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प्रयागराज में इस स्थल को “बड़ा शिवाला” के नाम से जाना जाता है।
तक्षकेश्वर नाथ मंदिर, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के प्रयागराज जिले में स्थित है। संगम नगरी में यमुना किनारे तक्षकेश्वर नाथ मंदिर विश्व का एकलौता तक्षक तीर्थ स्थल है। वर्तमान में यह स्थान प्रयागराज शहर के दक्षिणी क्षेत्र में दरियाबाद मुहल्ले में स्थित है। यह स्थल आदिकाल से संरक्षित है और यहां शेषनाग के अवशेष आज भी मौजूद है। यह यमुना तट पर विशाल घने जंगलों में स्थापित शिवलिंग था। हालांकि यहां अब जंगल का अस्तित्व खत्म हो गया है। प्रयागराज में इस स्थल को “बड़ा शिवाला” के नाम से जाना जाता है।
मंदिर का इतिहास
तक्षकेश्वर नाथ मंदिर का इतिहास 5,000 साल से भी ज्यादा पुराना है। तक्षकेश्वर नाथ मंदिर में स्थापित शिवलिंग की प्राचीनता और पौराणिकता स्वयं पुराणों में दर्ज है। पौराणिक कथा के अनुसार, राजा परीक्षित को जब तक्षक नाग ने डसा था, तब उस घटना के प्रायश्चित में इन पांचों मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी और वरदान दिया गया था कि जो कोई भी इस मंदिर में जाकर दर्शन करेगा, उसके वंशजों को कभी सर्प की विष बाधा नहीं होगी। पुराणों की माने तो तक्षक संपूर्ण सर्पजाति के स्वामी हैं।
आदिकाल से यह धर्म की राजधानी तीर्थराज प्रयाग में निवास कर रहे हैं। शास्त्रों में भी कहा गया है कि काल सर्पयोग शांति, राहु की महादशा, नागदोष एवं विष बाधा से मुक्ति का मुख्य स्थान तक्षकेश्वर नाथ प्रयाग ही है।
मंदिर का महत्व
ऐसी मान्यता है कि दो दशक पहले तक्षकेश्वर नाथ मंदिर में सावन के महीने में यहां सांपों का आना जाना अत्याधिक बढ़ जाता था। मान्यता है कि यहां शिवलिंग के दर्शन से कालसर्प दोषों से मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि तक्षकेश्वर नाथ मंदिर में शिव जी के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को और उनके वंशजों को सर्प विष बाधा से मुक्ति मिलती है।
मंदिर की वास्तुकला
प्रयागराज में तक्षकेश्वर नाथ मंदिर को नागर शैली में बनाया गया है। मंदिर में विशाल शिखर के साथ गुंबद भी बने हैं। तक्षकेश्वर महादेव के लिंग के चारों ओर तांबे का अर्घ्य बना है। परिसर में हनुमान जी, गणेश जी की मूर्ति है। 20 जनवरी 1992 को खुदाई के दौरान यहां खुदाई में पौराणिक काल के कुछ अवशेष प्राप्त हुये थे। कई पत्थर और प्राचीन मूर्तियां यहां मिलीं और उन पर पर बारीक नक्काशी मौजूदा मानव सभ्यता से भी प्राचीन बताई गई। पुरातत्व विभाग ने भी यहां पत्थरों का अवलोकन किया और अति प्राचीन सभ्यता की कृति होने के कारण आज भी उस पर शोध जारी है।
मंदिर का समय
सुबह तक्षकेश्वर नाथ मंदिर खुलने का समय
07:00 AM – 12:00 PM
शाम को तक्षकेश्वर नाथ मंदिर खुलने का समय
04:00 PM – 10:00 PM
मंदिर का प्रसाद
तक्षकेश्वर नाथ मंदिर में भक्त शिव जी फल, दूध, लड्डू का भोग चढ़ाते हैं। साथ ही भांग, दतुरा, बेलपत्र भी शिव जी को चढ़ाया जाता है।