
चौबीस अवतार मंदिर को देश का पांचवा धाम कहा जाता है।
चौबीस अवतार मंदिर, भारत के मध्य प्रदेश राज्य के इंदौर शहर से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। चौबीस अवतार मंदिर देपालपुर में बना हुआ है। चौबीस अवतार को देश का पांचवा धाम कहा जाता है। दूर-दूर से लोग इस मंदिर के दर्शन करने के लिए आते हैं। अवतार मंदिर की भव्यता और सुंदरता लोगों को आकर्षित करती है। इस मंदिर में भगवन विष्णु के अलग-अलग 24 अवतार की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। देश-विदेश से श्रद्धालु मंदिर में आकर भगवान विष्णु के अवतार के दर्शन करते हैं।
24 Avtar Mandir :मंदिर का इतिहास
चौबीस अवतार मंदिर की नींव 1968-69 में रखी गई थी। 1968-69 में देपालपुर में गुरुदेव जयकरणदास भक्तमाली परमहंस ने विष्णु महायज्ञ करवाया था। उस समय इस मंदिर की नींव रखी गई थी। चौबीस अवतार मंदिर के लिए सवा छह फीट का कलश इसके लिए बनाया गया है। छोटे मंदिरों पर सवा तीन-तीन फीट के कलश बनाए गए है। भगवान विष्णु-लक्ष्मी का मुख्य मंदिर आठ लाख ईंटों से बना है। चौबीस अवतार का निर्माण कार्य अभी जारी है, अप्रैल तक इस मंदिर का कार्य पूरा कर दिया जाएगा।
मंदिर का महत्व
चौबीस अवतार मंदिर के पहले चरण के निर्माण कार्य करने के बाद मंदिर के दूसरे चरण में 11 रुद्र अवतार और मां के नौ अवतारों का मंदिर भी बनेगा। भगवान विष्णु-लक्ष्मी का मुख्य मंदिर आठ लाख ईंटों से बना है। खास बात ये है इस पूरे मंदिर में कहीं भी लोहे का उपयोग नहीं किया गया है। चौबीस अवतार मंदिर में भगवन विष्णु के अलग-अलग 24 अवतार की प्रतिमाएं स्थापित की जा रहीं हैं। हर अवतार के अलग अलग मंदिर बनाए जा रहे हैं।
मंदिर की वास्तुकला
चौबीस अवतार मंदिर को चालुक्य शैली की वास्तुकला में बनाया गया है। मंदिर का 90 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। 30 बीघा जमीन पर बनने वाले इन मंदिरों में मुख्य मंदिर विष्णु-लक्ष्मी का है जो सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर बन रहा है। इस मंदिर की ऊंचाई 121 फीट है। यहां पर सवा नौ फीट लंबी और सवा सात फीट ऊंची भगवान विष्णु-लक्ष्मी की मूर्ति प्रतिष्ठित की गई है। बाकि अन्य मंदिरों की ऊंचाई 52-52 फीट है। चौबीस अवतार मंदिर के शिखर पर सवा 6 फुट का कलश स्थापित किया जाएगा। साथ ही अन्य मंदिरों पर सवा 3-3 फुट के कलश स्थापित किए जा रहे हैं।
मंदिर का समय
मंदिर खुलने का समय
06:00 AM – 10:00 PM
सायंकाल आरती का समय
07:00 PM – 08:00 PM
मंदिर का प्रसाद
चौबीस अवतार मंदिर में भगवान विष्णु-लक्ष्मी को गुड़ एवं चने की दाल का भोग लगाया जाता है। भक्त मंदिर में फल, ड्राई फ्रूटस और लड्डू का भोग लगाया जाता है।