श्री कृष्ण की लीलास्थली के प्रति लोगों को प्रेरित करने के लिए इस मंदिर की स्थापना की गई।

पागल बाबा मंदिर उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के वृन्दावन शहर में स्थित एक ऐतिहासिक मंदिर है। भगवान श्री कृष्ण की प्रेममय लीलास्थली के प्रति लोगों को प्रेरित करने के लिए इस नौ मंजिला मंदिर की स्थापना की गई। 221 फीट ऊँचे, सफेद पत्थरों वाले पागल बाबा मंदिर इस मंदिर की स्थापना श्रीमद लीलानंद ठाकुर जी (पागलबाबा) द्वारा की गई।

श्रीमद लीलानंद ठाकुर जी महाराज स्वयं पागलबाबा के नाम से प्रसिद्ध थे अतः इस श्री राधा-कृष्ण मंदिर को लोग पागलबाबा मंदिर के नाम से पुकारते हैं। यह अनूठा मंदिर भारतवासियों को तो आकर्षित करता ही है, पागल बाबा मंदिर विदेशी पर्यटकों को भी मुग्ध करता है और भक्ति प्रधान देश की महत्ता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिद्ध भी करता है। मंदिर की देख रेख के लिए पांच लोगों का बोर्ड है। डीएम इसके चेयरमैन हैं। 20 लोगों की कार्य समिति भी है।

सन् 1969 में श्रीमद लीलानंद ठाकुर जी महाराज ने देश विदेश के पर्यटकों का ध्यान वृंदावन की ओर आकर्षित करने के लिए एक भव्य मंदिर बनाने की परियोजना बनाई। पागल बाबा मंदिर वृंदावन मथुरा मार्ग पर एक विशाल भू-खंड लेकर अल्पावधि में ही, जहाँ केवल सूखा खेत था, वहाँ एक विशाल संगमरमर के नौ मंज़िला मंदिर लीलाधाम की स्थापना की। 24 जुलाई 1980 को लीलानंद ठाकुर जी महाराज ने शरीर का त्याग कर समाधि ले ली।

ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में सब की इच्छाएं पूरी होती हैं। ऐसा कहा जाता है कि बांके बिहारी खुद अपने भक्त के लिए गवाही देने के लिए चले आए थे। खासतौर पर पूर्णिमा के अवसर पर इस मंदिर में हजारो की तादाद में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता है। दावा है कि विश्व में यह अपने किस्म का नौ मंजिल वाला पहला मंदिर है।

आठ बीघे में मंदिर तो पांच बीघे में यहीं पर गौशाला है। मंदिर परिसर में ही पागल बाबा हॉस्पिटल भी बना है। यहां हजारों रोगियों का रोजाना उपचार किया जाता है। पागलबाबा मंदिर में रोजाना हजारों लोगों की खिचड़ी सेवा की जाती है।

पागलबाबा मंदिर को नागरा शैली में बनाया गया है। पागलबाबा मंदिर मॉडर्न वास्तुकला का उदाहरण माना जाता है। चारों तरफ शस्य श्यामला हरित भूमिपर श्वेत प्रस्तर जडित अतुलनीय मंदिर भारतवर्ष में अपने ढंग का प्रथम मंदिर है। पागल बाबा मंदिर श्वेत प्रस्तर जड़ित 18 हजार वर्ग फीट और 221 फीट की ऊंचाई वाले इस मंदिर की प्रत्येक मंजिल पर देव प्रतिमा स्थापित हैं। पागल बाबा मंदिर बाबा ने ऐतिहासिक गोपेश्वर महादेव के पास स्थित भूतगली में लीला कुंज का भी निर्माण किया। कालांतर में लीलाकुंज पुराने पागल बाबा के रूप से प्रसिद्धि को प्राप्त हुआ।

सुबह मंदिर खुलने का समय

05:00 AM – 11:30 AM

शाम मंदिर खुलने का समय

03:00 PM – 09:00 PM

मंदिर का प्रसाद

पागलबाबा मंदिर में भक्त श्री कृष्ण को माखन मिश्री, पंचामृत और पंजीरी का भोग लगाया जाता है। इसके अलावा भक्त प्रभु को अपनी श्रद्धा के अनुसार पेड़े, बर्फी का भी भोग लगाते हैं।

 पागल बाबा मंदिर

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