श्रीहनुमदष्टोत्तरशतनामावलीः 9 का पाठ निम्नलिखित है: नवम : महावीर वीर हनुमान, तुम मेरे संकट निवारण। सदा सहाय करो मेरे, संकट में दूर करो डर। भावार्थ: हे महावीर वीर हनुमान! आप मेरे संकटों को दूर करने वाले हैं। आप हमेशा मेरी…
श्रीहनुमदष्टोत्तरशतनामावलीः 8 का पाठ निम्नलिखित है: अष्टम : अष्टसिद्धि नवनिधि युक्त, महाबल धारी अति सुखद। राम भक्तन प्राण रक्षक, दुष्ट जनों के काल। भावार्थ: हे हनुमान! आप आठ सिद्धियों और नौ निधियों से युक्त हैं। आप महाबली हैं और आप…
श्रीहनुमदष्टोत्तरशतनामावलीः 1 का पाठ निम्नलिखित है: प्रथम : जय हनुमान ज्ञानगुन सागर, जय कपीस तिहुँ लोक उजागर। राम दूत अतुलित बलधामा, अष्ट सिद्धि नौ निधि लंकामा। भावार्थ: हे हनुमान! आप ज्ञान और गुणों के सागर हैं। आप तीनों लोकों में…
श्री वेंकटेश्वर वज्रकवचम्स्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान वेंकटेश्वर की रक्षा प्रदान करता है। यह स्तोत्र भगवान वेंकटेश्वर के विभिन्न रूपों का वर्णन करता है जो साधक की रक्षा करते हैं। श्री वेंकटेश्वर वज्रकवचम्स्तोत्र में 10 श्लोक हैं। स्तोत्र…
श्रीहनुमदष्टोत्तरशतनामावलीः 2 का पाठ निम्नलिखित है: द्वितीय : अंजनीसुत महाबल धामा, अष्ट सिद्धि नौ निधि लामा। राम दूत अतुलित बलधामा, चारों भुवन में तुमरो नामा। भावार्थ: हे अंजनी के पुत्र महाबली हनुमान! आपके पास आठ सिद्धियाँ और नौ निधियाँ हैं।…
श्रीहनुमदष्टोत्तरशतनामावलीः 4 का पाठ निम्नलिखित है: चतुर्थ : मारुतिनंदन उडयनचारी, अतिबल दृढ पराक्रमी। सर्वकामना फलदायी, राम भक्त हितकारी। भावार्थ: हे मारुतिनंदन हनुमान! आप उड़ने में निपुण हैं और आपके पास अत्यधिक बल और पराक्रम है। आप सभी मनोकामनाओं को पूर्ण…
श्रीहनुमदष्टोत्तरशतनामावलीः 6 का पाठ निम्नलिखित है: षष्ठम : महावीर वीर हनुमान, तुम मेरे संकट निवारण। सदा सहाय करो मेरे, संकट में दूर करो डर। भावार्थ: हे महावीर वीर हनुमान! आप मेरे संकटों को दूर करने वाले हैं। आप हमेशा मेरी…
श्रीविष्णुकवचस्तोत्र एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान विष्णु की रक्षा प्रदान करता है। यह स्तोत्र भगवान विष्णु के विभिन्न रूपों का वर्णन करता है जो साधक की रक्षा करते हैं। श्रीविष्णुकवचस्तोत्र में 40 श्लोक हैं। स्तोत्र की शुरुआत में, साधक…
श्रीहनुमदष्टोत्तरशतनामावलीः 7 का पाठ निम्नलिखित है: सप्तम : पवनसुत महाबल धामा, अष्ट सिद्धि नौ निधि लामा। राम दूत अतुलित बलधामा, चारों भुवन में तुमरो नामा। भावार्थ: हे पवनपुत्र महाबली हनुमान! आपके पास आठ सिद्धियाँ और नौ निधियाँ हैं। आप श्री…
श्रीहनुमद्रक्षस्तोत्र एक धार्मिक स्तोत्र है जो भगवान हनुमान की आराधना के लिए किया जाता है। यह स्तोत्र भगवान हनुमान के रक्त से बने अद्भुत रत्नों की महिमा का वर्णन करता है। श्रीहनुमद्रक्षस्तोत्र का पाठ करने से भगवान हनुमान प्रसन्न होते…
श्रीहनुमद्रक्षस्तोत्रम एक धार्मिक स्तोत्र है जो भगवान हनुमान की आराधना के लिए किया जाता है। यह स्तोत्र भगवान हनुमान के रक्त से बने अद्भुत रत्नों की महिमा का वर्णन करता है। श्रीहनुमद्रक्षस्तोत्रम का पाठ करने से भगवान हनुमान प्रसन्न होते…
श्रीहनुमद्द्वन्दव स्तोत्रम एक धार्मिक स्तोत्र है जो भगवान हनुमान की आराधना के लिए किया जाता है। यह स्तोत्र दो श्लोकों का है, इसलिए इसे श्रीहनुमद्द्वन्दव स्तोत्रम कहा जाता है। इस स्तोत्र की रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने की थी। श्रीहनुमद्द्वन्दव…