Satyanarayan Ji Ki Aarti:श्री सत्यनारायण जी की आरती करने से अनेक आध्यात्मिक, मानसिक और भौतिक लाभ प्राप्त होते हैं। यह आरती सत्यनारायण भगवान की कृपा पाने का एक सशक्त माध्यम है। इसके प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:
1. Satyanarayan Ji Ki Aarti:संकटों और बाधाओं का निवारण
- Satyanarayan Ji Ki Aarti:श्री सत्यनारायण जी की आरती करने से जीवन में आने वाली सभी प्रकार की समस्याएं, बाधाएं और संकट समाप्त हो जाते हैं। यह आरती विपरीत परिस्थितियों में भी आत्मबल प्रदान करती है।
2. धन, समृद्धि और खुशहाली
- सत्यनारायण जी की आरती से भक्तों के जीवन में धन, अन्न और समृद्धि की कोई कमी नहीं होती। घर-परिवार में आर्थिक स्थिरता और खुशहाली आती है।
3. सकारात्मक ऊर्जा और शांति
- Satyanarayan Ji Ki Aarti:आरती के दौरान गाए जाने वाले भजन और मंत्र वातावरण को पवित्र और सकारात्मक ऊर्जा से भर देते हैं। इससे घर और मन दोनों में शांति और आनंद का अनुभव होता है।
4. मनोकामनाओं की पूर्ति
- यह आरती श्रद्धा और भक्ति के साथ करने से भक्तों की सभी उचित इच्छाएं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। सत्यनारायण भगवान का आशीर्वाद हर कार्य में सफलता प्रदान करता है।
5. पारिवारिक सुख और एकता
- जब पूरा परिवार मिलकर आरती करता है, तो इससे परिवार में प्रेम, सामंजस्य और एकता बढ़ती है। यह पारिवारिक संबंधों को मजबूत बनाता है।
6. धार्मिकता और अच्छे संस्कारों का विकास
- Satyanarayan Ji Ki Aarti:आरती करने से परिवार के सदस्यों, विशेषकर बच्चों में धार्मिक भावनाएं और अच्छे संस्कार उत्पन्न होते हैं। यह उन्हें जीवन में सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
7. स्वास्थ्य लाभ
- Satyanarayan Ji Ki Aarti:आरती के दौरान वातावरण में पवित्रता आती है, जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। यह तनाव, चिंता और नकारात्मकता को दूर करने में सहायक है।
8. पुण्य और ईश्वरीय कृपा
- सत्यनारायण जी की आरती करने से व्यक्ति को पुण्य प्राप्त होता है। यह आरती भगवान की विशेष कृपा और आशीर्वाद पाने का माध्यम है, जिससे जीवन में सुख और शांति बनी रहती है।
9. आध्यात्मिक उन्नति
- आरती आत्मा को शुद्ध करती है और भक्त को भगवान के साथ जुड़ने का अवसर प्रदान करती है। यह आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करती है।
10. विवाह और अन्य शुभ कार्यों में सफलता
- सत्यनारायण जी की पूजा और आरती विशेष रूप से विवाह, गृह प्रवेश और अन्य शुभ कार्यों में सफलता और सुखद परिणाम लाने के लिए की जाती है।
आरती के शब्द:
- “जय लक्ष्मी रामणा, स्वामी जय लक्ष्मी रामणा।”
- यह आरती भगवान सत्यनारायण की महिमा का गुणगान करती है और उनकी असीम कृपा का अनुभव कराती है।
नियमित रूप से श्री सत्यनारायण जी की आरती करने से जीवन के सभी क्षेत्रों में सकारात्मक परिवर्तन होते हैं। यह आरती भक्तों को ईश्वरीय मार्ग पर चलने और उनके आशीर्वाद से जीवन को सफल बनाने में मदद करती है।
Shri Satyanarayan Ji Ki Aarti:श्री सत्यनारायण जी आरती
जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
सत्यनारायण स्वामी,
जन पातक हरणा ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
रत्न जडि़त सिंहासन,
अद्भुत छवि राजै ।
नारद करत निराजन,
घण्टा ध्वनि बाजै ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
प्रकट भये कलि कारण,
द्विज को दर्श दियो ।
बूढ़ा ब्राह्मण बनकर,
कंचन महल कियो ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
दुर्बल भील कठारो,
जिन पर कृपा करी ।
चन्द्रचूड़ एक राजा,
तिनकी विपत्ति हरी ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
वैश्य मनोरथ पायो,
श्रद्धा तज दीन्ही ।
सो फल भोग्यो प्रभुजी,
फिर-स्तुति कीन्हीं ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
भाव भक्ति के कारण,
छिन-छिन रूप धरयो ।
श्रद्धा धारण कीन्हीं,
तिनको काज सरयो ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
ग्वाल-बाल संग राजा,
वन में भक्ति करी ।
मनवांछित फल दीन्हों,
दीनदयाल हरी ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
चढ़त प्रसाद सवायो,
कदली फल, मेवा ।
धूप दीप तुलसी से,
राजी सत्यदेवा ॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
श्री सत्यनारायण जी की आरती,
जो कोई नर गावै ।
ऋद्धि-सिद्ध सुख-संपत्ति,
सहज रूप पावे ॥
जय लक्ष्मी रमणा,
स्वामी जय लक्ष्मी रमणा ।
सत्यनारायण स्वामी,
जन पातक हरणा ॥