Khatu Shyam Aarti:खाटू श्याम आरती के लाभ
Khatu Shyam Aarti:खाटू श्याम जी की आरती करना भक्तों के लिए एक अत्यंत पवित्र अनुष्ठान है। Khatu Shyam Aarti बाबा श्याम की कृपा पाने और उनके आशीर्वाद से लाभान्वित होने के लिए भक्त नियमित रूप से उनकी आरती करते हैं। खाटू श्याम आरती के कई लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:
- मन की शांति: बाबा श्याम की आरती करने से मन शांत होता है और तनाव कम होता है।
- संकटों से मुक्ति: बाबा श्याम को संकटमोचन कहा जाता है। उनकी आरती करने से भक्तों के सभी संकट दूर होते हैं।
- मनोकामनाओं की पूर्ति: जो भक्त सच्चे मन से बाबा श्याम की आराधना करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- रोगों से मुक्ति: बाबा श्याम की कृपा से भक्त सभी प्रकार के रोगों से मुक्त हो जाते हैं।
- धन और समृद्धि: बाबा श्याम के आशीर्वाद से भक्तों के जीवन में धन और समृद्धि आती है।
- आत्मविश्वास में वृद्धि: बाबा श्याम की भक्ति करने से भक्तों का आत्मविश्वास बढ़ता है और वे जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं।
- सकारात्मक ऊर्जा: बाबा श्याम की आरती करने से भक्तों के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
Khatu Shyam Aarti:खाटू श्याम आरती का जाप कैसे करें
- शांत वातावरण: आरती के समय शांत और एकांत जगह चुनें।
- शुद्ध मन: भक्ति भाव से और शुद्ध मन से आरती का जाप करें।
- दीपक: आरती के समय दीपक जलाना शुभ माना जाता है।
- माला: आप माला का भी उपयोग कर सकते हैं।
- नियमितता: नियमित रूप से आरती का जाप करने से अधिक लाभ मिलता है।
ध्यान रखें
- यह जानकारी सामान्य जानकारी के लिए है और किसी भी तरह से चिकित्सा या पेशेवर सलाह नहीं है।
- किसी भी धार्मिक अनुष्ठान को करने से पहले अपने गुरु या पंडित से सलाह लेना उचित होगा।
Khatu Shyam Aarti:क्या आप खाटू श्याम जी के बारे में और जानना चाहते हैं?
अन्य जानकारी
- खाटू श्याम जी का मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है।
- बाबा श्याम को कृष्ण का अवतार माना जाता है।
- बाबा श्याम को हारे का सहारा कहा जाता है।
Khatu Shyam Aarti:खाटू श्याम आरती
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
खाटू धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
रतन जड़ित सिंहासन,
सिर पर चंवर ढुरे ।
तन केसरिया बागो,
कुण्डल श्रवण पड़े ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
गल पुष्पों की माला,
सिर पार मुकुट धरे ।
खेवत धूप अग्नि पर,
दीपक ज्योति जले ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
मोदक खीर चूरमा,
सुवरण थाल भरे ।
सेवक भोग लगावत,
सेवा नित्य करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
झांझ कटोरा और घडियावल,
शंख मृदंग घुरे ।
भक्त आरती गावे,
जय-जयकार करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
जो ध्यावे फल पावे,
सब दुःख से उबरे ।
सेवक जन निज मुख से,
श्री श्याम-श्याम उचरे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
श्री श्याम बिहारी जी की आरती,
जो कोई नर गावे ।
कहत भक्त-जन,
मनवांछित फल पावे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
जय श्री श्याम हरे,
बाबा जी श्री श्याम हरे ।
निज भक्तों के तुमने,
पूरण काज करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।