KARMASU

Vilakku Pooja 2025:विलक्कु पूजा, भाग्य और समृद्धि की देवी महालक्ष्मी का प्रतीक है। एक समय में बड़ी संख्या में महिलाओं द्वारा सामूहिक रूप से महालक्ष्मी की पूजा दीप जलाकर किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इससे घर में सुख-समृद्धि आती है और दुनिया में शांति आती है। थिरु विलक्कु पूजा Vilakku Pooja , ज्यादातर शुक्रवार को या तो सुबह या शाम को दीपक जलाकर की जाती है। यह मुख्य रूप से तमिल महीनों, चिथिरई और वैगासी के दौरान की जाती है, और यह पवित्र दीप पूजा अमावस और पूर्णिमा के दिनों में भी की जा सकती है।

Vilakku Pooja

Vilakku Pooja विलक्कु पूजा: परिचय

विलक्कु पूजा Vilakku Pooja में एक पारंपरिक दीपक (कुथु विलक्कु) को सजाकर, उसमें घी या तिल का तेल भरकर, दीपक जलाया जाता है। यह पूजा घर में या मंदिर में एकल या सामूहिक रूप से की जा सकती है। विशेष अवसरों पर, 108 या 1008 दीपकों के साथ सामूहिक पूजा का आयोजन भी होता है।

विलक्कु पूजा कौन करता है? Who performs Vilakku puja?

दक्षिण भारत – तमिलनाडु में, अधिकांश गृहिणियां इस तिरुविलक्कू पूजा को 108 जाप के साथ घर पर नियमित रूप से करतीं हैं। दीपक की मंद-मंद चमक मंदिर तथा मंदिर के कमरे को रोशन करती है, जिससे वातावरण शुद्ध और निर्मल रहता है।

विलक्कु पूजा क्यों की जाती है?:Why is Vilakku puja performed?

दक्षिण भारतीय हिंदुओं के घरों में थिरु-विलक्कू प्रतिदिन जलाया जाता है, क्योंकि थिरु-विलक्कू को माँ महालक्ष्मी का रूप माना जाता है, जो भाग्य और धन की देवी हैं। दिव्य मां लक्ष्मी देवी की कृपा पाने के लिए महिला भक्तों द्वारा थिरुविलक्कू पूजा की जाती है। यह पूजा परिवार के सदस्यों की भलाई के लिए की जाती है Vilakku Pooja और यह प्रत्येक सदस्य के लिए अच्छाई लाती है। Vilakku Pooja ऐसा माना जाता है कि जो लोग ईमानदारी से मंदिरों में दीया जलाकर थिरु विलक्कू पूजा करते हैं, मां महालक्ष्मी भी उस शुभ कार्यक्रम में उपस्थित होंगी, और वह दीप पूजा में भाग लेने वालों को आशीर्वाद देती हैं।

पूजा की विधि:Vilakku puja Vidhi

1. पूर्व तैयारी

  • स्थान की शुद्धि: पूजा स्थल को साफ करें और वहाँ पर कोलम (रंगोली) बनाएं।
  • दीपक की सफाई: कांस्य या पीतल के दीपक को अच्छी तरह से साफ करें।
  • सामग्री एकत्रित करें: दीपक, घी या तिल का तेल, रुई की बाती, फूल, कुमकुम, चंदन, फल, नारियल, अगरबत्ती, कपूर, और नैवेद्य (जैसे पायसम या मीठा पोंगल)।

2. दीपक की स्थापना

  • दीपक की दिशा: दीपक को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके रखें।
  • दीपक की सजावट: दीपक पर चंदन और कुमकुम से आठ बिंदु लगाएं—एक शीर्ष पर, पाँच दीपक के मुखों पर, एक आधार पर, और एक दीपक के स्तंभ पर।
  • बाती की संख्या: एक, दो, तीन, चार या पाँच बातियों का उपयोग किया जा सकता है, प्रत्येक का विशेष महत्व होता है:
  • एक बाती: इच्छाओं की पूर्ति।
  • दो बाती: पारिवारिक सुख।
  • तीन बाती: संतान सुख।
  • चार बाती: धन वृद्धि।
  • पाँच बाती: सभी प्रकार के लाभ।
Skanda Sashti 2025 Date And Time: स्कंद षष्ठी व्रत भगवान कार्तिकेय की विशेष कृपा पाने का तरीका Skanda Sashti 2025

Skanda Sashti 2025 Date And Time: स्कंद षष्ठी व्रत भगवान कार्तिकेय की विशेष कृपा पाने का तरीका

 Skanda Sashti 2025 Mein Kab Hai: हर महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का पर्व मनाया…

Tamil Hanuman Jayanti 2025 Date And Time:कन्नड़ और तमिल हनुमान जयंती कब है,जानें…. Hanuman Jayanti

Tamil Hanuman Jayanti 2025 Date And Time:कन्नड़ और तमिल हनुमान जयंती कब है,जानें….

Kannada Hanuman Jayanti 2025 Date And Puja Vidhi: दक्षिण भारत  में हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाएगा। वहीं तमिलनाडु में हनुमान जयंती…

3. पूजा की प्रक्रिया

  • दीप प्रज्वलन: दीपक में तेल या घी भरकर बाती जलाएं।
  • मंत्रोच्चार: “ॐ महालक्ष्म्यै नमः” या अन्य देवी मंत्रों का जाप करें।
  • अर्चना: फूल, कुमकुम, चंदन अर्पित करें और 108 पोत्री (स्तुति) का पाठ करें।
  • नैवेद्य अर्पण: देवी को नैवेद्य अर्पित करें।
  • आरती: कपूर जलाकर देवी की आरती करें।
  • प्रदक्षिणा और नमस्कार: दीपक के चारों ओर तीन बार घूमकर नमस्कार करें।

विलक्कु पूजा 2025 की तिथियाँ:Vilakku Puja 2025 Dates

विलक्कु पूजा Vilakku Pooja मुख्यतः शुक्रवार को की जाती है, और 2025 में इसकी प्रमुख तिथियाँ निम्नलिखित हैं:​

  • अप्रैल 2025
  • मई 2025
  • जून 2025
  • जुलाई 2025
  • अगस्त 2025
  • सितंबर 2025
  • अक्टूबर 2025
  • नवंबर 2025
  • दिसंबर 2025

108 पोत्री (स्तुति)

विलक्कु पूजा के दौरान 108 पोत्री का पाठ किया जाता है, जिसमें देवी की विभिन्न रूपों में स्तुति की जाती है। यह पाठ श्रद्धा और भक्ति के साथ किया जाना चाहिए।

विलक्कु पूजा एक सरल और प्रभावशाली पूजा विधि है जो देवी लक्ष्मी और शक्ति की आराधना के माध्यम से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाती है। इस पूजा को नियमित रूप से करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *