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  • Create Date October 9, 2023
  • Last Updated October 9, 2023

श्रीनव्युद्धद्वंद्विद्रक्षष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण के नौ रूपों की स्तुति करता है। ये रूप भगवान कृष्ण के विभिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं, जैसे कि उनकी शक्ति, बुद्धि, दया और प्रेम।

श्रीनव्युद्धद्वंद्विद्रक्षष्टकम् का पाठ करने से भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। यह स्तोत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है जो भगवान कृष्ण के भक्त हैं और उनकी कृपा प्राप्त करना चाहते हैं।

श्रीनव्युद्धद्वंद्विद्रक्षष्टकम् के नौ श्लोक निम्नलिखित हैं:

श्लोक 1

श्रीकृष्णाय देवाय नमः नवयुद्धायुधधारिणे नमः

अर्थ: मैं भगवान कृष्ण को नमन करता हूं, जो नवयुद्धायुधधारी हैं।

श्लोक 2

श्यामवर्णाय देवाय नमः गोवर्धनधराय नमः

अर्थ: मैं भगवान कृष्ण को नमन करता हूं, जो श्यामवर्ण हैं और गोवर्धन पर्वत को उठाया था।

श्लोक 3

मुरलीधराय देवाय नमः रासलीलाप्रियाय नमः

अर्थ: मैं भगवान कृष्ण को नमन करता हूं, जो मुरलीधर हैं और रासलीला के प्रेमी हैं।

श्लोक 4

बांसुरीवादिनाय देवाय नमः गोपियों के प्रियाय नमः

अर्थ: मैं भगवान कृष्ण को नमन करता हूं, जो बांसुरीवादक हैं और गोपियों के प्रिय हैं।

श्लोक 5

मधुसूदनाय देवाय नमः कंस का वध करने वाले देवाय नमः

अर्थ: मैं भगवान कृष्ण को नमन करता हूं, जो मधुसूदन हैं और कंस का वध करने वाले हैं।

श्लोक 6

अर्जुन के सारथी देवाय नमः महाभारत के युद्ध में विजयी देवाय नमः

अर्थ: मैं भगवान कृष्ण को नमन करता हूं, जो अर्जुन के सारथी हैं और महाभारत के युद्ध में विजयी हैं।

श्लोक 7

गोपियों के हृदय में निवास करने वाले देवाय नमः प्रेम के सागर देवाय नमः

अर्थ: मैं भगवान कृष्ण को नमन करता हूं, जो गोपियों के हृदय में निवास करते हैं और प्रेम के सागर हैं।

श्लोक 8

भक्तों के प्रिय देवाय नमः सभी सांसारिक दुखों को दूर करने वाले देवाय नमः

अर्थ: मैं भगवान कृष्ण को नमन करता हूं, जो भक्तों के प्रिय हैं और सभी सांसारिक दुखों को दूर करने वाले हैं।

श्लोक 9

सर्वव्यापी देवाय नमः सर्वशक्तिमान देवाय नमः

अर्थ: मैं भगवान कृष्ण को नमन करता हूं, जो सर्वव्यापी हैं और सर्वशक्तिमान हैं।

श्रीनव्युद्धद्वंद्विद्रक्षष्टकम् का पाठ करने का सबसे अच्छा समय सुबह जल्दी या शाम को है। स्तोत्र का पाठ करने से पहले, स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। स्तोत्र का पाठ करने के दौरान, अपने मन को शांत रखें और भगवान कृष्ण के प्रति श्रद्धा और भक्ति रखें।

श्रीनव्युद्धद्वंद्विद्रक्षष्टकम् एक शक्तिशाली मंत्र है जो भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त करने में मदद कर सकता है। यदि आप भगवान कृष्ण के भक्त हैं और उनकी कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो श्रीनव्युद्धद्वंद्विद्रक्षष्टकम् का पाठ करें।

यहां श्रीनव्युद्धद्वंद्विद्रक्षष्टकम् के कुछ श्लोकों का अनुवाद है:

श्लोक 1

मैं भगवान कृष्ण को नमन करता हूं, जो नवयुद्धायुधधारी हैं। उनके पास नौ तरह के हथियार हैं, जो उनकी शक्ति और दक्षता का प्रतीक हैं।

श्लोक 2

मैं भगवान कृष्ण को नमन करता हूं, जो श्यामवर्ण हैं और गोवर्धन पर्वत को उठाया था। उनका श्याम


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