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  • Create Date October 4, 2023
  • Last Updated October 4, 2023

चंद्र कवच एक संस्कृत स्तोत्र है जो चंद्रमा की रक्षा प्रदान करता है। यह स्तोत्र चंद्रमा के विभिन्न रूपों का वर्णन करता है जो साधक की रक्षा करते हैं।

चंद्र कवच में 27 श्लोक हैं। स्तोत्र की शुरुआत में, साधक चंद्रमा से उनकी रक्षा करने की प्रार्थना करता है। चंद्रमा उनकी प्रार्थना सुनते हैं और उन्हें अपनी रक्षा प्रदान करते हैं। स्तोत्र में, चंद्रमा के विभिन्न रूपों का वर्णन है जो साधक की रक्षा करते हैं।

चंद्र कवच का पाठ करने से साधक को कई लाभ होते हैं। यह स्तोत्र साधक को सभी बुराईयों से बचाता है, उसे आध्यात्मिक सिद्धि प्रदान करता है, और उसे लंबी और सुखी जीवन देता है।

चंद्र कवच का पाठ करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:

  1. सबसे पहले, एक साफ और पवित्र स्थान पर बैठें।
  2. फिर, एक दीपक जलाएं और चंद्रमा की पूजा करें।
  3. अब, चंद्र कवच का पाठ करें।
  4. स्तोत्र का पाठ करते समय, चंद्रमा पर ध्यान केंद्रित करें।
  5. स्तोत्र का पाठ करने के बाद, चंद्रमा से आशीर्वाद मांगें।

चंद्र कवच का पाठ करने से पहले, किसी योग्य गुरु से निर्देश लेना उचित है।

चंद्र कवच के कुछ लाभ निम्नलिखित हैं:

  • सभी बुराईयों से सुरक्षा
  • आध्यात्मिक सिद्धि
  • लंबी और सुखी जीवन
  • धन, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति
  • सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति
  • ऋणों से मुक्ति
  • भय से मुक्ति
  • मनोकामनाओं की पूर्ति

चंद्र कवच का पाठ करने से साधक को आध्यात्मिक उन्नति होती है और वह चंद्रमा की कृपा प्राप्त करता है।

चंद्र कवच के कुछ संस्कृत श्लोक निम्नलिखित हैं:

॥ चंद्र कवच ॥

अथ चंद्र कवच।

ॐ नमो भगवते चंद्राय।

ॐ सोमाय नमः।

ॐ क्षीरोदधिसम्भवाय नमः।

ॐ नीलकण्ठाय नमः।

ॐ चन्द्रशेखराय नमः।

ॐ श्वेतवर्णाय नमः।

ॐ सर्वभूतहिताय नमः।

ॐ सर्वरोगनाशिने नमः।

ॐ सर्वपापनाशिने नमः।

ॐ सर्वशत्रुनाशिने नमः।

ॐ सर्वविघ्ननाशिने नमः।

ॐ सर्वभयनाशिने नमः।

ॐ सर्वार्थसिद्धये नमः।

ॐ सर्वमंगलप्रदाय नमः।

ॐ सर्वशक्तिमते नमः।

ॐ सर्वरक्षाकारिणे नमः।

इस स्तोत्र का अर्थ है:

"मैं भगवान चंद्रमा को प्रणाम करता हूं।

मैं सोम को प्रणाम करता हूं।

मैं क्षीरोदधि से उत्पन्न हुए को प्रणाम करता हूं।

मैं नीलकण्ठ को प्रणाम करता हूं।

मैं चंद्रशेखर को प्रणाम करता हूं।

मैं श्वेतवर्ण वाले को प्रणाम करता हूं।

मैं सभी प्राणियों की भलाई करने वाले को प्रणाम करता हूं।

मैं सभी रोगों को नष्ट करने वाले को प्रणाम करता हूं।

मैं सभी पापों को नष्ट करने वाले को प्रणाम करता हूं।

मैं सभी शत्रुओं को नष्ट करने वाले को प्रणाम करता हूं।

मैं सभी विघ्नों को नष्ट करने वाले को प्रणाम करता हूं।

मैं सभी भयों को नष्ट करने वाले को प्रणाम करता हूं।

मैं सभी प्रकार के धन-संपदा और सुख-शांति को प्रदान करने वाले को प्रणाम करता हूं।

मैं सभी शक्तियों से युक्त को प्रणाम करता हूं।

मैं सभी प्रकार की रक्षा करने वाले को प्रणाम करता हूं।"

चंद्र कवच एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो साधक को चंद्रमा की रक्षा प्रदान करता है।


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