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Yogini ekadashi vrat katha in hindi:धार्मिक मान्यता है कि योगिनी एकादशी व्रत कथा का पाठ करने से जातक को सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही श्री हरि की कृपा प्राप्त होती है और शुभ फल की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि Yogini ekadashi vrat katha एकादशी व्रत बिना कथा का पाठ करने से अधूरा माना जाता है। आइए पढ़ते हैं योगिनी एकादशी की व्रत कथा।

योगिनी एकादशी व्रत कथा (Yogini Ekadashi Vrat Katha)

Yogini ekadashi vrat katha
Yogini ekadashi vrat katha

पौराणिक कथा के अनुसार, स्वर्ग लोक में कुबेर नाम का राजा रहता था। वह शिव भक्त था। रोजाना महादेव की पूजा किया करता था। उसका हेम नाम का माली था, जो हर दिन पूजा के लिए फूल लाता था। माली की पत्नी का नाम विशालाक्षी था। Yogini ekadashi vrat katha वह बेहद सुंदर थी। एक बार जब सुबह माली मानसरोवर से फूल तोड़कर लाया, लेकिन कामासक्त होने की वजह से वह अपनी स्त्री से हास्य-विनोद करने लगा।राजा को उपासना करने में देरी हो गई, जिसकी वजह से वह क्रोधित हुआ।

ऐसे में राजा ने माली को श्राप दे दिया। उन्होंने कहा कि तुमने ईश्वर की भक्ति से ज्यादा कामासक्ति को प्राथमिकता दी है, तुम्हारा स्वर्ग से पतन होगा और तुम धरती पर स्त्री वियोग और कुष्ठ रोग का सामना करोगे। इसके बाद वह धरती पर आ गिरा, जिसकी वजह से उसे कुष्ठ रोग हो गया और उसकी स्त्री भी चली गई। वह कई वर्षों तक धरती पर कष्टों का सामना करता रहा। एक बार माली को मार्कण्डेय ऋषि के दर्शन हुए। उसने अपने जीवन की सभी परेशानियों को बताया।ऋषि माली को बातों को सुनकर आश्चर्य हुआ।

ऐसे में मार्कण्डेय ऋषि ने उसे योगिनी एकादशी के व्रत के महत्व के बारे में बताया। Yogini ekadashi vrat katha मार्कण्डेय ने कहा कि इस व्रत को करने से तुम्हारे जीवन के सभी पाप खत्म होंगे और तुम पुनः भगवत कृपा से स्वर्ग लोक को प्राप्त करोगे। माली ने ठीक ऐसा ही किया। भगवान विष्णु ने उसके समस्त पापों को क्षमा करके उसे पुनः स्वर्ग लोक में स्थान प्रदान किया।

योगिनी एकादशी कब है: हिंदू पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि 21 जून 2025 को सुबह 07 बजकर 18 मिनट पर प्रारंभ होगी और 22 जून को सुबह 04 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि में इस साल योगिनी एकादशी 21 जून 2025 को रखा जाएगा।

योगिनी एकादशी का महत्व: योगिनी एकादशी निर्जला एकादशी के बाद और देवशयनी एकादशी से पहले आती है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से जीवन में सुख-शांति व खुशहाली आती है। भगवान विष्णु के योग निद्रा में जाने से पहले इस एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा खास मानी गई है।

Yogini Ekadashi 2024 Vrat Katha: एकादशी तिथि सभी शुभ तिथियों में से एक है। यह तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। हर माह में 2 बार एकादशी व्रत किया जाता है। आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को Yogini ekadashi vrat katha योगिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। Yogini ekadashi vrat katha इस दिन भगवान विष्णु की पूजा कर व्रत कथा पाठ जरूर करना चाहिए। 

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योगिनी एकादशी पूजन मुहूर्त 2025:Yogini Ekadashi Puja Muhurta 2025:

ब्रह्म मुहूर्त- 04:04 ए एम से 04:44 ए एम

अभिजित मुहूर्त- 11:55 ए एम से 12:51 पी एम

विजय मुहूर्त- 02:43 पी एम से 03:39 पी एम

गोधूलि मुहूर्त- 07:21 पी एम से 07:41 पी एम

अमृत काल- 01:12 पी एम से 02:41 पी एम

योगिनी एकादशी व्रत पारण मुहूर्त: योगिनी एकादशी व्रत का पारण 22 जून 2025 को किया जाएगा। व्रत पारण का शुभ मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 47 मिनट से शाम 04 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। पारण के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय सुबह 09 बजकर 41 मिनट है।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। KARMASU.IN यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। KARMASU.IN अंधविश्वास के खिलाफ है।

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