Bhagwat Bhagwan Ki Aarti:श्री भगवत भगवान की आरती का गहन धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। इसे करने से जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि का आगमन होता है और नकारात्मकता दूर होती है। Bhagwat Bhagwan Ki Aarti श्री भगवत भगवान को समर्पित आरती उनके दिव्य स्वरूप और लीला का स्मरण कराते हुए भक्तों के मन में विश्वास और आस्था को और भी दृढ़ बनाती है।
Bhagwat Bhagwan Ki Aarti:श्री भगवत भगवान की आरती के लाभ
- आध्यात्मिक शक्ति का विकास: नियमित रूप से आरती करने से आत्मिक शांति मिलती है और मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है।
- सकारात्मक ऊर्जा: आरती के दौरान उत्पन्न होने वाली सकारात्मक ऊर्जा से व्यक्ति का मन और परिवेश शुद्ध होता है। घर में नकारात्मकता दूर होकर सकारात्मक वातावरण बनता है।
- कर्मों का शुद्धिकरण: श्री भगवत भगवान की आरती करने से व्यक्ति के पाप और नकारात्मक कर्मों का शुद्धिकरण होता है, जिससे उनके अच्छे कर्मों का फल प्राप्त होता है।
- भक्ति और श्रद्धा में वृद्धि: भगवत भगवान की आरती करने से भक्त का मन भगवान में स्थिर होता है, जिससे उसकी भक्ति और श्रद्धा में वृद्धि होती है।
- समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति: श्री भगवत भगवान की कृपा से जीवन में समृद्धि आती है, आर्थिक स्थिति सुधरती है, और भौतिक सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है।
- संकटों का नाश: भगवान की आरती से जीवन में आने वाले कष्ट, रोग, और परेशानियों का नाश होता है, जिससे भक्त सुखमय जीवन व्यतीत करता है।
- पारिवारिक सौहार्द: भगवान की आरती करने से घर-परिवार में आपसी प्रेम, सौहार्द, और मेल-मिलाप बना रहता है। परिवार में शांति और समृद्धि का वातावरण होता है।
Bhagwat Bhagwan Ki Aarti:श्री भगवत भगवान की आरती का महत्व
भगवत भगवान की आरती का नियमित रूप से पाठ करने से भक्त के मन में आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ती है। इसमें भगवान की महिमा का वर्णन और उनके दिव्य कार्यों का स्मरण किया जाता है, जिससे भक्त की भगवान के प्रति श्रद्धा और विश्वास प्रबल होता है।
आरती करते समय भक्त भगवान से अपनी परेशानियों के समाधान, सुख-शांति, और उन्नति की कामना कर सकते हैं।
Shri Bhagwat Bhagwan Ki Aarti:श्री भगवत भगवान की है आरती
श्री भगवत भगवान की है आरती,
पापियों को पाप से है तारती।
ये अमर ग्रन्थ ये मुक्ति पन्थ,
ये पंचम वेद निराला,
नव ज्योति जलाने वाला।
हरि नाम यही हरि धाम यही,
यही जग मंगल की आरती
पापियों को पाप से है तारती॥
॥ श्री भगवत भगवान की है आरती…॥
ये शान्ति गीत पावन पुनीत,
पापों को मिटाने वाला,
हरि दरश दिखाने वाला।
यह सुख करनी, यह दुःख हरिनी,
श्री मधुसूदन की आरती,
पापियों को पाप से है तारती॥
॥ श्री भगवत भगवान की है आरती…॥
ये मधुर बोल, जग फन्द खोल,
सन्मार्ग दिखाने वाला,
बिगड़ी को बनानेवाला।
श्री राम यही, घनश्याम यही,
यही प्रभु की महिमा की आरती
पापियों को पाप से है तारती॥
॥ श्री भगवत भगवान की है आरती…॥
श्री भगवत भगवान की है आरती,
पापियों को पाप से है तारती।