“Tulsi Aarti:तुलसी जी की आरती”: लाभ, महत्व और चमत्कारी फायदे
Tulsi Aarti:तुलसी जी की पूजा का विशेष महत्व है क्योंकि तुलसी को हिंदू धर्म में एक पूजनीय और पवित्र पौधा माना गया है। तुलसी माता को भगवान विष्णु की प्रिय माना जाता है, और उनकी आरती करने से जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। “Tulsi Aarti तुलसी जी की आरती” का नियमित पाठ परिवार और घर के लिए लाभकारी माना जाता है। आइए जानते हैं तुलसी जी की आरती के लाभ, महत्व, और इसे करने के विशेष फायदे।
1. सकारात्मक ऊर्जा का संचार
तुलसी जी की Tulsi Aarti आरती करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। तुलसी को वातावरण को शुद्ध करने वाला पौधा माना गया है, और उनकी आरती करने से घर का वातावरण शुद्ध और सकारात्मक रहता है। इससे घर में शांति और खुशहाली बनी रहती है।
2. स्वास्थ्य लाभ और रोगों से मुक्ति
Tulsi Aarti:तुलसी का पौधा औषधीय गुणों से भरपूर है और उसकी आरती करने से स्वास्थ्य लाभ होता है। तुलसी की पूजा करने से व्यक्ति रोगों से सुरक्षित रहता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। तुलसी की आरती करने से स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं में कमी आती है।
3. परिवार में सुख-शांति और समृद्धि
तुलसी जी की आरती करने से परिवार में सुख-शांति का वास होता है। इससे परिवार के सभी सदस्य प्रेम, एकता और सद्भाव से रहते हैं। तुलसी माता का आशीर्वाद प्राप्त करने से घर में समृद्धि और आर्थिक उन्नति का अनुभव होता है।
4. धार्मिक पुण्य और ईश्वर का आशीर्वाद
तुलसी जी की आरती करने से व्यक्ति को धार्मिक पुण्य और ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त होता है। Tulsi Aarti तुलसी जी का पूजन करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन में सभी प्रकार की कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है।
5. वास्तु दोष से मुक्ति
तुलसी का पौधा घर के वास्तु दोष को दूर करने में सहायक माना जाता है। तुलसी जी की आरती करने से घर में वास्तु दोष से उत्पन्न समस्याएं दूर होती हैं और परिवार में खुशहाली का वातावरण बनता है। तुलसी माता के आशीर्वाद से घर में सकारात्मकता बनी रहती है।
6. पारिवारिक कलह का नाश
तुलसी जी की आरती का नियमित पाठ परिवार के सदस्यों में आपसी प्रेम और सद्भावना को बढ़ाता है। Tulsi Aarti इससे पारिवारिक कलह समाप्त होती है और परिवार में सामंजस्य बना रहता है। तुलसी माता का आशीर्वाद परिवार को एकजुट रखता है।
7. मन और आत्मा की शांति
तुलसी जी की Tulsi Aarti आरती का नियमित पाठ करने से मन को शांति और आत्मा को सुकून मिलता है। यह आरती मानसिक शांति प्रदान करती है और नकारात्मक विचारों को दूर करती है। इससे व्यक्ति का मन शांत और संयमित रहता है।
8. धन-धान्य की वृद्धि और आर्थिक समृद्धि
तुलसी जी की आरती करने से धन-धान्य और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह आरती घर में आर्थिक स्थिरता और संपन्नता लाती है। तुलसी माता की कृपा से व्यक्ति के जीवन में आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं।
9. धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति
तुलसी जी की आरती व्यक्ति को धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति के मार्ग पर ले जाती है। यह आरती भगवान विष्णु की भक्ति को और भी गहरा बनाती है और व्यक्ति के आध्यात्मिक जीवन को मजबूत बनाती है। तुलसी माता का आशीर्वाद मिलने से आध्यात्मिक मार्ग पर सफलता मिलती है।
10. बीमारियों से सुरक्षा और स्वास्थ्य में सुधार
तुलसी जी की आरती करने से व्यक्ति को बीमारियों से सुरक्षा मिलती है। तुलसी के औषधीय गुणों के कारण यह शरीर को स्वस्थ और मजबूत बनाता है। तुलसी माता की आरती करने से परिवार के सभी सदस्य स्वस्थ और निरोग रहते हैं।
11. प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा
तुलसी माता को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा देने वाली देवी माना गया है। तुलसी जी की आरती करने से व्यक्ति और उसका परिवार प्राकृतिक आपदाओं जैसे आंधी, तूफान, और अन्य विपदाओं से सुरक्षित रहता है। तुलसी माता का आशीर्वाद परिवार को इन संकटों से बचाने में सहायक होता है।
12. जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति
तुलसी जी की आरती का नियमित पाठ जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने का मार्ग है। यह आरती भगवान विष्णु और तुलसी माता की कृपा प्राप्त करने का माध्यम है। नियमित रूप से इसे गाने या सुनने से जीवन में सौभाग्य, खुशहाली और समृद्धि का अनुभव होता है।
निष्कर्ष
“तुलसी जी की आरती” का नियमित पाठ व्यक्ति और परिवार के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है। यह आरती सकारात्मक ऊर्जा, स्वास्थ्य, और आर्थिक उन्नति का कारण बनती है। तुलसी माता के आशीर्वाद से घर में शांति, संतोष, और सुरक्षा बनी रहती है।
Tulsi Aarti – Maharani Namo Namo:तुलसी आरती – महारानी नमो-नमो
माँ Tulsi Aarti तुलसी पूजन, तुलसी विवाह एवं कार्तिक माह में माँ तुलसी की आरती सबसे अधिक श्रवण की जाती है।
तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।
धन तुलसी पूरण तप कीनो,
शालिग्राम बनी पटरानी ।
जाके पत्र मंजरी कोमल,
श्रीपति कमल चरण लपटानी ॥
तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।
धूप-दीप-नवैद्य आरती,
पुष्पन की वर्षा बरसानी ।
छप्पन भोग छत्तीसों व्यंजन,
बिन तुलसी हरि एक ना मानी ॥
तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।
सभी सखी मैया तेरो यश गावें,
भक्तिदान दीजै महारानी ।
नमो-नमो तुलसी महारानी,
तुलसी महारानी नमो-नमो ॥
तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।