सनातन धर्म में नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ हो जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शारदीय नवरात्रि में मां शक्ति के 9 स्वरूपों की उपासना करने से साधक को विशेष लाभ प्राप्त होता है। साथ ही जीवन में आ रही सभी समस्या दूर हो जाती है। हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व है। बता दें कि हर वर्ष दो नवरात्रि पर मनाए जाते हैं। एक चैत्र मास में और दूसरा आश्विन मास में। आश्विन मास में पड़ने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि की शुरुआत आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हो जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शारदीय नवरात्रि में घटस्थापना और नौ दिनों तक देवी दुर्गा की उपासना करने से साधक को सुख, समृद्धि एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

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शारदीय नवरात्रि 2023 तिथि

हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर रात्रि 11 बजकर 24 मिनट से शुरू होगी और 16 अक्टूबर मध्य रात्रि 12 बजकर 32 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। ऐसे में शारदीय नवरात्रि पर्व का शुभारंभ 15 अक्टूबर 2023, रविवार के दिन होगा। इस विशेष दिन पर चित्रा नक्षत्र और स्वाति नक्षत्र का निर्माण हो रहा है, जिसे शुभ कार्यों के लिए बहुत ही श्रेष्ठ माना जाता है।

शारदीय नवरात्रि 2023 घटस्थापना समय

शास्त्रों में बताया गया है कि शारदीय नवरात्रि के शुभ अवसर पर घटस्थापना मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त के दौरन तय होता है। घट स्थापना का समय निश्चित चित्रा नक्षत्र के दौरन ही होता है। ऐसे में इस दिन चित्रा नक्षत्र 14 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 24 मिनट से 15 अक्टूबर शाम 06 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। वहीं अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 04 मिनट से सुबह 11 बजकर 50 मिनट के बीच रहेगा, इसलिए घटस्थापना पूजा भी इसी अवधि में की जाएगी।

शारदीय नवरात्रि का धार्मिक महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पहले चैत्र नवरात्रि को ही बहुत धूमधाम से मनाया जाता था लेकिन जब भगवान राम ने रावण पर विजय प्राप्त की तब वह चैत्र नवरात्रि का इंतजार नहीं करना चाहते थे और आश्विन मास की प्रतिपदा को दुर्गा पूजा आयोजित की। तभी से शारदीय नवरात्रि की धूम होने लगी। देवी भागवत पुराण में भी भगवान श्रीराम द्वारा शारदीय नवरात्रि का व्रत और शक्ति पूजन करने का वर्णन मिलता है। इसके साथ ही आश्विन मास में ही मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस पर आक्रमण कर दिया और उससे नौ दिन तक युद्ध किया और दसवें दिन राक्षस का वध कर दिया इसलिए नौ दिन तक मां दुर्गी की पूजा शक्ति के रूप में की जाती है।

कलश स्थापना का मुहूर्त

शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि यानी पहले दिन कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा की पूजा शुरू होती है। शक्ति पूजा से पहले मां दुर्गा का आह्वान किया जाता है। कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 15 अक्टूबर को 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक है। ऐसे में कलश स्थापना के लिए 46 मिनट का समय दिया गया है।

नवरात्रि में इस दिन करें मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा

नवरात्रि का पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा – 15 अक्टूबर 2023
नवरात्रि का दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा – 16 अक्टूबर 2023
नवरात्रि का तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा – 17 अक्टूबर 2023
नवरात्रि का चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा – 18 अक्टूबर 2023
नवरात्रि का पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा – 19 अक्टूबर 2023

नवरात्रि का छठवें दिन मां कात्यायनी की पूजा – 20 अक्टूबर 2023
नवरात्रि का सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा – 21 अक्टूबर 2023
नवरात्रि का आठवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा – 22 अक्टूबर 2023
नवरात्रि का नौवें दिन मां महागौरी की पूजा – 23 अक्टूबर 2023
विजयदशमी या दशहरा पर्व – 24 अक्टूबर 2023

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