Baba Balaknath Aarti:बाबा बालक नाथ आरती के फायदे
Baba Balaknath Aarti:बाबा बालक नाथ जी की आरती का पाठ करने से मन को शांति मिलती है Baba Balaknath Aarti और आध्यात्मिक उन्नति होती है। मान्यता है कि इस आरती के नियमित पाठ से कई लाभ प्राप्त होते हैं, जैसे कि
- मन की शांति: आरती का पाठ करने से मन शांत होता है और तनाव कम होता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: यह भक्ति भाव को बढ़ाती है और आध्यात्मिक विकास में सहायक होती है।
- मनोकामनाओं की पूर्ति: माना जाता है कि बाबा बालक नाथ जी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं और उनकी रक्षा करते हैं।
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार: आरती के पाठ से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- कष्टों का निवारण: यह विभिन्न प्रकार के कष्टों और समस्याओं से मुक्ति दिलाने में सहायक होती है।
- आत्मविश्वास में वृद्धि: नियमित पाठ से आत्मविश्वास बढ़ता है और व्यक्ति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने लगता है।
Baba Balaknath Aarti:बाबा बालक नाथ आरती का पाठ कैसे करें
- शुद्ध मन से: आरती का पाठ करते समय मन को शुद्ध रखना चाहिए और भगवान में विश्वास रखना चाहिए।
- नियमितता: नियमित रूप से आरती का पाठ करने से अधिक लाभ मिलता है।
- भावनाओं के साथ: आरती का पाठ करते समय भावनाओं के साथ गाना चाहिए।
- ध्यान केंद्रित करके: पाठ के दौरान ध्यान केंद्रित करके भगवान का ध्यान करना चाहिए।
Baba Balaknath Aarti:कहां से करें आरती
Baba Balaknath Aarti:आप बाबा बालक नाथ जी के मंदिर में जाकर आरती में शामिल हो सकते हैं या घर पर भी आरती का पाठ कर सकते हैं।
Shri Baba Balaknath Aarti:बाबा बालक नाथ आरती
ॐ जय कलाधारी हरे,
स्वामी जय पौणाहारी हरे,
भक्त जनों की नैया,
दस जनों की नैया,
भव से पार करे,
ॐ जय कलाधारी हरे ॥
बालक उमर सुहानी,
नाम बालक नाथा,
अमर हुए शंकर से,
सुन के अमर गाथा ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥
शीश पे बाल सुनैहरी,
गले रुद्राक्षी माला,
हाथ में झोली चिमटा,
आसन मृगशाला ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥
सुंदर सेली सिंगी,
वैरागन सोहे,
गऊ पालक रखवालक,
भगतन मन मोहे ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥
अंग भभूत रमाई,
मूर्ति प्रभु रंगी,
भय भज्जन दुःख नाशक,
भरथरी के संगी ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥
रोट चढ़त रविवार को,
फल, फूल मिश्री मेवा,
धुप दीप कुदनुं से,
आनंद सिद्ध देवा ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥
भक्तन हित अवतार लियो,
प्रभु देख के कल्लू काला,
दुष्ट दमन शत्रुहन,
सबके प्रतिपाला ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥
श्री बालक नाथ जी की आरती,
जो कोई नित गावे,
कहते है सेवक तेरे,
मन वाच्छित फल पावे ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥
ॐ जय कलाधारी हरे,
स्वामी जय पौणाहारी हरे,
भक्त जनों की नैया,
भव से पार करे,
ॐ जय कलाधारी हरे ॥