KARMASU

Ambubachi Mela:कामाख्या देवी मंदिर में जल्द ही अम्बुबाची मेला लगने वाला है। इस दौरान मां कामाख्या देवी मंदिर के कपाट बंद रहेंगे, क्योंकि माना जाता है कि पृथ्वी माता रजस्वला होती हैं। देशभर से तांत्रिक और श्रद्धालु इस मेले में शामिल होने आते हैं। आइए जानते हैं अम्बुबाची मेला की खास बातें और मेला कब से शुरु हो रहा है।

Ambubachi Mela
Ambubachi Mela

कामाख्या देवी मंदिर में 4 दिवसीय मेले का आयोजन होने जा रहा है। देशभर से हजारों की संख्या में लोग इस मेले में शामिल होते हैं। कामाक्या देवी मंदिर 51 शक्तिपीठ में से एक है। कामाख्या देवी मंदिर में जिस मेले का आयोजन किया जाता है इसका नाम अम्बुबाची मेला है। आइए जानते हैं इस साल कब से लगने जा रहा है अम्बुबाची मेला और इस मेले की क्या खास बातें हैं।

Ambubachi Mela 2025 date & time

Ambubachi Mela अंबुबाची मेला असम के कामाख्या मंदिर में हर साल आयोजित होने वाला एक वार्षिक हिंदू मेला है। हिंदू महीने “आषाढ़” के सातवें से दसवें दिन तक अम्बुबाची की अवधि के दौरान, मंदिर के दरवाजे सभी के लिए बंद कर दिए जाते हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि देवी कामाख्या मासिक धर्म के वार्षिक चक्र से गुजरती हैं। अम्बुबाची मेला 22 जून से आरंभ होने जा रहा है और 26 जून तक यह मेला चलेगा। 

यह Ambubachi Mela मेला देवी कामाख्या के मासिक धर्म चक्र को दर्शाता है, जो पृथ्वी की उर्वरता और स्त्री शक्ति का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान देवी को आराम और विश्राम की जरूरत होती है अर्थात यह भी मान्यता है कि इस दौरान देवी अपनी रचनात्मक शक्ति से पृथ्वी को धन्य करती हैं, जिससे भूमि उपजाऊ हो जाती है इसलिए मंदिर के अंदर सभी पूजा-अर्चना बंद कर दी जाती है और मंदिर के आसपास के गांवों में लोग भी कुछ दिनों के लिए नियमित गतिविधियों से दूर रहते हैं।

Ambubachi Mela 2025 date & time : आईये जानते हैं अम्बुबाची मेले के विशेषताएं

मंदिर के गर्भ ग्रह को तीन दिनों के लिए बंद कर दिया जाता है और इस दौरान कोई पूजा-अर्चना नहीं होती है।
भक्तों को देवी के मासिक धर्म का प्रतीक लाल रंग का कपड़ा प्रसाद के रूप में दिया जाता है।
यह मेला देवी कामाख्या के मासिक धर्म के दौरान पृथ्वी की उर्वरता और नारी शक्ति को समर्पित है।

Ambubachi Mela 2025 date & time

Ambubachi Mela अम्बुबाची मेला 22 जून से आरंभ होने जा रहा है और 26 जून तक यह मेला चलेगा। तीन दिनों तक मंदिर में कोई पूजा या दर्शन नहीं किया जाता है। चौथे दिन, जब मां को ‘शुद्धि स्नान’ कराकर विश्राम समाप्त होता है, तब मंदिर के द्वार भक्तों के लिए खोले जाते हैं और विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

Ambubachi Mela 2025 date & time

इस दौरान यहां देश और विदेश से आए तांत्रिक गुप्त साधना करते हैं। इस मेले को अमेटी या तांत्रिक प्रजनन उत्सव के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह भारत के पूर्वी भागों में प्रचलित तांत्रिक शक्ति पंथ से निकटता से जुड़ा हुआ है । यहाँ तक कि कुछ तांत्रिक बाबा भी इन चार दिनों के दौरान ही सार्वजनिक रूप से दिखाई देते हैं।

जानकारी के लिए बता दें कि जब देवी सती का शरीर को सूदर्शन चक्र से भगवान विष्णु ने भागों में बांटा था, तब उनका योनि भाग यहीं गिरा था, इसलिए यह स्थान प्रजनन शक्ति और उर्वरता का प्रतीक है। इस मेले की खास बात यह भी है कि इस दौरान मंदिर के गर्भगृह में देवी के पास रखे गए सफेद कपड़ा रखा जाता है रजस्वला होने के बाद जब यह कपड़ा लाल हो जाते हैं, जो भक्तों को प्रसाद के रूप में यह वस्त्र दिया जाता है।

Ambubachi Mela 2025 date & time

मान्यता है अनुसार, यह वस्त्र भक्तों को सुख, समृद्धि और अच्छी सेहत प्रदान करता है। ऐसा भी कहा जाता है कि इस वस्त्र के प्रभाव से संतानहीन महिलाओं को संतान की प्राप्ति भी होती है। हालांकि, यह वस्त्र हर किसी को नहीं मिल पाता है बल्कि कुछ ही लोगों को यह वस्त्र मिलता है।

Akhuratha Sankashti Chaturthi 2025 And Time: अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पूजा-विधि, महत्व और शुभ योग Sankashti Chaturthi

Akhuratha Sankashti Chaturthi 2025 And Time: अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पूजा-विधि, महत्व और शुभ योग

Akhuratha Sankashti Chaturthi 2025 Kab Hai: गणेश चतुर्थी व्रत भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन गणेश जी की विशेष…

Annapurna Jayanti 2025 Date And Time: अन्नपूर्णा जयंती 2025: कब है अन्नपूर्णा जयंती? जानें तिथि, मुहूर्त और पूर्ण पूजा-विधि Annapurna Jayanti

Annapurna Jayanti 2025 Date And Time: अन्नपूर्णा जयंती 2025: कब है अन्नपूर्णा जयंती? जानें तिथि, मुहूर्त और पूर्ण पूजा-विधि

Annapurna Jayanti 2025 Mein Kab Hai :मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा को Annapurna Jayanti अन्नपूर्णा जयंती बड़े उत्साह और श्रद्धा के…

Datta Jayanti 2025 Date And Time: दत्तात्रेय जयंती 2025: कब है शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व, जानिए हर दत्त भक्त के लिए क्यों है यह दिन पावन… Datta Jayanti

Datta Jayanti 2025 Date And Time: दत्तात्रेय जयंती 2025: कब है शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व, जानिए हर दत्त भक्त के लिए क्यों है यह दिन पावन…

अवधूत चिंतन श्री गुरुदेव दत्त:Avadhoot Chintan Shri Gurudev Dutt Datta Jayanti 2025 Mein Kab Hai: दत्त जयंती या दत्तात्रेय जयंती, हिंदू…

अम्बुबाची मेला की खास बातें:Special features of Ambubachi fair

इस दौरान यहां देश और विदेश से आए तांत्रिक गुप्त साधना करते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि जब देवी सती का शरीर को सूदर्शन चक्र से भगवान विष्णु ने भागों में बांटा था, तब उनका योनि भाग यहीं गिरा था, इसलिए यह स्थान प्रजनन शक्ति और उर्वरता का प्रतीक है।

इस मेले की खास बात यह भी है कि इस दौरान मंदिर के गर्भगृह में देवी के पास रखे गए सफेद कपड़ा रखा जाता है रजस्वला होने के बाद जब यह कपड़ा लाल हो जाते हैं, जो भक्तों को प्रसाद के रूप में यह वस्त्र दिया जाता है। मान्यता है अनुसार, यह वस्त्र भक्तों को सुख, समृद्धि और अच्छी सेहत प्रदान करता है। ऐसा भी कहा जाता है कि इस वस्त्र के प्रभाव से संतानहीन महिलाओं को संतान की प्राप्ति भी होती है। हालांकि, यह वस्त्र हर किसी को नहीं मिल पाता है बल्कि कुछ ही लोगों को यह वस्त्र मिलता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *