श्रीभुजंगप्रयाटाष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण के भक्तों को भय से मुक्ति दिलाने के लिए एक प्रार्थना है। यह स्तोत्र संत कवि विद्यापति द्वारा रचित है। यह स्तोत्र वंशस्थल छंद में रचित है, जिसमें प्रत्येक…
श्रीभुशुक्तम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण के भक्तों के लिए एक आशीर्वाद है। यह स्तोत्र संत कवि विद्यापति द्वारा रचित है। यह स्तोत्र वंशस्थल छंद में रचित है, जिसमें प्रत्येक चरण में 16 अक्षर होते…
श्रीमथुरास्थाव एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण के जन्मस्थान मथुरा की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र संत कवि विद्यापति द्वारा रचित है। यह स्तोत्र वंशस्थल छंद में रचित है, जिसमें प्रत्येक चरण में 16…
श्रीमदनगोपालाष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण के बाल रूप की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र संत कवि विद्यापति द्वारा रचित है। यह स्तोत्र वराष्टक छंद में रचित है, जिसमें प्रत्येक चरण में आठ…
श्रीमदनगोपालाष्टकम् एक संस्कृत वर्णनात्मक कविता है जो भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण के बाल रूप की महिमा का वर्णन करती है। यह कविता संत कवि विद्यापति द्वारा रचित है। यह कविता वराष्टक छंद में रचित है, जिसमें प्रत्येक चरण में…
श्रीमधुसूदनस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र संत कवि विद्यापति द्वारा रचित है। यह स्तोत्र अष्टपदी छंद में रचित है, जिसमें प्रत्येक चरण में आठ अक्षर होते हैं।…
श्रीमाधवाप्रपन्नाष्टकम् एक संस्कृत वर्णनात्मक कविता है जो भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण के प्रति भक्ति की महिमा का वर्णन करती है। यह कविता संत कवि विद्यापति द्वारा रचित है। यह कविता वराष्टक छंद में रचित है, जिसमें प्रत्येक चरण में…
श्रीमुकुंदस्तोत्रम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान विष्णु के बाल रूप, श्रीकृष्ण की महिमा का वर्णन करता है। यह स्तोत्र संत कवि विद्यापति द्वारा रचित है। यह स्तोत्र अष्टपदी छंद में रचित है, जिसमें प्रत्येक चरण में आठ अक्षर होते…
श्रीमोहनक्षेत्रनाथसुप्रभातम एक संस्कृत वर्णनात्मक कविता है जो भगवान कृष्ण के मोहनक्षेत्र में प्रातः उठने की क्रियाओं का वर्णन करती है। यह कविता संत कवि विद्यापति द्वारा रचित है। यह कविता वराष्टक छंद में रचित है, जिसमें प्रत्येक चरण में आठ…
श्रीराजागोपालाशतकोतशतनामावल्ली एक संस्कृत वर्णनात्मक कविता है जो भगवान कृष्ण के बाल रूप की महिमा का वर्णन करती है। यह कविता संत कवि विद्यापति द्वारा रचित है। यह कविता वराष्टक छंद में रचित है, जिसमें प्रत्येक चरण में आठ अक्षर होते…
श्रीराधाकृष्णाष्टकम् एक संस्कृत वर्णनात्मक कविता है जो भगवान कृष्ण और उनकी प्रेमिका राधा की महिमा का वर्णन करती है। यह कविता संत कवि विद्यापति द्वारा रचित है। यह कविता वराष्टक छंद में रचित है, जिसमें प्रत्येक चरण में आठ अक्षर…
श्रीरुचिराष्टकम् २ एक संस्कृत वर्णनात्मक कविता है जो भगवान शिव की महिमा का वर्णन करती है। यह कविता संत कवि विद्यापति द्वारा रचित है। यह कविता वराष्टक छंद में रचित है, जिसमें प्रत्येक चरण में आठ अक्षर होते हैं। श्रीरुचिराष्टकम्…