Shanta Durgechi Aarti:श्री शांतादुर्गा देवी की आरती के लाभ और महत्व
Shanta Durgechi Aarti:श्री शांतादुर्गा देवी गोवा की प्रमुख देवी मानी जाती हैं और उन्हें शांति की देवी के रूप में पूजा जाता है। श्री शांतादुर्गा की आरती करने से भक्तों को कई आध्यात्मिक और व्यक्तिगत लाभ प्राप्त होते हैं। यहाँ उनके आरती के कुछ मुख्य लाभ दिए गए हैं:
Shanta Durgechi Aarti:श्री शांतादुर्गा देवी की आरती के लाभ
- शांति और संतुलन का आशीर्वाद
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, श्री शांतादुर्गा देवी को शांति की देवी माना जाता है। Shanta Durgechi Aarti उनकी आरती करने से व्यक्ति के जीवन में शांति, संतुलन, और स्थिरता आती है। जो लोग मानसिक तनाव और अस्थिरता से गुजर रहे हैं, उनके लिए यह आरती मानसिक शांति और संतुलन लाती है। - संबंधों में प्रेम और सौहार्द
श्री शांतादुर्गा देवी की आरती से परिवार में प्रेम, सौहार्द, और एकता का विकास होता है। इससे आपसी मतभेद दूर होते हैं और परिवार के सदस्यों में प्रेम और सम्मान बना रहता है। यह आरती विशेष रूप से पारिवारिक एकता और सुख-शांति के लिए लाभकारी मानी जाती है। - कठिनाइयों से मुक्ति और संकटों का नाश
श्री शांतादुर्गा देवी की आरती करने से जीवन में आने वाली कठिनाइयाँ और संकट दूर होते हैं। Shanta Durgechi Aarti देवी अपने भक्तों की सभी परेशानियों को हर लेती हैं और उन्हें कठिन समय में सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करती हैं। इससे व्यक्ति को विपत्तियों से छुटकारा मिलता है और उसके जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है। - साहस और आत्मबल का विकास
श्री शांतादुर्गा देवी की आरती करने से व्यक्ति में आत्मबल और साहस का विकास होता है। देवी अपने भक्तों को कठिन परिस्थितियों का सामना करने की शक्ति और आत्मविश्वास प्रदान करती हैं। उनकी आरती करने से व्यक्ति में साहस और निडरता का संचार होता है। - सकारात्मक ऊर्जा और सुरक्षा कवच
देवी शांतादुर्गा की आरती करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह आरती एक सुरक्षा कवच की तरह कार्य करती है और घर के सदस्यों को नकारात्मक ऊर्जाओं और बुरी शक्तियों से बचाती है। इससे घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है। - आध्यात्मिक उन्नति
श्री शांतादुर्गा देवी की आरती करने से भक्तों की आध्यात्मिक उन्नति होती है। यह उनके भीतर एक गहरी आध्यात्मिक समझ और शांति को जागृत करता है। आरती करने से व्यक्ति का मन एकाग्र होता है और उसे आत्मिक शांति प्राप्त होती है।
Shanta Durgechi Aarti:श्री शांतादुर्गा देवी की आरती का सही समय
- मंगलवार और शुक्रवार को देवी शांतादुर्गा की आरती करना विशेष लाभकारी माना जाता है, क्योंकि ये दिन देवी को समर्पित होते हैं।
- सुबह और संध्या का समय आरती के लिए उपयुक्त है। सुबह की आरती से दिनभर ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार होता है, Shanta Durgechi Aarti और संध्या की आरती से दिन के अंत में मन शांत होता है।
- नवरात्रि के दिनों में भी देवी की आरती विशेष महत्व रखती है। इस समय आरती करने से देवी की कृपा से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
निष्कर्ष
श्री शांतादुर्गा देवी की आरती करने से मानसिक शांति, पारिवारिक सुख, आत्मबल, कठिनाइयों से मुक्ति, सकारात्मक ऊर्जा, और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है। देवी शांतादुर्गा अपने भक्तों को हर विपत्ति से बचाकर उनके जीवन में सुख-शांति, संतुलन, और समृद्धि लाती हैं।
Shri Shanta Durgechi Aarti:श्री शांतादुर्गेची आरती
जय देवी जय देवी जय शांते जननी ।
दुर्गे बहुदु:खदमने रतलो तव भजनी ॥
भूकैलासा ऐसी ही कवला नगरी ।
शांतादुर्गा तेथे भक्तभवहारी ।
असुराते मर्दुनिया सुरवरकैवारी ।
स्मरती विधीहरीशंकर सुरगण अंतरी ।
जय देवी जय देवी जय शांते जननी ।
दुर्गे बहुदु:खदमने रतलो तव भजनी ॥
प्रबोध तुझा नव्हे विश्वाभीतरी ।
नेति नेति शब्दे गर्जती पै चारी ।
साही शास्त्रे मथिता न कळीसी निर्धारी ।
अष्टादश गर्जती परी नेणती तव थोरी ।
जय देवी जय देवी जय शांते जननी ।
दुर्गे बहुदु:खदमने रतलो तव भजनी ॥
कोटी मदन रूपा ऐसी मुखशोभा ।
सर्वांगी भूषणे जांबूनदगाभा ।
नासाग्री मुक्ताफळ दिनमणीची प्रभा ।
भक्तजनाते अभय देसी तू अंबा ।
जय देवी जय देवी जय शांते जननी ।
दुर्गे बहुदु:खदमने रतलो तव भजनी ॥
अंबे भक्तांसाठी होसी साकार ।
नातरी जगजीवन तू नव्हसी गोचर ।
विराटरूपा धरूनी करीसी व्यापार ।
त्रिगुणी विरहीत सहीत तुज कैचा पार ।
जय देवी जय देवी जय शांते जननी ।
दुर्गे बहुदु:खदमने रतलो तव भजनी ॥
त्रितापतापे श्रमलो निजवी निजसदनी ।
अंबे सकळारंभे राका शशीवदनी ।
अगमे निगमे दुर्गे भक्तांचे जननी ।
पद्माजी बाबाजी रमला तव भजनी ।
जय देवी जय देवी जय शांते जननी ।
दुर्गे बहुदु:खदमने रतलो तव भजनी ॥