Ahoi Mata Aartiअहोई माता की आरती के लाभ
Ahoi Mata Aarti:अहोई माता की आरती करना एक शुभ और सकारात्मक कार्य माना जाता है, खासकर संतान की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि, और उनकी सुरक्षा के लिए। यहाँ अहोई माता की आरती के कुछ लाभ दिए गए हैं:
1. संतान की सुरक्षा और लंबी उम्र
Ahoi Mata Aarti:अहोई माता का पूजन और आरती विशेष रूप से माताओं द्वारा अपनी संतानों की सुरक्षा, लंबी उम्र, और उनके स्वास्थ्य के लिए किया जाता है। माता के आशीर्वाद से बच्चों को अनहोनी से बचाने का विश्वास होता है।
2. पारिवारिक सुख-शांति
Ahoi Mata Aartiअहोई माता की आरती से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। Ahoi Mata Aarti:इससे घर के सदस्यों के बीच प्रेम और सौहार्द बढ़ता है, और पारिवारिक जीवन में स्थिरता बनी रहती है।
3. कठिनाइयों से मुक्ति
अहोई माता की कृपा से जीवन में आने वाली बाधाएं और कठिनाइयाँ दूर हो जाती हैं। ऐसा माना जाता है कि उनकी आरती करने से जीवन में आने वाली कठिनाइयों का हल मिलता है और राह में आने वाली बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
4. धन और समृद्धि का वास
माता अहोई की आरती से आर्थिक समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसे करने से माता अपने भक्तों के जीवन में धन-धान्य की बरकत देती हैं और उन्हें दरिद्रता से बचाती हैं।
5. सकारात्मक ऊर्जा का संचार
अहोई माता की आरती करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करता है और घर में सकारात्मक माहौल का निर्माण करता है।
6. मातृत्व का आशीर्वाद
जो महिलाएँ संतान प्राप्ति की इच्छा रखती हैं, उनके लिए अहोई माता की आरती और व्रत अत्यंत लाभकारी माना जाता है। माता अहोई की कृपा से संतान प्राप्ति का योग बनता है।
अतः, अहोई माता की आरती करना संतान की सुरक्षा, पारिवारिक समृद्धि, आर्थिक उन्नति, और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने में सहायक होता है।
Ahoi Mata Aarti:अहोई माता आरती
जय अहोई माता,
जय अहोई माता ।
तुमको निसदिन ध्यावत,
हर विष्णु विधाता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥
ब्रह्माणी, रुद्राणी, कमला,
तू ही है जगमाता ।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥
माता रूप निरंजन,
सुख-सम्पत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्यावत,
नित मंगल पाता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥
तू ही पाताल बसंती,
तू ही है शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव प्रकाशक,
जगनिधि से त्राता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥
जिस घर थारो वासा,
वाहि में गुण आता ।
कर न सके सोई कर ले,
मन नहीं घबराता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥
तुम बिन सुख न होवे,
न कोई पुत्र पाता ।
खान-पान का वैभव,
तुम बिन नहीं आता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥
शुभ गुण सुंदर युक्ता,
क्षीर निधि जाता ।
रतन चतुर्दश तोकू,
कोई नहीं पाता ॥
ॐ जय अहोई माता ॥
श्री अहोई माँ की आरती,
जो कोई गाता ।
उर उमंग अति उपजे,
पाप उतर जाता ॥
ॐ जय अहोई माता,
मैया जय अहोई माता ।