श्रीरामभद्र मंगलाशासनं एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान राम के भक्त श्रीरामभद्राचार्य की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 14वीं शताब्दी के संत और कवि तुलसीदास ने लिखा था। श्रीरामभद्र मंगलाशासनं के 8 श्लोक निम्नलिखित हैं: श्लोक 1: जय जय श्रीरामभद्र…
श्रीराम प्रातः स्मरणम् और श्रीराम पंचकम् श्रीराम प्रातः स्मरणम् एक श्लोक है जो भगवान राम के चरण कमलों की पूजा करता है। यह श्लोक भगवान राम के चरणों की महिमा का वर्णन करता है। श्रीराम पंचकम् एक पाँच श्लोकों का…
श्रीराम प्रातः स्मरणम् प्रातर्भजामि रघुनाथकरारविन्दं रक्षोगणाय भयदं वरदं निजेभ्यः। यद्राजसंसदि विभज्य महेशचापं सीताकरग्रहणमङ्गलमाप सद्यः ॥ अर्थ: मैं प्रातःकाल भगवान राम के चरण कमलों की पूजा करता हूँ, जो राक्षसों के लिए भयंकर और अपने भक्तों के लिए वर देने वाले…
श्रीरामपादुकस्तोत्रम् अनन्तसंसारसमुद्रतार नौकायिताभ्यां गुरुभक्तिदाभ्यां नमस्ते श्रीगुरुपादुकाभ्यां॥ कवित्ववाराशिनिशाकराभ्यां दौर्भाग्यदावांबुदमालिकाभ्यां दूरिकृतानम्र विपत्तिभ्यां नमस्ते श्रीगुरुपादुकाभ्यां॥ नता ययोः श्रीपतितां समीयुः कदाचिद्पि दरिद्रवर्याः मूकाश्च वाचस्पतितां हि ताभ्यां नमस्ते श्रीगुरुपादुकाभ्यां॥ नालीकनीकाशदाहृताभ्यां नानाविमोहादिनिवारिकाभ्यां नमज्जनाभीष्टततिप्रदाभ्यां नमस्ते श्रीगुरुपादुकाभ्यां॥ नृपालिमौलिब्रज रत्नकंति सरिद्विराज्जषकन्यकाभ्यां नृपत्वदाभ्यां नतलोकपंक्तेः नमस्ते श्रीगुरुपादुकाभ्यां॥ पापांधकारार्कपरंपराभ्यां तापत्रयाहीन्द्र खगेश्वराभ्यां जाड्याब्धिसंशोषणवाड्वाभ्यां…
श्री रामनाम स्तुति जय राम जय राम जय राम, राम नाम सब सुखों का दाता। जो कोई भी राम नाम जपता है, उसके सभी दुख दूर होते हैं। राम नाम अमृत है, राम नाम सत्य है। राम नाम का जाप…
श्रीरामनामदासशलोकी एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान राम के नामों की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 10 श्लोकों में विभाजित है, और प्रत्येक श्लोक में भगवान राम के एक अलग नाम की स्तुति की जाती है। श्रीरामनामदासशलोकी की रचना 17वीं…
श्रीरामनववर्णस्तोत्रम एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान राम की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 9 श्लोकों में विभाजित है, और प्रत्येक श्लोक में भगवान राम के एक अलग पहलू की स्तुति की जाती है। श्रीरामनववर्णस्तोत्रम की रचना 14वीं शताब्दी के…
श्रीरामचरितमानस के बालकाण्ड में भगवान राम के जन्म के बाद नारद और देवताओं ने उनकी स्तुति करते हुए एक स्तोत्र गाया था, जिसे श्रीरामद्वादशनामस्तोत्रम कहा जाता है। इस स्तोत्र में भगवान राम के 12 नामों की स्तुति की गई है।…
श्रीरामचरितमानस के बालकाण्ड में भगवान राम के जन्म के बाद ऋषि वशिष्ठ ने उन्हें स्तुति करते हुए कहा था: सुखमय, मंगलमय, मंगलकारी, जय श्रीराम, जय श्रीराम, जय श्रीराम। तुम हो ज्ञान के सागर, तुम हो नीति के आधार, तुम हो…
श्री रघुबीर भक्त हितकारी । सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी ॥ निशि दिन ध्यान धरै जो कोई । ता सम भक्त और नहिं होई ॥ ध्यान धरे शिवजी मन माहीं । ब्रह्मा इन्द्र पार नहिं पाहीं ॥ जय जय जय…
श्रीरामचंद्रष्टकम एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान राम की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 8 श्लोकों में विभाजित है, और प्रत्येक श्लोक में भगवान राम के एक अलग पहलू की स्तुति की जाती है। श्रीरामचंद्रष्टकम की रचना 14वीं शताब्दी के…
श्रीरामचंद्रष्टकम एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान राम की स्तुति करता है। यह स्तोत्र 8 श्लोकों में विभाजित है, और प्रत्येक श्लोक में भगवान राम के एक अलग पहलू की स्तुति की जाती है। श्रीरामचंद्रष्टकम की रचना 14वीं शताब्दी के…