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मां गायत्री को समर्पित यह शक्तिपीठ भक्तों की धार्मिक आस्था का केंद्र बनता जा रहा है।

गायत्री मंदिर:मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के महाराणा प्रताप नगर में स्थित है अद्भुत धार्मिक व आध्यात्मिक स्थल गायत्री मंदिर। यह गायत्री शक्तिपीठ के नाम से प्रसिद्ध है। मां गायत्री को समर्पित यह शक्तिपीठ भक्तों की धार्मिक आस्था का केंद्र बनता जा रहा है। भोपाल शहर में व्यायाम के लिए यह मंदिर मुख्य केंद्र माना जाता है। आध्यात्मिक शांति के लिए रोजाना यहां बड़ी संख्या में लोग आते हैं। मंदिर परिसर में एक्यूप्रेशर पार्क बना है, जहां कांटेदार ट्रेक पर चलने से शरीर स्वस्थ्य व निरोगी रहता है। शांतिकुंज हरिद्वार की तर्ज पर इस पार्क की शुरुआत की गई। गायत्री मंदिर में लोग विवाह व उपनयन संस्कार भी कराने आते हैं।

Gayatri Mandir का इतिहास

गायत्री मंदिर के इतिहास पर नजर डालें तो साल 1980 में पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा मंदिर में मां गायत्री की प्राण प्रतिष्ठा की गई। तभी से मंदिर में मां गायत्री की पूजा व हवन संस्कार का कार्य किया जा रहा है। शांतिकुंज हरिद्वार के संस्थापक पंडित श्री राम शर्मा आचार्य जी ने ही गायत्री शक्तिपीठ की स्थापना की थी। इस शक्तिपीठ को बनाने का मुख्य उद्देश्य था कि हरिद्वार की शांतिकुंज आश्रम में होने वाली सभी गतिविधियों को देश के हर छोटे-बड़े गांव शहर कस्बों तक पहुंचाया जा सके। सभी जगहों पर हरिद्वार की तरह धार्मिक आयोजन किया जा सके।

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मंदिर का महत्व

गायत्री मंदिर परिसर में लगे राशि वृक्षों की परिक्रमा से ग्रहों की स्थिति ठीक हो जाती है। शास्त्रों के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा के दिन गायत्री यज्ञ करने से अश्वमेध जैसा फल मिलता है। ऐसा माना जाता है की जो भी भक्त इस मंदिर में गायत्री यज्ञ करता है उसके जीवन से सभी कष्ट मिट हाते हैं।

मंदिर की वास्तुकला

चारों तरफ प्राकृतिक चीजों से घिरा गायत्री मंदिर देखने में काफी सुंदर लगता है। मंदिर में मां गायत्री की प्रतिमा विराजमान है। मंदिर के पूरे परिसर में दीवारों पर गायत्री मंत्र व अच्छे विचार लिखे गए हैं, जिसे अगर मनुष्य अपना ले तो उसका जीवन सफल बन सकता है। मंदिर में एक बड़ी गौशाला भी है, यहां आने वाले श्रद्धालु माता के दर्शन के साथ गायों को घास खिलाकर परमसुख की अनुभूति करते हैं। मंदिर परिसर में पुस्तक प्रदर्शनी लगती है, जहां धार्मिक, अध्यात्मिक व साहित्य की पुस्तकें मिलती हैं।

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मंदिर परिसर में एक्यूप्रेशर पार्क सेंटर, स्वास्थ्य भवन सहित अन्य स्वास्थ्य संबंधी भवन बनाए गए हैं। पार्क में नक्षत्र व राशि वाटिका भी है। यानी हर राशि के अनुसार अलग-अलग वृक्ष लगे हैं। पार्क के अंदर ही मां भगवती प्राकृतिक रसाहार केंद्र भी है, जहां आंवला, एलोवेरा, ज्वारे का रस सहित अन्य प्रकार के जूस मिलते हैं, जोकि स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद हैं। एक्यूप्रेशर ट्रेक के पास बहुत से औषधिय पौधें भी लगे हैं, जैसे: आंवला, तुलसी, एलोवेरा, नीम आदि।

मंदिर खुलने का समय

05:00 AM – 09:00 PM

सुबह मां गायत्री की आरती का समय

05:30 AM – 06:00 AM

शाम को मां गायत्री की आरती का समय

06:00 PM – 06:30 PM

गायत्री मंदिर में किसी प्रकार का कोई प्रसाद नहीं चढ़ाया जाता है। मंदिर परिसर में बने हवन कुंड में हवन के लिए नारियल, घी, शहद सहित अन्य हवन सामग्री लगती है।

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