
इस मंदिर को “बड़ा गणपति मंदिर” के नाम से भी जाना जाता है।
बड़ा गणपति मंदिर मध्यप्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर के सुभाषचंद्र मार्ग पर स्थित है बड़ा गणपति मंदिर। यह मंदिर इंदौर के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में स्थापित गणेश जी की प्रतिमा एशिया की सबसे बड़ी प्रतिमा है। इस कारण इसे “बड़ा गणपति मंदिर” कहा जाता है।
Shree Bada Ganpati Mandir:मंदिर का इतिहास
बड़ा गणपति मंदिर का इतिहास बहुत रोचक है। ऐसा बताया जाता है कि एक बार उज्जैन निवासी दाधीच परिवार के मुखिया को भगवान गणेश जी का स्वप्न आया। उन्होंने मंदिर निर्माण की इच्छा रखी। तभी इस मंदिर को बनाने का निर्णय लिया गया। मंदिर का निर्माण 1875 में हुआ। जिसे बनने में तीन साल का समय लगा था।
मंदिर का महत्व
इस प्रतिमा के विषय में खास बात यह है कि इसे बनाने के लिए तीर्थ स्थानों जैसे उज्जैन, अयोध्या, मथुरा, वाराणसी (काशी) से मिट्टी और पानी लाया गया था। ऐसी मान्यता है की भगवान गणेश जी की यह मूर्ति विश्व में सबसे विशाल है। इस मूर्ति के निर्माण में सोना, चाँदी, नवरत्न और अष्टधातु का भी उपयोग किया गया है। बड़ा गणपति मंदिर में साल में चार बार भगवान गणेश जी का चोला बदला जाता है। प्रतिमा के बड़े होने के कारण फिर से चोले को चढ़ाने में 15 दिन का समय लगता है। 15 किलो घी और 25 किलो सिंदूर में यह चोला पूर्ण होता है।
मंदिर की वास्तुकला
जैसे ही आप मंदिर के प्रवेश द्वार से अंदर जाते हैं तो आपको भगवान गणेश जी की विशाल प्रतिमा दिखाई देगी। मंदिर में विराजमान गणपति जी की प्रतिमा की ऊंचाई 25 फ़ीट है। यह प्रतिमा 14 फ़ीट ऊँचे एक चबूतरे पर स्थापित है। राजस्थान के कारीगरों द्वारा इस भव्य प्रतिमा को बनवाया गया था। गणेश जी की इस विशाल मूर्ति का रंग सिंदूरी है।
मंदिर का समय
सुबह मंदिर खुलने का समय
05:00 AM – 12:00 PM
सुबह की आरती
08:00 AM – 08:30 AM
सायंकाल मंदिर खुलने का समय
04:00 PM – 10:00 PM
सायंकाल आरती का समय
07:00 PM – 08:00 PM
मंदिर का प्रसाद
बड़ा गणपति मंदिर में लड्डू, मोदक, पेड़ा, मिठाई का भोग लगता है। पुष्प भी अर्पण किये जाते है।