इस मंदिर में खम्भे टेढ़े-मढ़े है जिस कारण इसे “टेढ़ा खंभा मंदिर” भी कहा जाता है।
शाहजी मंदिर:वृंदावन:उत्तर प्रदेश की प्रसिद्ध नगरी मथुरा, वृन्दावन में शाह जी मंदिर स्थित है। यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है। इस मंदिर को “छोटे राधा रमण मंदिर ” के नाम से भी जाना जाता है। शाहजी मंदिर:वृंदावन इस मंदिर में खम्भे टेढ़े-मढ़े है जिस कारण इसे “टेढ़ा खंभा मंदिर” भी कहा जाता है। राधा जी और श्री कृष्ण के एक साथ विग्रह वाला यह मंदिर विशेष महत्त्व रखता है।
मंदिर का इतिहास
शाहजी मंदिर का निर्माण 1876 में लखनऊ के व्यापारी शाह कुन्दन लाल और शाह फुन्दन लाल ने करवाया था। वह श्री कृष्ण के अनन्य भक्त थे। इस कारण ही इस मंदिर का नाम शाह जी मंदिर रखा गया। इस मंदिर के निर्माण में आठ साल का समय लगा। भगवान राधा-कृष्ण की मूर्ति द्वारा स्थापित यह मंदिर अपनी अद्भुत ईमारत के कारण दुनिया भर से भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
मंदिर का महत्व
ऐसा कहा जाता है कि बसंत पंचमी के दिन मंदिर के बसंती कमरे में ही श्रीजी ने शाह जी को दर्शन दिए थे। भगवान के दर्शन की आस में भक्त हर साल भारी संख्या में बसंत पंचमी पर इस मंदिर में आते है। इस मंदिर में जन्माष्टमी और गोवर्धन पूजा जैसे त्योहारों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है। इन विशेष अवसरों पर मंदिर को फूलों से सजाया जाता है
साथ ही रोशनी भी की जाती है। बसंत पंचमी के दिन भगवान बसंती पोशाक पहनकर भक्तों को दर्शन देते है। ऐसा बताया जाता है कि शाह कुंदन लाल जी और फुंदन लाल जी लखनऊ के निवासी थे। उनकी भगवान कृष्ण में अगाध आस्था थी। लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह से इनकी गहरी दोस्ती हुआ करती थी।
सन 1858 में जब लड़ाई छिड़ी तो अंग्रेजों द्वारा वाजिद अली शाह को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद शाह परिवार के पूर्वज वृन्दावन में आकर बस गए। यहाँ आने के बाद उन्होंने इस मंदिर की नीव रखी। शाहजी मंदिर:वृंदावन बसंत पंचमी के दिन सन 1876 में यह मंदिर बनकर तैयार हो गया। शाहजी मंदिर:वृंदावन मंदिर में ठाकुर राधारमण लाल जी के श्री विग्रह सबसे पहले इसी कमरे में विराजमान हुए थे।
शाहजी मंदिर:वृंदावन तभी से इस बसंती कमरे का विशेष महत्त्व है। इस कमरे के पट हर साल बसंत पंचमी के दिन खुलते है। इसके अलावा श्रावण मास में त्रयोदशी व चतुर्दशी के दिन भी इस कमरे के पट खुलते है और ठाकुर जी अपने भक्तों को दर्शन देते है।
मंदिर की वास्तुकला
शाह जी मंदिर की वास्तुकला बहुत ही अद्भुत है। सफ़ेद संगमरमर से बने इस मंदिर को देख कर हर कोई आचार्यचकित रह जाता है। इस मंदिर में खम्भे सर्पाकार है जो मंदिर की शोभा को और बढ़ा देते है। इस मंदिर में “बसंती कमरा” भी है जो बहुत ही शानदार है। शाहजी मंदिर:वृंदावन मंदिर के अंदर आकर्षक पेंटिंग भी आपको देखने को मिलेंगी। भगवान के दर्शन के साथ साथ इस मंदिर की वास्तुकला को देख कर हर भक्त आनंदित हो जाता है।
मंदिर का समय
गर्मियों में शाहजी मंदिर खुलने का सुबह का समय
05:30 AM – 12:30 PM
गर्मियों में मंगला आरती का समय
05:30 AM – 06:00 AM
गर्मियों में शाम को शाहजी मंदिर खुलने का का समय
04:30 PM – 08:30 PM
सर्दियों में मंगला आरती का समय
06:30 AM – 07:00 AM
सर्दियों में शाहजी मंदिर खुलने का सुबह का समय
08:30 AM – 12:30 PM
सर्दियों में शाम को शाहजी मंदिर खुलने का का समय
05:30 PM – 07:30 PM