श्री गोपाल सहस्रनामावली एक वैष्णव स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण के एक हजार नामों की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र एक हजार श्लोकों में विभाजित है, और प्रत्येक श्लोक में भगवान कृष्ण के एक अलग नाम की स्तुति…
श्रीगोपालस्तोत्रम् एक वैष्णव स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 24 श्लोकों में विभाजित है, और प्रत्येक श्लोक में भगवान कृष्ण के एक अलग गुण या उपलब्धि की स्तुति की गई है। श्रीगोपालस्तोत्रम् की…
श्री गोपालष्टोत्तराष्टानामावली एक वैष्णव स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण के आठ नामों की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र आठ श्लोकों में विभाजित है, और प्रत्येक श्लोक में भगवान कृष्ण के एक अलग नाम की स्तुति की गई है।…
श्री गोविन्द शरणागती स्तोत्र एक वैष्णव स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की शरण में जाने के महत्व का वर्णन करता है। यह स्तोत्र 8 श्लोकों में विभाजित है, और प्रत्येक श्लोक में भगवान कृष्ण की शरण में जाने के लाभों…
श्रीगोसांकपंचविंशति एक वैष्णव स्तोत्र है जो भगवान चैतन्य महाप्रभु के प्रमुख शिष्य, श्रील भक्तिविनोद ठाकुर की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र पचास श्लोकों में विभाजित है, और प्रत्येक श्लोक में श्रील भक्तिविनोद ठाकुर के एक अलग गुण या…
श्रीगोसांकपंचविंशति एक वैष्णव स्तोत्र है जो भगवान चैतन्य महाप्रभु के प्रमुख शिष्य, श्रील भक्तिविनोद ठाकुर की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र पचास श्लोकों में विभाजित है, और प्रत्येक श्लोक में श्रील भक्तिविनोद ठाकुर के एक अलग गुण या…
श्री गौरांगष्टोत्तराष्टानामावली एक वैष्णव स्तोत्र है जो भगवान चैतन्य महाप्रभु के आठ नामों की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र आठ श्लोकों में विभाजित है, और प्रत्येक श्लोक में भगवान चैतन्य महाप्रभु के एक अलग नाम की स्तुति की…
श्री गौरांगप्रत्यनौंख्यष्टावराराजः एक वैष्णव स्तोत्र है जो भगवान चैतन्य महाप्रभु के आठ रूपों की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र आठ श्लोकों में विभाजित है, और प्रत्येक श्लोक में भगवान चैतन्य महाप्रभु के एक अलग रूप की स्तुति की…
श्री गौरांगष्टोत्तर श्लोकनमस्तोत्रम् एक वैष्णव स्तोत्र है जो भगवान चैतन्य महाप्रभु की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र ४२ श्लोकों में विभाजित है, और प्रत्येक श्लोक में भगवान चैतन्य महाप्रभु के एक अलग गुण या रूप की स्तुति की…
श्री जगदीश शतकम् एक वैष्णव स्तोत्र है जो भगवान विष्णु की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र १०० श्लोकों में विभाजित है, और प्रत्येक श्लोक में भगवान विष्णु के एक अलग गुण या रूप की स्तुति की गई है।…
श्री जगन्नाथ गीतमृ्तं एक वैष्णव ग्रन्थ है जिसकी रचना श्री चैतन्य महाप्रभु ने की थी। यह ग्रन्थ भगवान जगन्नाथ की महिमा का वर्णन करता है। श्री जगन्नाथ गीतमृ्तं में, श्री चैतन्य महाप्रभु ने भगवान जगन्नाथ को निम्नलिखित रूपों में वर्णित…
श्री जगन्नाथ गीतमृ्तं ३ एक वैष्णव ग्रन्थ है जिसकी रचना श्री चैतन्य महाप्रभु ने की थी। यह ग्रन्थ भगवान जगन्नाथ की महिमा का वर्णन करता है। श्री जगन्नाथ गीतमृ्तं ३ में, श्री चैतन्य महाप्रभु ने भगवान जगन्नाथ को निम्नलिखित रूपों…