श्रीमद्भगवद्गीताष्टकम्, जिसे श्रीमद्भगवद्गीताष्टक भी कहा जाता है, श्रीमद्भगवद्गीता के आधार पर लिखी गई एक स्तुति है। यह स्तुति श्रीमद्भगवद्गीता के सार को प्रस्तुत करती है और भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में निमग्न होने के लिए प्रोत्साहित करती है।…
श्रीमुकुंदष्टकम्, जिसे श्रीमुकुंदष्टक भी कहा जाता है, भगवान कृष्ण की आठ श्लोकों वाली एक स्तुति है। यह स्तुति श्रीमद्भगवद्गीता के एक भक्त और विद्वान, श्रीमद्भागवताचार्य श्री रामकृष्ण भट्टाचार्य द्वारा रचित है। श्रीमुकुंदष्टकम् में, श्री रामकृष्ण भट्टाचार्य भगवान कृष्ण की सुंदरता,…
श्री मुरलीधरगोपालाष्टकम्, जिसे श्री मुरलीधरगोपालाष्टक भी कहा जाता है, भगवान श्रीकृष्ण की आठ श्लोकों वाली एक स्तुति है। यह स्तुति श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन रहने वाले एक भक्त, श्री गोपाल भट्ट द्वारा रचित है। श्री मुरलीधरगोपालाष्टकम् में, श्री गोपाल…
श्रीराधकृष्णाष्टकस्तोत्रम्, जिसे श्रीराधकृष्णाष्टक भी कहा जाता है, भगवान श्रीकृष्ण और माता श्रीराधा की आठ श्लोकों वाली एक स्तुति है। यह स्तुति श्रीरूप गोस्वामी द्वारा रचित है, जो एक प्रसिद्ध वैष्णव भक्त और संत थे। श्रीराधकृष्णाष्टकस्तोत्रम् में, श्रीरूप गोस्वामी भगवान श्रीकृष्ण…
श्रीराधकृष्णाष्टोत्तरशतनामावली, जिसे श्रीराधकृष्णशतनामावली भी कहा जाता है, भगवान श्रीकृष्ण और माता श्रीराधा के 108 नामों की एक सूची है। यह कृष्ण भक्ति की एक महत्वपूर्ण कृति है, और इसे अक्सर भक्ति में प्रगति करने के लिए एक मार्गदर्शक के रूप…
श्रीराधादमोदर ध्यानम् अर्थ (1) हे श्रीकृष्ण! आपके श्याम वर्ण से वृंदावन के हरे-भरे वृक्षों की शोभा बढ़ जाती है। आपके बालों में मोर पंख की माला शोभायमान है। आपके हाथों में बांसुरी है और आपके मुख पर मुस्कान है। आपके…
श्रीराधाष्टकम् अर्थ (1) हे माता राधिका! आपको मेरा प्रणाम। आप ही इस संसार की रक्षा और पालन करने वाली हैं। आप ही पूर्ण प्रेम की अवतार हैं। (2) आप ही श्रीकृष्ण के प्रेम की प्रेरणा हैं। आप ही श्रीकृष्ण के…
श्री रामकृष्ण युगलस्तुति अर्थ (1) हे भगवान रामकृष्ण! आप श्रीकृष्ण और राधा का अवतार हैं। आप दोनों ही पूर्ण प्रेम के प्रतीक हैं। आपके प्रेम में कोई भेदभाव या सीमाएं नहीं हैं। आप सभी जीवों को समान रूप से प्यार…
श्रीललिताष्टकम् अर्थ (1) श्री राधा-कृष्ण के चरण-कमल से निकलने वाले पसीने की बूंदों को पोंछने वाली, दिव्य प्रेम के उच्चतम और अंतरंग स्वरों में डूबी रहने वाली, और सौंदर्य, माधुर्य और गुरुत्व जैसे गुणों की आकर्षक निधि श्री ललिता देवी…
श्रीस्वयंभगवत्स्थाकम एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान विष्णु की स्तुति करता है। यह स्तोत्र भगवान विष्णु की आत्म-प्रकट होने वाली प्रकृति की महिमा का वर्णन करता है। स्तोत्र के रचयिता अज्ञात हैं, लेकिन यह माना जाता है कि यह प्राचीन…
श्रीस्वयंभगवत्स्थाकम एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान विष्णु की स्तुति करता है। यह स्तोत्र भगवान विष्णु की आत्म-प्रकट होने वाली प्रकृति की महिमा का वर्णन करता है। स्तोत्र के रचयिता अज्ञात हैं, लेकिन यह माना जाता है कि यह प्राचीन…
सत्यव्रतोक्तादमोदारस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति करता है। यह स्तोत्र सत्यव्रत नामक एक राजा द्वारा रचा गया था, जो भगवान शिव के भक्त थे। स्तोत्र में, सत्यव्रत भगवान शिव की महिमा और गुणों का वर्णन करते…