Shri Gaumata Aarti:गौ माता की आरती के लाभ
Shri Gaumata Aarti:गौ माता को हिंदू धर्म में माँ के समान माना जाता है। गौ माता की पूजा करने और उनकी आरती करने से व्यक्ति को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं।
Shri Gaumata Aarti:गौ माता की आरती के प्रमुख लाभ:
- आध्यात्मिक विकास: गौ माता की आरती करने से व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास होता है। इससे मन शांत होता है और आत्मविश्वास बढ़ता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: गौ माता की आरती करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- सुख-शांति: गौ माता की आरती करने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
- समृद्धि: गौ माता की कृपा से भक्तों के जीवन में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
- रोग मुक्ति: गौ माता की आरती करने से रोगों से मुक्ति मिलती है।
- पापों का नाश: गौ माता की सेवा करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
- मोक्ष की प्राप्ति: गौ माता की सेवा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- धार्मिक कर्म: गौ माता की आरती करने से व्यक्ति धार्मिक कर्मों से जुड़ता है।
Shri Gaumata Aarti:गौ माता की आरती क्यों महत्वपूर्ण है?
- 33 करोड़ देवताओं का वास: गौ माता के शरीर में 33 करोड़ देवताओं का वास माना जाता है। इसलिए गौ माता की सेवा करने से सभी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- माता भूमि का रूप: गौ माता को माता भूमि का रूप माना जाता है। इसलिए गौ माता की सेवा करने से मातृभूमि की सेवा होती है।
- संस्कृति की रक्षक: गौ माता को संस्कृति की रक्षक माना जाता है। इसलिए गौ माता की सेवा करने से संस्कृति की रक्षा होती है।
Shri Gaumata Aarti:गौ माता की आरती कैसे करें?
गौ माता की आरती करने के लिए आप किसी भी शुभ मुहूर्त में बैठकर गौ माता की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाकर आरती कर सकते हैं। आरती के दौरान आप गौ माता के मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं।
नोट: गौ माता की सेवा करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप गौशाला में जाकर गौ माता की सेवा करें।
निष्कर्ष:
Shri Gaumata Aarti:गौ माता की आरती करने से व्यक्ति को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। इसलिए हमें गौ माता की सेवा करनी चाहिए और उनकी आरती नियमित रूप से करनी चाहिए।
Shri Gaumata Aarti:गौमता आरती
श्री गौमता जी की आरती
आरती श्री गैय्या मैंय्या की,
आरती हरनि विश्व धैय्या की ॥
अर्थकाम सद्धर्म प्रदायिनि,
अविचल अमल मुक्तिपददायिनि ।
सुर मानव सौभाग्य विधायिनि,
प्यारी पूज्य नंद छैय्या की ॥
आरती श्री गैय्या मैंय्या की,
आरती हरनि विश्व धैय्या की ॥
अख़िल विश्व प्रतिपालिनी माता,
मधुर अमिय दुग्धान्न प्रदाता ।
रोग शोक संकट परित्राता,
भवसागर हित दृढ़ नैय्या की ॥
आरती श्री गैय्या मैंय्या की,
आरती हरनि विश्व धैय्या की ॥
आयु ओज आरोग्य विकाशिनि,
दुख दैन्य दारिद्रय विनाशिनि ।
सुष्मा सौख्य समृद्धि प्रकाशिनि,
विमल विवेक बुद्धि दैय्या की ॥
आरती श्री गैय्या मैंय्या की,
आरती हरनि विश्व धैय्या की ॥
सेवक जो चाहे दुखदाई,
सम पय सुधा पियावति माई ।
शत्रु मित्र सबको दुखदायी,
स्नेह स्वभाव विश्व जैय्या की ॥
आरती श्री गैय्या मैंय्या की,
आरती हरनि विश्व धैय्या की ॥
आरती श्री गैय्या मैंय्या की,
आरती हरनि विश्व धैय्या की ॥