KARMASU

सुमधुराष्टकम् sumadhurashtakam

  सुमधुराष्टकम् एक संस्कृत कविता है जिसे संत श्रीदेवी स्वामिन् नायकः लिखा है। यह कविता भारतीय संस्कृति और धार्मिकता को व्यक्त करती है और इसमें भक्ति भाव और भारतीय संस्कृति के महत्त्वपूर्ण आधारभूत सिद्धांतों को दर्शाया गया है। यह अष्टक…

देवाः एवं नन्दिकेश विरचिता शिवस्तुतिः Devah and Nandikesh Virchita Shivstutih

देवह और नन्दिकेश विर्चित शिवस्तुतिह एक संस्कृत स्तोत्र है जो शिव की स्तुति करता है। यह स्तोत्र देवताओं और नंदी द्वारा गाया जाता है, जो शिव के वाहन हैं। स्तोत्र में शिव के विभिन्न गुणों और शक्तियों की प्रशंसा की…

नित्यानन्दाष्टकम् Nityanandashtakam

नित्यानंदष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान श्रीकृष्ण के परम मित्र और भक्त, नित्यानंद प्रभु की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 16वीं शताब्दी के वैष्णव संत और कवि रूपगोस्वामी द्वारा रचित था। स्तोत्र के आठ श्लोक हैं, प्रत्येक श्लोक में…

अष्टोत्तरशतश्लोकात्मकं मुरलीधरस्तोत्रम् Ashtottara Shatashlokatakam Muralidharastotram

अष्टोत्तर शतकशतकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 15वीं शताब्दी के वैष्णव संत और कवि नरहरि द्वारा रचित था। स्तोत्र के 108 श्लोक हैं, प्रत्येक श्लोक में कृष्ण के बाल…

कृष्णसहस्रनामस्तोत्रम् (गर्गसंहितान्तर्गतम् हरिर्देवकीनन्दनः) Krishnasahasranamastotram (Gargasamhitantargatam Haridevakinandanah)

कृष्णसहस्रनामस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण के 1000 नामों की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 12वीं शताब्दी के वैष्णव संत और कवि श्रीपद कृष्णदास द्वारा रचित था। स्तोत्र के 1000 श्लोक हैं, प्रत्येक श्लोक में कृष्ण के एक…

कृष्णसहस्रनामस्तोत्रम् (विष्णुधर्मोत्तरान्तर्गतम्) Krishnasahasranamastotram (Vishnudharmottarantargatam)

कृष्णसहस्रनामस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण के 1000 नामों की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 12वीं शताब्दी के वैष्णव संत और कवि श्रीपद कृष्णदास द्वारा रचित था। स्तोत्र के 1000 श्लोक हैं, प्रत्येक श्लोक में कृष्ण के एक…

गुरुवातपुरीशपञ्चरत्नम् guruvatpurishapancharatnam

गुरुवत्पुरीशपञ्चरत्नम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण के पाँच गुरुओं की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 15वीं शताब्दी के वैष्णव संत और कवि नरहरि द्वारा रचित था। स्तोत्र के पाँच श्लोक हैं, प्रत्येक श्लोक में कृष्ण के एक विशेष…

गोपालविंशतिस्तोत्रम् Gopalvinshatistotram

गोपालविंशतिस्तोत्र एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण के बाल रूप की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 16वीं शताब्दी के वैष्णव संत और कवि रूपगोस्वामी द्वारा रचित था। स्तोत्र के 20 श्लोक हैं, प्रत्येक श्लोक में कृष्ण के बाल रूप…

गोपालस्तवः (रधुनाथवर्यविरचितो) Gopalastavah (Radhunathvaryavirachito)

गोपालहृदयस्तोत्र और विष्णुहृदयस्तोत्र दोनों ही संस्कृत में लिखे गए स्तोत्र हैं जो भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु की महिमा का वर्णन करते हैं। गोपालहृदयस्तोत्र एक अत्यंत लोकप्रिय स्तोत्र है जो अक्सर कृष्ण भक्तों द्वारा पढ़ा जाता है। यह स्तोत्र कृष्ण…

गोपालस्तोत्रम् अथवा गोपालस्तवराजः (नारदपञ्चरात्रे) Gopalastotram or Gopalastavrajah (Naradpancharatre)

गोपालहृदयस्तोत्र और विष्णुहृदयस्तोत्र दोनों ही संस्कृत में लिखे गए स्तोत्र हैं जो भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु की महिमा का वर्णन करते हैं। गोपालहृदयस्तोत्र एक अत्यंत लोकप्रिय स्तोत्र है जो अक्सर कृष्ण भक्तों द्वारा पढ़ा जाता है। यह स्तोत्र कृष्ण…

गोपालहृदयस्तोत्रम् अथवा विष्णुहृदयस्तोत्रम् Gopalhridayastotram or Vishnuhridayastotram

गोपालहृदयस्तोत्र और विष्णुहृदयस्तोत्र दोनों ही संस्कृत में लिखे गए स्तोत्र हैं जो भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु की महिमा का वर्णन करते हैं। गोपालहृदयस्तोत्र एक अत्यंत लोकप्रिय स्तोत्र है जो अक्सर कृष्ण भक्तों द्वारा पढ़ा जाता है। यह स्तोत्र कृष्ण…

गोपीनाथदेवाष्टकम् (विश्वनाथचक्रवर्तिन् ठक्कुरविरचितम्) Govardhanashrayadasakam (Raghunathdasgoswamivirachitam)

गोवर्धनशरणदासकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण के द्वारा गोवर्धन पर्वत को उठाने की लीला की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 17वीं शताब्दी के वैष्णव संत और कवि रघुनाथदास गोस्वामी द्वारा रचित था। स्तोत्र के 10 श्लोक हैं, प्रत्येक…