Deepawali Puja Mantras 1. गोवत्स द्वादशी मंत्र Deepawali Puja Mantras :अर्घ्य मंत्रक्षीरोदार्नवसंभूते सुरासुरनमस्कृते।सर्वदेवमये मातर्गृहाण्घ्यं नमो नमः॥ निवेदन मंत्रगोवत्स द्वादशी निवेदन मंत्र सुरभि त्वं जगन्मातरदेवी विष्णुपदे स्थिता।सर्वदेवमये ग्रसं मया दत्तमिदं ग्रसा॥ प्रार्थना मंत्रसर्वदेवमये देवि सर्वदेवैरलंकृते।मातरमाभिलाषितं सफलं कुरु नंदिनी॥ Deepawali Puja Mantra मन्त्र…
Shri Dinabandhu Ashtakam Shri Dinabandhu Ashtakam:श्री दीनबंधु अष्टकम भगवान विष्णु के प्रसिद्ध अष्टकमों में से एक है। ॥ श्री दीनबन्ध्वष्टकम् ॥यस्मादिदं जगदुदेति चतुर्मुखाद्यंयस्मिन्नवस्थितमशेषमशेषमूले।यत्रोपयाति विलयं च समस्तमन्तेदृग्गोचरो भवतु मेऽद्य स दीनबन्धुः॥1॥ चक्रं सहस्रकरचारु करारविन्देगुर्वी गदा दरवरश्च विभाति यस्य।पक्षीन्द्रपृष्ठपरिरोपितपादपद्मो।दृग्गोचरो भवतु मेऽद्य स…
मुनीन्द्र–वृन्द–वन्दिते त्रिलोक–शोक–हारिणिप्रसन्न-वक्त्र-पण्कजे निकुञ्ज-भू-विलासिनिव्रजेन्द्र–भानु–नन्दिनि व्रजेन्द्र–सूनु–संगतेकदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥१॥ अशोक–वृक्ष–वल्लरी वितान–मण्डप–स्थितेप्रवालबाल–पल्लव प्रभारुणांघ्रि–कोमले ।वराभयस्फुरत्करे प्रभूतसम्पदालयेकदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥२॥ अनङ्ग-रण्ग मङ्गल-प्रसङ्ग-भङ्गुर-भ्रुवांसविभ्रमं ससम्भ्रमं दृगन्त–बाणपातनैः ।निरन्तरं वशीकृतप्रतीतनन्दनन्दनेकदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥३॥ तडित्–सुवर्ण–चम्पक –प्रदीप्त–गौर–विग्रहेमुख–प्रभा–परास्त–कोटि–शारदेन्दुमण्डले ।विचित्र-चित्र सञ्चरच्चकोर-शाव-लोचनेकदा करिष्यसीह मां कृपाकटाक्ष–भाजनम् ॥४॥ राधा कृपा कटाक्ष स्त्रोत्र मदोन्मदाति–यौवने…
सावन महीने में मंत्र जाप: कष्टों से मुक्ति और मनोकामना पूर्ति सावन का पवित्र महीना भगवान शिव की आराधना और मंत्र जाप के लिए विशेष माना जाता है। मान्यता है कि इस महीने में किए गए मंत्र जाप का फल…
जीवन में परेशानियों से मुक्ति के लिए मंत्रों का जाप : विस्तृत जानकारी जीवन में परेशानियां तो आती ही रहती हैं। इन परेशानियों से निपटने और मन को शांत रखने में मंत्रों का जाप सहायक हो सकता है। कुछ मंत्र…
हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है। इन्हीं की कृपा से व्यक्ति को जीवन में धन-धान्य और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि जिन लोगों के ऊपर मां लक्ष्मी की कृपा नहीं…
आज मैं आपको एक ऐसे कवच के बारे में बताने जा रहा हूँ जिसका महत्ता का वर्णन स्वयं भगवान् श्री नारायण ने किया है। इसका नाम है श्री गायत्री कवच। श्री गायत्री कवच एक महान कवच है जो स्वयं नारद…
अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुतेगिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते ।भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृतेजय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ १ ॥ सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि दुर्मुखमर्षिणि हर्षरतेत्रिभुवनपोषिणि शङ्करतोषिणि किल्बिषमोषिणि घोषरतेदनुजनिरोषिणि दितिसुतरोषिणि दुर्मदशोषिणि सिन्धुसुतेजय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ २ ॥ अयि जगदम्ब…
सामूहिक कल्याण के लिये मंत्र –देव्या यया ततमिदं जगदात्मशक्त्यानिश्शेषदेवगणशक्तिसमूहमूत्र्या ।तामम्बिकामखिलदेवमहर्षिपूज्यांभक्त्या नताः स्म विदधातु शुभानि सा नः ॥ विश्व के अशुभ तथा भय का विनाश करने के लिये मंत्र –यस्याः प्रभावमतुलं भगवाननन्तोब्रह्मा हरश्च न हि वक्तुमलं बलं च ।सा चण्डिकाखिलजगत्परिपालनायनाशाय चाशुभभयस्य मतिं करोतु…
श्री हनुमंत लाल की पूजा आराधना में हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और संकटमोचन अष्टक का पाठ बहुत ही प्रमुख माने जाते हैं। संकट मोचन हनुमान अष्टक का नियमित पाठ करने से भक्तों पर आये गंभीर संकट का भी निवारण हो जाता है। ॥ हनुमानाष्टक ॥बाल…
॥ श्री दत्तात्रेय स्तोत्रम् ॥जटाधरं पाण्डुराङ्गं शूलहस्तं कृपानिधिम् ।सर्वरोगहरं देवं दत्तात्रेयमहं भजे ॥ विनियोग –अस्य श्रीदत्तात्रेयस्तोत्रमन्त्रस्य भगवान् नारदऋषिः ।अनुष्टुप् छन्दः । श्रीदत्तपरमात्मा देवता ।श्रीदत्तप्रीत्यर्थे जपे विनियोगः ॥ स्तोत्रम् –जगदुत्पत्तिकर्त्रे च स्थितिसंहार हेतवे ।भवपाशविमुक्ताय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥ १॥ जराजन्मविनाशाय देहशुद्धिकराय च ।दिगम्बरदयामूर्ते…
नित्यानन्दकरी वराभयकरी सौन्दर्यरत्नाकरीनिर्धूताखिलघोरपावनकरी प्रत्यक्षमाहेश्वरी ।प्रालेयाचलवंशपावनकरी काशीपुराधीश्वरीभिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥१॥ नानारत्नविचित्रभूषणकरी हेमाम्बराडम्बरीमुक्ताहारविलम्बमानविलसद्वक्षोजकुम्भान्तरी ।काश्मीरागरुवासिताङ्गरुचिरे काशीपुराधीश्वरीभिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥२॥ योगानन्दकरी रिपुक्षयकरी धर्मार्थनिष्ठाकरीचन्द्रार्कानलभासमानलहरी त्रैलोक्यरक्षाकरी ।सर्वैश्वर्यसमस्तवाञ्छितकरी काशीपुराधीश्वरीभिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥३॥ कैलासाचलकन्दरालयकरी गौरी उमा शङ्करीकौमारी निगमार्थगोचरकरी ओङ्कारबीजाक्षरी ।मोक्षद्वारकपाटपाटनकरी काशीपुराधीश्वरीभिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥४॥ दृश्यादृश्यविभूतिवाहनकरी ब्रह्माण्डभाण्डोदरीलीलानाटकसूत्रभेदनकरी…