Chaturthi 2024:चतुर्थी 2024: अक्टूबर महीने में कब है? जानें शुभ मुहूर्त और विशेष योग

Chaturthi 2024:चतुर्थी तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। चतुर्थी भगवान गणेश की पूजा का दिन है, जिन्हें विघ्नहर्ता और शुभता के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। हर महीने में दो बार चतुर्थी आती है – एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। अक्टूबर 2024 में आने वाली चतुर्थी का शुभ मुहूर्त और योग विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण हैं, क्योंकि इन दिनों की पूजा से भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है।

आइए विस्तार से जानते हैं अक्टूबर 2024 में आने वाली चतुर्थी की तिथि, शुभ मुहूर्त, विशेष योग और इसकी पूजा विधि।

Chaturthi 2024:चतुर्थी 2024: अक्टूबर महीने में कब है?

अक्टूबर 2024 में दो मुख्य चतुर्थी तिथियाँ हैं:

  1. संकष्टी गणेश चतुर्थी: यह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी होती है और इस दिन व्रत रखा जाता है ताकि भगवान गणेश सभी कष्टों और विघ्नों को दूर करें। यह तिथि विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण होती है।
  2. विनायक चतुर्थी: यह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी होती है, जो भगवान गणेश की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए शुभ मानी जाती है।

Chaturthi 2024:संकष्टी गणेश चतुर्थी: 6 अक्टूबर 2024, रविवार

  • चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 6 अक्टूबर 2024 को सुबह 01:29 बजे
  • चतुर्थी तिथि समाप्त: 6 अक्टूबर 2024 को रात 11:53 बजे

Vinayak Chaturthi:विनायक चतुर्थी: 9 अक्टूबर 2024, बुधवार

  • चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 9 अक्टूबर 2024 को सुबह 10:08 बजे
  • चतुर्थी तिथि समाप्त: 10 अक्टूबर 2024 को सुबह 07:54 बजे
Chaturthi 2024

शुभ मुहूर्त

संकष्टी गणेश चतुर्थी का व्रत विशेष रूप से चंद्रमा के उदय होने पर समाप्त किया जाता है। इस दिन चंद्र दर्शन का विशेष महत्त्व है और भक्त गणपति की पूजा करके चंद्रमा का दर्शन करते हैं।

6 अक्टूबर 2024 को चंद्र दर्शन का समय:

  • रात 08:14 बजे

इस समय पर भगवान गणेश की पूजा और व्रत का उद्यापन किया जाएगा। इसके बाद व्रत खोलने की परंपरा है। इस समय में पूजा और मंत्रोच्चार करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।

Chaturthi 2024:चतुर्थी का महत्व

चतुर्थी, विशेषकर संकष्टी गणेश चतुर्थी, भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। चतुर्थी के दिन व्रत रखने और गणपति की आराधना करने से जीवन की सभी समस्याएं और बाधाएं दूर होती हैं। इसे संकष्टी इसलिए कहा जाता है क्योंकि भगवान गणेश इस दिन सभी संकटनाशक विघ्नों को दूर करते हैं।

गणेश चतुर्थी के व्रत और पूजा का उद्देश्य है भगवान गणेश से अपने जीवन में समृद्धि, सुख, शांति और समस्त संकटों से मुक्ति की कामना करना। गणेश जी को विघ्नहर्ता माना जाता है और उनका आशीर्वाद जीवन की सभी कठिनाइयों को सरल बना देता है।

Chaturthi 2024:चतुर्थी की पूजा विधि

संकष्टी गणेश चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा करने के लिए विशेष विधि होती है। इस दिन व्रत और पूजा निम्नलिखित विधि से की जाती है:

  1. स्नान और संकल्प: सबसे पहले सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें। भगवान गणेश का स्मरण करते हुए यह प्रार्थना करें कि आप अपने जीवन में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करेंगे।
  2. गणपति स्थापना: भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र को पूजा स्थान पर स्थापित करें। स्थान को स्वच्छ और पवित्र बनाएं।
  3. मंत्रोच्चार: गणेश जी की मूर्ति के सामने बैठकर ‘ॐ गं गणपतये नमः’ मंत्र का जाप करें। इसके अलावा गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ भी किया जा सकता है।
  4. दूर्वा और फूल अर्पण: भगवान गणेश को दूर्वा (घास) अर्पित करें। इसके अलावा सफेद और लाल फूल अर्पित करना शुभ माना जाता है।
  5. मिष्ठान्न और मोदक का भोग: भगवान गणेश को मोदक और लड्डू अर्पित करें, क्योंकि यह उनके प्रिय मिष्ठान्न हैं। नारियल और गुड़ का भी भोग लगाया जा सकता है।
  6. आरती और प्रसाद: पूजा के बाद गणेश जी की आरती करें। आरती के बाद प्रसाद वितरित करें।
  7. चंद्रमा को अर्घ्य: संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने की परंपरा होती है। इस दिन चंद्रमा का दर्शन करके उनके प्रति आभार व्यक्त किया जाता है। चंद्र दर्शन के बाद ही व्रत का उद्यापन किया जाता है।

Chaturthi 2024:व्रत का महत्त्व

संकष्टी गणेश चतुर्थी का व्रत बहुत ही कठोर होता है। व्रत के दौरान केवल फलाहार किया जाता है और अन्न का त्याग किया जाता है। यह व्रत भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण साधन माना जाता है। माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से जीवन की सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं और विशेष फल की प्राप्ति होती है।

व्रत करने वाले को चाहिए कि वह दिन भर संयमित जीवन शैली का पालन करें। मन, वचन और कर्म से पवित्र रहकर भगवान गणेश की आराधना करें। साथ ही व्रत के दौरान भगवान गणेश के मंत्रों का जाप और उनकी कथा का श्रवण करना भी अति लाभकारी होता है।

Chaturthi 2024:विशेष योग

संकष्टी चतुर्थी 6 अक्टूबर 2024 को विशेष योगों का संयोग बन रहा है, जो इस दिन की पूजा और व्रत को और भी फलदायी बनाएंगे।

Chaturthi 2024:अभिजीत मुहूर्त:

  • 6 अक्टूबर 2024 को अभिजीत मुहूर्त 11:41 बजे से 12:28 बजे तक रहेगा। इस समय में भगवान गणेश की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होगी।

Chaturthi 2024:रवि योग:

  • इस दिन रवि योग भी बन रहा है, जो पूरे दिन रहेगा। इस योग में भगवान गणेश की आराधना करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो सकती हैं और विशेष सफलता प्राप्त हो सकती है।

निष्कर्ष

संकष्टी गणेश चतुर्थी और विनायक चतुर्थी दोनों ही महत्वपूर्ण पर्व हैं, जिन्हें श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। 6 अक्टूबर 2024 को संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त और योग विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं। इस दिन व्रत और पूजा करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में आने वाली सभी कठिनाइयों का नाश होता है।

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