
पावन धाम मंदिर को ‘कांच का मंदिर’ के नाम से भी जाना जाता है।
पावन धाम मंदिर:चारों तरफ पहाड़ों से घिरे उत्तराखंड राज्य में हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं। प्रदेश का हरिद्वार जिला पूरे विश्व में धार्मिक व आस्था की दृष्टि से प्रसिद्ध है। यहां की गंगा आरती व कुंभ मेले में भाग लेने दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं। हरिद्वार में कई ऐसे मंदिर हैं, जोकि आस्था का केंद्र माने जाते हैं, इन्हीं में से एक है पावन धाम मंदिर।
यह कांच का मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर का मुख्य आकर्षण बिंदु है इसे बनाने में प्रयोग किया गया कांच। मंदिर की दीवारों पर शीशे से सुंदर चित्रण व कलाकृतियां बनाई गई हैं। सप्त सरोवर रोड पर भगीरथी नगर में स्थित यह मंदिर बेहद खूबसूरत व लोकप्रिय है। हरिद्वार आने वाले भक्त इस मंदिर में दर्शन करना नहीं भूलते, क्योंकि यहां जाए बिना यात्रा अधूरी मानी जाती है।
मंदिर का इतिहास
इस मंदिर की स्थापना साल 1970 में स्वामी वेदांत जी महाराज द्वारा की गई थी। पावन धाम एक गैर लाभकारी संस्था है, यानी इस मंदिर का उद्देश्य समाज कल्याण है। वेदांत जी महाराज ने दूसरों की मदद की सोच रखते हुए ही इस मंदिर की नींव रखी थी। यह मंदिर न सिर्फ मनुष्यों की सेवा बल्कि जानवरों की भी मदद करने के लिए जाना जाता है।
संत सेवा, गौ सेवा, जरूरतमंद को मुफ्त भोजन आदि पावन धाम मंदिर की मुख्य गतिविधियों में शामिल है। आज भी यह संस्था सक्रिय रूप से सेवा भाव से कार्य कर रही है। वेदांत जी महाराज मोगा के स्कूलों के साथ ऋषिकेष मेंं स्थित प्रतिष्ठित संस्थान गीता भवन के भी संस्थापक हैं। उन्होंने अपना पूरा जीवन अत्यंत करुणा के साथ दूसरों की सेवा व मदद में ही समर्पित कर दिया।
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मंदिर का महत्व
माना जाता है कि पावन धाम मंदिर में दर्शन मात्र से ही सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। इस मंदिर में दर्शन न करने पर हरिद्वार आने वाले भक्तों की यात्रा पूरी नहीं मानी जाती। भक्तों का मानना है कि इस पावन धाम में मांगी गई हर मन्नत पूरी होती है। इस मंदिर में आपको महाभारत और रामायण के कई महत्वपूर्ण प्रसंगों के चित्र दीवारों पर मिल लगे जाएंगे।
मंदिर की वास्तुकला
कांच से बना यह मंदिर बाहर से देखने में भले ही आम इमारतों जैसा प्रतीत हो लेकिन अंदर से यह किसी के भी मन को मंत्रमुग्ध कर देता है। इसकी स्थापत्य कला बेहद आकर्षक व अनोखी है। इस मंदिर की वास्तुकला जैसी सुंदरता देश के अन्य किसी हिंदू मंदिरों में देखने को नहीं मिलती। मंदिर में प्रवेश करते ही दाएं व बाएं तरफ देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित की गई हैं।
जबकि सामने कांच से बना मुख्य मंदिर का प्रवेश द्वार है। यह देखने में काफी आकर्षक लगता है। मंदिर में भगवान राधा-कृष्ण, भगवान शंकर-पार्वती, गणेशजी व अन्य देवी-देवताओं और ऋषि-मुनियों की प्रतिमाओं के दर्शन होते हैं। कांच से बनी दीवारों में प्रतिमाओं का दर्पण अद्भुत लगता है। मंदिर परिसर की दीवारों पर कांच से महाभारत व रामायण के कई महत्वपूर्ण प्रसंगों का चित्रण किया गया है। यही नहीं मंदिर की छत पर भी छोटे-छोटे व रंग-बिरंगे कांचों का प्रयोग कर सुंदर कलाकृतियां बनाई गई हैं।
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पावन धाम मंदिर का समय
मंदिर खुलने का समय
06:00 AM – 06:00 PM
मंदिर का प्रसाद
मंदिर में लईया, मीठा दाना का प्रसाद चढ़ाया जाता है। इसके अलावा भक्त अपनी श्रृद्धा अनुसार मंदिर में पैसे दान कर सकते हैं।