श्रीगणेशापराधक्षमापणस्तोत्रम् – प्रस्तावना भगवान गणेश, विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता हैं। उनके आशीर्वाद के बिना कोई भी शुभ कार्य सफल नहीं होता। अक्सर अनजाने में हम भगवान गणेश से अपराध कर बैठते हैं। इस स्तोत्र में भगवान गणेश से क्षमा…
श्रीदत्तात्रेयापराधक्षमापणस्तोत्रम् – 2 प्रस्तावना पहले भाग में हमने देखा कि भगवान दत्तात्रेय की कृपा अपार है और वे अपने भक्तों के अपराधों को सहजता से क्षमा कर देते हैं। इस दूसरे भाग में भी हम उनके चरणों में शरणागति लेकर…
श्रीललिता त्रिपुरसुन्दरी – एक दिव्य स्तुति श्रीललिता त्रिपुरसुन्दरी हिंदू धर्म की एक प्रमुख देवी हैं, जो शक्ति की अधिष्ठात्री हैं। वे सर्वोच्च चेतना और सृष्टि की रचनात्मक शक्ति का प्रतिनिधित्व करती हैं। उनके नाम का अर्थ है “संपूर्ण सुंदरता की…
श्रीदत्तापराधक्षमापणस्तोत्रम् प्रस्तावना श्रीदत्तात्रेय भगवान की कृपा अपार है। उनके भक्तों पर सदैव उनकी कृपादृष्टि बनी रहती है। यदि अनजाने में कोई भक्त उनसे अपराध कर बैठता है तो भी वे क्षमाशील होकर अपने भक्तों को सहज ही क्षमा कर देते…
शिव तांडव स्तोत्र एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव के तांडव नृत्य की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 16 श्लोकों का है, और प्रत्येक श्लोक में भगवान शिव के तांडव नृत्य के एक विशेष पहलू का वर्णन…
आपदुद्धारक श्रीहनुमत्सोत्र एक संस्कृत स्तोत्र है, जिसकी रचना 12वीं शताब्दी के भक्तिकाल के कवि नंददास ने की थी। यह स्तोत्र हनुमान की महिमा का वर्णन करता है। स्तोत्र के अनुसार, हनुमान भगवान राम के परम भक्त हैं। वे सभी प्रकार…
प्रदोष स्तोत्र अष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है, जिसकी रचना 15वीं शताब्दी में भक्तिकाल के कवि, महादेवी वर्मा ने की थी। यह स्तोत्र प्रदोष काल में भगवान शिव की स्तुति करता है। प्रदोष स्तोत्र अष्टकम् के 8 श्लोक हैं, और प्रत्येक…
शशांकमोलीश्वरस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 10वीं शताब्दी में श्रीमच्छंकराचार्य द्वारा रचित था। शशांकमोलीश्वरस्तोत्रम् के कुछ प्रमुख श्लोक निम्नलिखित हैं: Shashankamoulishwarastotram श्लोक 1: शशांकमोलीश्वराय शशिमुखवल्लभाय । चन्द्रशेखराय नीलकण्ठाय नमो नमः ॥ अर्थ:…
Srikrishna Stotram Brahmavaivartapurane Dharmakritam नहीं, श्रीकृष्ण स्तोत्रम् ब्रह्मवैवर्त पुराण में धर्मकृत द्वारा रचित नहीं है। श्रीकृष्ण स्तोत्रम् की रचना 16वीं शताब्दी में हुई थी, जबकि ब्रह्मवैवर्त पुराण की रचना 10वीं शताब्दी में हुई थी। इस प्रकार, श्रीकृष्ण स्तोत्रम् की रचना…
श्रीकृष्ण स्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 100 श्लोकों में विभाजित है। श्रीकृष्ण स्तोत्रम् की रचना का श्रेय 16वीं शताब्दी के कवि और संत श्रीमद्गोपाल भट्ट गोस्वामी को दिया जाता है। यह…
श्रीकृष्ण स्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 100 श्लोकों में विभाजित है। श्रीकृष्ण स्तोत्रम् की रचना का श्रेय 16वीं शताब्दी के कवि और संत श्रीमद्गोपाल भट्ट गोस्वामी को दिया जाता है। यह…
श्रीकृष्णाष्टोत्तरसहस्रनामस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 1080 श्लोकों में विभाजित है। श्रीकृष्णाष्टोत्तरसहस्रनामस्तोत्रम् की रचना का श्रेय 14वीं शताब्दी के कवि और संत श्रीवल्लभाचार्य को दिया जाता है। यह स्तोत्र वल्लभाचार्य के प्रेम…