प्रेमसायुज्यम् premasayujyam

प्रेमेन्दुसागरस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की प्रशंसा में लिखा गया है। यह स्तोत्र 100 श्लोकों में विभाजित है, प्रत्येक श्लोक में भगवान कृष्ण के विभिन्न रूपों और गुणों की वर्णन है। प्रथम श्लोक: कलहान्तरितावृत्ता काचिद् वल्लवसुन्दरी विरहोततापखिन्नाङ्गी…

प्रेमेन्दुसागरस्तोत्रम् Premendusagarstotram

प्रेमेन्दुसागरस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की प्रशंसा में लिखा गया है। यह स्तोत्र 100 श्लोकों में विभाजित है, प्रत्येक श्लोक में भगवान कृष्ण के विभिन्न रूपों और गुणों की वर्णन है। प्रथम श्लोक: कलहान्तरितावृत्ता काचिद् वल्लवसुन्दरी विरहोततापखिन्नाङ्गी…

बालग्रहरक्षास्तोत्रम् Balgrahrakshastotram

बालबोध एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है “बालकों को समझाना”। यह एक ऐसी विधि है जो बच्चों को पढ़ाने और समझाने के लिए डिज़ाइन की गई है जो उनकी उम्र और विकास के स्तर के अनुकूल हो। बालबोध विधि…

बालबोधः Balbodh

बालबोध एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है “बालकों को समझाना”। यह एक ऐसी विधि है जो बच्चों को पढ़ाने और समझाने के लिए डिज़ाइन की गई है जो उनकी उम्र और विकास के स्तर के अनुकूल हो। बालबोध विधि…

बालमुकुन्दाष्टकं Balamukundashtakam

मोक्षप्रदश्रीपुण्डरीकाक्षस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान विष्णु की प्रशंसा में लिखा गया है। यह स्तोत्र 100 श्लोकों में विभाजित है, प्रत्येक श्लोक में भगवान विष्णु के विभिन्न रूपों और गुणों की वर्णन है। प्रथम श्लोक: नमस्ते पुण्डरीकाक्ष नमस्ते विष्णो…

मोक्षप्रदश्रीपुण्डरीकाक्षस्तोत्रम् Mokshapradashreepundarikakshastotram

मोक्षप्रदश्रीपुण्डरीकाक्षस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान विष्णु की प्रशंसा में लिखा गया है। यह स्तोत्र 100 श्लोकों में विभाजित है, प्रत्येक श्लोक में भगवान विष्णु के विभिन्न रूपों और गुणों की वर्णन है। प्रथम श्लोक: नमस्ते पुण्डरीकाक्ष नमस्ते विष्णो…

रमापतिस्मरणम् अथवा कमलेशमाला Ramapatismaranam or Kamaleshmala

रामपतिस्मरणम् और कमलेशमला दो संस्कृत स्तोत्र हैं जो भगवान राम की प्रशंसा में लिखे गए हैं। रामपतिस्मरणम् एक छोटा स्तोत्र है, जिसमें केवल चार श्लोक हैं। यह स्तोत्र भगवान राम के रूप और गुणों का वर्णन करता है। कमलेशमला एक…

राम कृष्ण हरि जय जय भावाने म्हणा Say Ram Krishna Hari Jai Jai Bhavane

रासक्रीड़ा भगवान कृष्ण और उनकी सखियों की प्रेम लीला है। यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिंदू धार्मिक अवधारणा है, जिसका वर्णन विभिन्न हिंदू ग्रंथों, विशेष रूप से महाभारत, भागवत पुराण और गीता गोविंद में किया गया है। रासक्रीड़ा को अक्सर कृष्ण…

रासक्रीडा Raskrida

रासक्रीड़ा भगवान कृष्ण और उनकी सखियों की प्रेम लीला है। यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिंदू धार्मिक अवधारणा है, जिसका वर्णन विभिन्न हिंदू ग्रंथों, विशेष रूप से महाभारत, भागवत पुराण और गीता गोविंद में किया गया है। रासक्रीड़ा को अक्सर कृष्ण…

रोगहरश्रीगुरुवातपुराधिपाष्टकम् Rogharshreeguruvatpuradhipashtakam

रोगरश्रेगुरुवतपुरधिपाष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की प्रशंसा में लिखा गया है। यह स्तोत्र आठ श्लोकों में विभाजित है, प्रत्येक श्लोक में भगवान शिव के विभिन्न रूपों और गुणों की वर्णन है। प्रथम श्लोक: रोगरश्रेगुरुवतपुरधिप भव शशिशेखर त्रिलोचन…

वरदवल्लभसतोत्रम् अथवा चतुःश्लोकी Varadavallabhasatotram or Chatushloki

वरदावल्लभसतोट्रम वरदावल्लभसतोट्रम एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की प्रशंसा में लिखा गया है। यह स्तोत्र 100 श्लोकों में विभाजित है, प्रत्येक श्लोक में भगवान कृष्ण के विभिन्न रूपों और गुणों की वर्णन है। प्रथम श्लोक: वरदावल्लभ मधुरसख मधुरवदन…

श्री नन्द नन्दनाष्टकम् Shri Nand Nandanashtakam

श्री नंद नंदनाष्टकम एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की प्रशंसा में लिखा गया है। यह स्तोत्र आठ श्लोकों में विभाजित है, प्रत्येक श्लोक में भगवान कृष्ण के विभिन्न रूपों और गुणों की वर्णन है। पहले श्लोक में, भगवान…