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Tulsi Puja on Ekadashi

Tulsi Puja on Ekadashi: धार्मिक मान्यता के अनुसार, तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है. एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इस दिन उनकी पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है. तुलसी को भगवान विष्णु का ही एक रूप माना जाता है, इसलिए एकादशी पर तुलसी पूजा से भगवान विष्णु शीघ्र प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा प्राप्त होती है.

Tulsi Puja on Ekadashi:एकादशी व्रत और तुलसी पूजन

Tulsi Puja on Ekadashi
Tulsi Puja on Ekadashi

हिंदू धर्म में एकादशी (ekadashi) तिथि को सभी तिथियों में शुभ और महत्वपूर्ण माना गया है. एकादशी तिथि भगवान विष्णु (lord vishnu) को समर्पित है और साल की सभी एकादशी तिथियों पर भगवान विष्णु की पूजा और व्रत किए जाते हैं. एकादशी के दिन तुलसी (tulsi) की पूजा को भी काफी शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि तुलसी के पौधे में (tulsi plant) साक्षात मां लक्ष्मी (maa laxmi) निवास करती हैं.

Tulsi Puja on Ekadashi: इस दिन तुलसी के पौधे की पूजा के साथ साथ इसके नीचे दीपक जलाने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. आपको बता दें कि भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी दल का विशेष महत्व है और तुलसी की पूजा पर भगवान विष्णु प्रसन्न हो जाते हैं. चलिए जानते हैं कि एकादशी तिथि के दिन तुलसी के पौधे की पूजा कैसे करनी चाहिए और इस दिन तुलसी के पत्ते तोड़ना क्यों निषेध कहा गया है.

तुलसी पूजन का महत्व

तुलसी माता, भगवान विष्णु की परम प्रिय हैं। Tulsi Puja on Ekadashi शास्त्रों में तुलसी को देवी स्वरूप माना गया है। तुलसी का पूजन करने से व्यक्ति के घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।

कारण

  • तुलसी को “विष्णुप्रिया” कहा गया है, इसलिए तुलसी पूजन से श्रीहरि अत्यंत प्रसन्न होते हैं।
  • तुलसी को जीवनदायिनी औषधियों में स्थान प्राप्त है।

लाभ

  1. घर में सकारात्मक ऊर्जा और शुद्ध वायु का संचार
  2. रोग-प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि
  3. पारिवारिक कलह का नाश
  4. वैवाहिक सुख और संतान प्राप्ति में सहायक

भगवान विष्णु को प्रिय है तुलसी (Tulsi plant puja is important for lord vishnu)

Tulsi Puja on Ekadashi: तुलसी को वृंदा भी कहा जाता है. वृंदा पिछले जन्म में असुर जालंधर की पत्नी थीं और भगवान विष्णु की पूजा किया करती थीं. एक युद्ध के दौरान भगवान विष्णु को जालंधर का वध करने के लिए धोखे से वृंदा का पतिव्रत धर्म भंग करना पड़ा और इससे क्रोधित होकर वृंदा ने भगवान विष्णु को पत्थर में बदल जाने का श्राप दिया. भगवान विष्णु शालिग्राम पत्थर में बदल गए. इसके बाद वृंदा ने आत्मदाह किया और उसकी राख से तुलसी के पौधे का जन्म हुआ. तब मां लक्ष्मी तुलसी के पौधे में विराजमान हो गई और शालिग्राम और तुलसी के पौधे का विवाह हुआ. चूंकि तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का निवास कहा गया है

इसलिए Tulsi Puja on Ekadashi एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा के साथ साथ तुलसी के पौधे की पूजा से भी शुभ फल प्राप्त होते हैं. हर साल देवउठनी एकादशी के अगले दिन भक्त तुलसी के पौधे का भगवान विष्णु के विग्रह शालिग्राम से विवाह करवाते हैं जिसे बहुत ही पावन और शुभ कहा जाता है. एकादशी तिथि का व्रत करने और भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने के साथ साथ इस दिन तुलसी के पौधे की पूजा भी बहुत ही शुभ मानी जाती है. इस दिन तुलसी के पौधे को लेकर कुछ खास नियम अपनाने चाहिए.

एकादशी के दिन तुलसी के पौधे को जल नहीं देना चाहिए. कहा जाता है कि तुलसी में विराजित मां लक्ष्मी इस दिन निर्जला व्रत करती हैं. ऐसे में अगर आप तुलसी के पौधे को जल देते हैं तो मां लक्ष्मी का व्रत खंडित हो सकता है. ऐसे में मां लक्ष्मी क्रोधित हो सकती हैं. इसलिए एकादशी तिथि के दिन तुलसी के पौधे को जल नहीं देना चाहिए.

एकादशी के दिन तुलसी के पौधे से पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए. Tulsi Puja on Ekadashi अगर आपको भगवान विष्णु की पूजा के लिए तुलसी दल चाहिए तो जमीन पर गिरे तुलसी दल इस्तेमाल कर सकते हैं. आप चाहें तो एक दिन पहले तुलसी के पौधे से पत्ते तोड़कर रख सकते हैं. इस दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए, ऐसा करने पर जातक के परिवार को शारीरिक और मानसिक परेशानियां हो सकती हैं.

एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते यानी तुलसी दल भगवान विष्णु की पूजा में अर्पित करने चाहिए. इससे भगवान विष्णु विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं और जातक को सुख समृद्धि का वरदान देते हैं.  एकादशी के दिन पंचामृत बनाते वक्त भी तुलसी के पत्ते उसमें जरूर डालने चाहिए.

एकादशी के दिन तुलसी के नीचे दीपक जलाना चाहिए. ऐसा करना शास्त्रों में बहुत ही शुभ कहा गया है. Tulsi Puja on Ekadashi एकादशी के दिन सायंकाल के समय भगवान विष्णु की पूजा के बाद तुलसी के नीचे घी का दीपक जलाने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. इस दिन तुलसी को लाल चुनरी पहनाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.

Tulsi Puja on Ekadashi एकादशी के दिन तुलसी की मंजरियां भगवान विष्णु को चढ़ानी चाहिए. आप किसी भी दिन इन मंजरियों को तुलसी के पौधे से ले सकते हैं. इनको धोकर भगवान विष्णु के चरणों में अर्पित करें. इससे प्रसन्न होकर भगवान विष्णु जातक को और उसके परिवार को सुख समृद्धि और शांति का वरदान देते हैं.

एकादशी व्रत का महत्व

एकादशी, हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को आती है। Tulsi Puja on Ekadashi यह दिन भगवान श्रीहरि विष्णु को समर्पित होता है। पुराणों के अनुसार, इस दिन व्रत रखने से मनुष्य के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और वह मोक्ष की ओर बढ़ता है।

कारण

  • यह दिन इंद्रियों के संयम और आत्मशुद्धि का प्रतीक है।
  • मन, वाणी और कर्म को संयमित करने का अवसर देता है।

लाभ

  1. मानसिक शांति और आत्मबल की वृद्धि
  2. पापों से मुक्ति और पुण्य की प्राप्ति
  3. आध्यात्मिक जागरण
  4. आरोग्यता और जीवन में संतुलन

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