Shakumbhari Devi Ki Aarti:श्री शाकुम्भरी देवी की आरती करने से कई प्रकार के आध्यात्मिक और सांसारिक लाभ प्राप्त होते हैं। शाकुम्भरी देवी को माँ दुर्गा का एक रूप माना जाता है, Shakumbhari Devi Ki Aarti जो अपने भक्तों को सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और संतान का आशीर्वाद प्रदान करती हैं। उनकी आरती करने के लाभ इस प्रकार हैं:
- स्वास्थ्य और रोगों से रक्षा: शाकुम्भरी देवी को स्वास्थ्य और औषधियों की देवी माना जाता है। उनकी आरती करने से शरीर स्वस्थ रहता है और रोगों से रक्षा होती है।
- भोजन और समृद्धि की प्राप्ति: शाकुम्भरी देवी को अन्न और वनस्पतियों की देवी कहा जाता है। Shakumbhari Devi Ki Aarti उनकी आरती करने से घर में अन्न-धन की कमी नहीं होती, और परिवार में समृद्धि बनी रहती है।
- परिवार की रक्षा: माता की आरती करने से परिवार के सभी सदस्यों की सुरक्षा होती है और बुरी नजर या नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव कम होता है।
- संकटों से मुक्ति: शाकुम्भरी देवी संकटों से मुक्ति दिलाने वाली देवी मानी जाती हैं। उनकी आरती से जीवन में आने वाले अवरोध और परेशानियाँ दूर होती हैं।
- मनोबल और आत्मविश्वास में वृद्धि: माता की आरती करने से भक्तों के मन में साहस, आत्मविश्वास और शक्ति का संचार होता है, जो उन्हें जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता दिलाने में सहायक होता है।
- आध्यात्मिक विकास: देवी की आरती से व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास होता है और उसका ध्यान-भक्ति में प्रगाढ़ता आती है, जिससे उसे मानसिक शांति प्राप्त होती है।
- पारिवारिक सौहार्द: शाकुम्भरी देवी की आरती से परिवार में प्रेम, एकता और सामंजस्य बढ़ता है, जिससे पारिवारिक जीवन सुखमय रहता है।
- मनोकामना पूर्ति: भक्तजन जो भी सच्चे मन से देवी से प्रार्थना करते हैं, माता उनकी मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं। आरती से उनकी कृपा प्राप्त होती है, और भक्त के जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
Shakumbhari Devi Ki Aarti:श्री शाकुम्भरी देवी की आरती से व्यक्ति को आंतरिक शक्ति, आत्मिक शांति, और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है, जिससे उसका जीवन संतुलित और सकारात्मक रहता है।
Shakumbhari Devi Ki Aarti:श्री शाकुम्भरी देवी जी की आरती
हरि ओम श्री शाकुम्भरी अंबा जी की आरती क़ीजो
एसी अद्वभुत रूप हृदय धर लीजो
शताक्षी दयालू की आरती किजो
तुम परिपूर्ण आदि भवानी माँ,
सब घट तुम आप भखनी माँ
शकुंभारी अंबा जी की आरती किजो
तुम्ही हो शाकुम्भर,
तुम ही हो सताक्षी माँ
शिवमूर्ति माया प्रकाशी माँ
शाकुम्भरी अंबा जी की आरती किजो
नित जो नर नारी अंबे आरती गावे माँ
इच्छा पूरण किजो,
शाकुम्भर दर्शन पावे माँ
शाकुम्भरी अंबा जी की आरती किजो
जो नर आरती पढ़े पढ़ावे माँ,
जो नर आरती सुनावे माँ
बस बैकुण्ठ शाकुम्भर दर्शन पावे
शाकुम्भरी अंबा जी की आरती किजो