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  • Create Date October 11, 2023
  • Last Updated October 11, 2023

श्रीजिनवाक्सतुति एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान महावीर की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 100 छंदों में विभाजित है, और प्रत्येक छंद में भगवान महावीर की एक अलग विशेषता की स्तुति की जाती है।

श्रीजिनवाक्सतुति की कुछ पंक्तियाँ इस प्रकार हैं:

ओम, भगवान महावीर, आप ज्ञान और बुद्धि के देवता हैं। आप हमें ज्ञान और बुद्धि प्रदान करें, ताकि हम अपने जीवन में सफल हो सकें।

आप हमें करुणा और दया प्रदान करें, ताकि हम दूसरों की मदद कर सकें। आप हमारे जीवन को ज्ञान, बुद्धि, करुणा और दया से भर दें।

श्रीजिनवाक्सतुति का पाठ करने से ज्ञान, बुद्धि, करुणा और दया की शक्ति प्राप्त होती है। यह स्तोत्र सभी के लिए लाभकारी है, चाहे उनकी कोई भी जाति, धर्म या विश्वास हो।

श्रीजिनवाक्सतुति का पाठ करने के लिए, निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

  1. एक स्वच्छ स्थान पर बैठ जाएं।
  2. अपने हाथों को जोड़कर भगवान महावीर को प्रणाम करें।
  3. स्तोत्र को ध्यान से पढ़ें या सुनें।
  4. स्तोत्र को कम से कम तीन बार पढ़ें।
  5. अंत में, भगवान महावीर से अपनी इच्छाओं को पूरा करने की प्रार्थना करें।

श्रीजिनवाक्सतुति का पाठ नियमित रूप से करने से ज्ञान, बुद्धि, करुणा और दया की शक्ति प्राप्त होती है।

यहाँ श्रीजिनवाक्सतुति का एक उदाहरण है:

ओम, भगवान महावीर, आप ज्ञान और बुद्धि के देवता हैं। आपने हमें चार आर्य सत्यों का उपदेश दिया है, जो हमें ज्ञान और मुक्ति की ओर ले जाते हैं। हम आपके उपदेशों का पालन करते हुए, ज्ञान और बुद्धि प्राप्त करने के लिए प्रयासरत हैं।

आप हमें करुणा और दया प्रदान करें। हम आपके आदर्शों का अनुसरण करते हुए, दूसरों की मदद करने के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे।

आप हमारे जीवन को ज्ञान, बुद्धि, करुणा और दया से भर दें। हम आपके आशीर्वाद से एक बेहतर दुनिया बनाने का प्रयास करेंगे।

आप अपनी भाषा और शब्दों का उपयोग करके श्रीजिनवाक्सतुति कर सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप भगवान महावीर की स्तुति करें और उनसे ज्ञान, बुद्धि, करुणा और दया प्राप्त करने की प्रार्थना करें।


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