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  • Create Date November 2, 2023
  • Last Updated November 2, 2023

Shivganaahkrita shivastutih

शिवगणकृत शिवस्तुति एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति करता है। यह स्तोत्र भगवान शिव के गुणों और महिमा का वर्णन करता है।

स्तोत्र के 10 श्लोक हैं, प्रत्येक श्लोक में एक विशेष पहलू है।

श्लोक 1

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं।

विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्।

अर्थ:

मैं निर्वाण के रूप, विभु, व्यापक, और ब्रह्मवेद के स्वरूप भगवान शिव को प्रणाम करता हूं।

श्लोक 2

निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं।

चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम्।

अर्थ:

मैं निज, निर्गुण, निर्विकल्प, और निरीह, चिदाकाश के निवास भगवान शिव की भक्ति करता हूं।

श्लोक 3

सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी।

चिदानन्दसंदोह मोहापहारी।

अर्थ:

सदा सज्जनों को आनंद देने वाले, पुरारी, चिदानंद के संयोग से मोह को दूर करने वाले।

श्लोक 10

न यावद् उमानाथपादारविन्दं।

भजन्तीह लोके परे वा नराणाम्।

न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं।

प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी।

अर्थ:

जब तक कि भगवान शिव के चरण कमलों की भक्ति न करें,

लोगों को इस लोक या परलोक में सुख, शांति, और संताप से मुक्ति नहीं मिलती।

हे मन्मथारी भगवान, प्रसन्न होइए, प्रसन्न होइए।

शिवगणकृत शिवस्तुति एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो भक्तों को भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है। यह स्तोत्र ध्यान और साधना के लिए भी उपयोग किया जाता है।

Shivganaahkrita shivastutih

स्तोत्र का हिंदी अनुवाद:

शिवगणकृत शिवस्तुति

भगवान शिव की स्तुति

मैं निर्वाण के रूप, विभु, व्यापक, और ब्रह्मवेद के स्वरूप भगवान शिव को प्रणाम करता हूं।

मैं निज, निर्गुण, निर्विकल्प, और निरीह, चिदाकाश के निवास भगवान शिव की भक्ति करता हूं।

सदा सज्जनों को आनंद देने वाले, पुरारी, चिदानंद के संयोग से मोह को दूर करने वाले।

श्लोक 1 से 10 तक, भक्त भगवान शिव के विभिन्न पहलुओं की प्रशंसा करता है।

भक्त यह विश्वास करता है कि भगवान शिव की भक्ति से सुख, शांति, और संताप से मुक्ति मिलती है।

स्तोत्र के रचयिता शिवगण हैं, जो भगवान शिव के गण या अनुयायी हैं।

स्तोत्र की विशेषताएं:

  • यह एक संस्कृत स्तोत्र है।
  • यह भगवान शिव की स्तुति करता है।
  • यह भगवान शिव के गुणों और महिमा का वर्णन करता है।
  • यह एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो भक्तों को भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है।

Shivganaahkrita shivastutih

शिवगणाःकृता शिवस्तुतिः Shivganaahkrita shivastutih


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