Vindhyeshwari Stotram:विंध्येश्वरी स्तोत्रम देवी विंध्येश्वरी की स्तुति में समर्पित एक शक्तिशाली मंत्र है। यह स्तोत्र नवरात्रि के दौरान विशेष रूप से गाया जाता है, लेकिन इसे किसी भी समय भक्ति के साथ किया जा सकता है।
विंध्येश्वरी देवी को शक्ति की देवी माना जाता है और उनकी पूजा विभिन्न रूपों में की जाती है। विंध्येश्वरी स्तोत्रम में देवी के विभिन्न रूपों और गुणों का वर्णन किया गया है।
यह माना जाता है कि विंध्येश्वरी स्तोत्रम का नियमित पाठ करने से भक्तों को शांति, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। यह स्तोत्र देवी की कृपा को प्राप्त करने और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद करता है।
यदि आप विंध्येश्वरी देवी की भक्त हैं और उनके प्रति श्रद्धा रखते हैं, तो आप इस स्तोत्र का नियमित पाठ कर सकते हैं। इससे आपको आध्यात्मिक शक्ति और आनंद प्राप्त होगा।
Vindhyeshwari Stotram: विंध्येश्वरी स्तोत्रम के कुछ लाभ निम्नलिखित हैं:
- शांति और समृद्धि
- सफलता और प्रगति
- आध्यात्मिक विकास
- रोगों से मुक्ति
- सुरक्षा और संरक्षण
Vindhyeshwari Stotram:श्री विन्ध्येश्वरी स्तोत्रम्
निशुम्भ शुम्भ गर्जनी,
प्रचण्ड मुण्ड खण्डिनी ।
बनेरणे प्रकाशिनी,
भजामि विन्ध्यवासिनी ॥
त्रिशूल मुण्ड धारिणी,
धरा विघात हारिणी ।
गृहे-गृहे निवासिनी,
भजामि विन्ध्यवासिनी ॥
दरिद्र दुःख हारिणी,
सदा विभूति कारिणी ।
वियोग शोक हारिणी,
भजामि विन्ध्यवासिनी ॥
लसत्सुलोल लोचनं,
लतासनं वरप्रदं ।
कपाल-शूल धारिणी,
भजामि विन्ध्यवासिनी ॥
कराब्जदानदाधरां,
शिवाशिवां प्रदायिनी ।
वरा-वराननां शुभां,
भजामि विन्ध्यवासिनी ॥
कपीन्द्न जामिनीप्रदां,
त्रिधा स्वरूप धारिणी ।
जले-थले निवासिनी,
भजामि विन्ध्यवासिनी ॥
विशिष्ट शिष्ट कारिणी,
विशाल रूप धारिणी ।
महोदरे विलासिनी,
भजामि विन्ध्यवासिनी ॥
पुंरदरादि सेवितां,
पुरादिवंशखण्डितम् ।
विशुद्ध बुद्धिकारिणीं,
भजामि विन्ध्यवासिनीं ॥