का ध्यान करें। अब, रुद्राक्ष की माला…

देवैःकृता महाकालमहेश्वरस्तुतिः Devaihkrita mahakalmaheshwarstutih

Devaihkrita mahakalmaheshwarstutih देवैः कृत्रिता महाकालमहादेवस्तुतिः श्रीगणेशाय नमः **नमो गिरिजापतिभ्यो नमो गिरिजापतिभ्यो नमो गिरिजापतिभ्यो नमो गिरिजापतिभ्यो॥ नमो देवायै नमः देवायै नमो देवायै नमः देवायै॥ नमो देवायै नमः देवायै नमो देवायै नमः देवायै॥ नमः शिवायै नमः शिवायै नमः शिवायै नमः शिवायै॥ नमः…

द्वादशज्योतिर्लिङ्गनामानि Dwadashjyotirlinganamani

द्वादशज्योतिर्लिंगानि भगवान शिव के द्वादश (बारह) प्रमुख रूपों को कहते हैं। इन ज्योतिर्लिंगों का वर्णन शिवपुराण के शिवमहात्म्य खंड में मिलता है। द्वादशज्योतिर्लिंगों के नाम और स्थान इस प्रकार हैं: सोमनाथ: गुजरात मल्लिकार्जुन: आन्ध्र प्रदेश महाकाल: उज्जैन, मध्य प्रदेश ओंकारेश्वर:…

द्वादशज्योतिर्लिङ्गानि Dvaadashajyotirlangaani

Dvaadashajyotirlangaani द्वादशज्योतिर्लिंगानि भगवान शिव के द्वादश (बारह) प्रमुख रूपों को कहते हैं। इन ज्योतिर्लिंगों का वर्णन शिवपुराण के शिवमहात्म्य खंड में मिलता है। द्वादशज्योतिर्लिंगों के नाम और स्थान इस प्रकार हैं: सोमनाथ: गुजरात मल्लिकार्जुन: आन्ध्र प्रदेश महाकाल: उज्जैन, मध्य प्रदेश…

नववर्णमाला Navavarnamaala

Navavarnamaala नववर्णामाल एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के नौ रूपों की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र भगवान शिव के भक्तों के लिए एक शक्तिशाली साधन है। नववर्णामाल की रचना ऋषि मार्कंडेय ने की थी। यह स्तोत्र…

परमेश्वरस्तोत्रम् Parameshwar Stotram

Parameshwar Stotram परमेश्वर स्तोत्र एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र भगवान शिव के भक्तों के लिए एक शक्तिशाली साधन है। परमेश्वर स्तोत्र की रचना ऋषि मार्कंडेय ने की थी। यह स्तोत्र…