
भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर दिव्य शिवलिंग के रूप में भी जाना जाता है।
भूतेश्वर मंदिर भगवान श्री कृष्ण की पावन नगरी मथुरा में स्थित है भूतेश्वर मंदिर। यह मंदिर शहर के प्राचीन शिव मंदिर में शामिल है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर दिव्य शिवलिंग के रूप में भी जाना जाता है। इसके अलावा भूतेश्वर महादेव को मथुरा का रक्षक और क्षेत्रपाल भी कहते है। आपको बता दे कि मथुरा में महादेव मंदिर चार हैं।
इन्हें मथुरा नगरी के रक्षक माना जाता है। पूर्व में पिघलेश्वर, पश्चिम में भूतेश्वर, उत्तर में गोकर्णेश्वर और दक्षिण में रंगेश्वर दिशा के क्षेत्रपाल माने जाते हैं । प्रतिवर्ष इस मंदिर में भाद्रपद मास के दौरान बृज चौरासी कोस की परिक्रमा आरम्भ होती है और यहीं पर समाप्त होती है। शहर की सीमा के भीतर स्थित यह मंदिर लोकप्रिय तीर्थ स्थल है।
भूतेश्वर मंदिर का इतिहास
प्राचीन मान्यताओं और किंवदंतियों के अनुसार, मंदिर की उत्पत्ति मथुरा की स्थापना से ही मानी जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार मथुरा की स्थापना तब हुई जब शत्रुघ्न ने राक्षस मधु का वध किया। शत्रुघ्न भगवान राम के छोटे भाई थे। इस महत्वपूर्ण घटना की स्मृति में भूतेश्वर मंदिर का निर्माण किया गया, जिससे यह शहर का सबसे पुराना मंदिर माना जाता है। ऐसा भी माना जाता है कि भूतेश्वर महादेव के इस प्राचीन शिवलिंग को नाग शासकों द्वारा स्थापित किया था।
भूतेश्वर मंदिर:मथुरा, उत्तरप्रदेश, भारत Bhuteshwar Temple: Mathura, Uttar Pradesh, India
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भूतेश्वर मंदिर का महत्व
भूतेश्वर महादेव मंदिर स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों के लिए धार्मिक महत्व रखता है। ऐसा माना जाता है कि भूतेश्वर महादेव मथुरा शहर को बुरी ताकतों से बचाते हैं। मथुरा के लोगों, ब्रजवासियों द्वारा रक्षक के रूप में भूतेश्वर भगवान की पूजा अर्चना की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि भूतेश्वर भगवान हर संकटों से उनकी रक्षा करते हैं। भूतेश्वर मंदिर एक शक्तिपीठ है ऐसा कहा जाता है कि यह वह जगह है जहाँ पर माता सती के शरीर के नष्ट होने के बाद उनकी अंगूठी गिरी थी। यह मंदिर सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। इस मंदिर के पाताल देवी गुफा में राजा कंस द्वारा पूजा की जाती थी।
भूतेश्वर मंदिर की वास्तुकला
भूतेश्वर मंदिर अद्भुत स्थापत्य शैली द्वारा निर्मित है। इस मंदिर में एक मुख्य गर्भगृह और पाताल देवी गुफा है। मंदिर का गर्भगृह 100 वर्ग मीटर में फैला हुआ है। मंदिर में एक नाली है, जो साइड गेट के बाहरी हिस्से को अंदर से जोड़ती है, जिससे भक्त शिवलिंग का अभिषेक कर सकते हैं। इसके अलावा मुख्य प्रवेश द्वार के बाईं ओर कई छोटे-छोटे शिवलिंग हैं। जहाँ भक्त बिना किसी परेशानी के फूल चढ़ा सकते है। मंदिर परिसर में पाताल देवी, काली देवी, गिरिराज महाराज और अन्य सुंदर मंदिर स्थित हैं।
मंदिर का समय
भूतेश्वर मंदिर खुलने का समय
05:00 AM – 01:00 PM
सुबह की आरती का समय
07:00 AM – 08:00 AM
शाम को भूतेश्वर मंदिर खुलने का समय
04:30 PM – 10:30 PM
संध्या आरती का समय
07:00 PM – 08:00 PM
मंदिर का प्रसाद
भूतेश्वर महादेव को दूध, दही, शहद, जल और पेड़े का भोग लगाया जाता है। साथ ही मंदिर में शिवलिंग पर फूल भी अर्पित किए जाते हैं।