Sharad Purnima 2024:शरद पूर्णिमा 2024: तिथि, महत्त्व, शुभ मुहूर्त और पूजाविधि

Sharad Purnima 2024:शरद पूर्णिमा 2024 की तिथि
Sharad Purnima 2024:शरद पूर्णिमा, जिसे कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है, और इसे आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।

Sharad Purnima 2024:में शरद पूर्णिमा की तिथि

  • पूर्णिमा तिथि आरंभ: 16 अक्टूबर 2024 को रात 02:29 बजे
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त: 17 अक्टूबर 2024 को 04:29 बजे

इसलिए, 17 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा मनाई जाएगी।

Sharad Purnima 2024:शरद पूर्णिमा का महत्त्व

शरद पूर्णिमा का विशेष महत्त्व हिंदू धर्म में है क्योंकि इस दिन चंद्रमा अपनी पूरी चमक और रूप में होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा से अमृत की वर्षा होती है। इसे धन, आरोग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस दिन कोजागरी व्रत करने और चंद्रमा की पूजा करने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, जिससे घर में सुख-समृद्धि आती है।

Sharad Purnima 2024

शरद पूर्णिमा का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है। भगवान श्रीकृष्ण ने इसी दिन गोपियों के साथ महारास का आयोजन किया था। इसलिए, इसे रास पूर्णिमा भी कहते हैं। यह दिन भक्ति और प्रेम का प्रतीक है और ब्रज में इसे विशेष रूप से धूमधाम से मनाया जाता है।

इस दिन व्रत और पूजन का विशेष महत्त्व है। भक्तजन उपवास करते हैं और रात में चंद्रमा के प्रकाश में खीर बनाकर उसे बाहर रखते हैं ताकि चंद्रमा की किरणों का प्रभाव उस पर पड़ सके। मान्यता है कि इस खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से आरोग्य और समृद्धि प्राप्त होती है।

Sharad Purnima 2024:शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

शरद पूर्णिमा की पूजा के लिए सही समय का निर्धारण बहुत महत्वपूर्ण है। चंद्रमा का पूजन रात के समय किया जाता है, जब वह अपनी पूर्ण कलाओं में होता है।

Sharad Purnima 2024:शुभ मुहूर्त
रात के समय चंद्रमा की पूजा करना श्रेष्ठ माना जाता है। इसलिए, रात्रि 11:45 बजे से लेकर 12:30 बजे के बीच चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा करना शुभ होता है। यह समय खासतौर से लक्ष्मी पूजन और चंद्र पूजन के लिए उपयुक्त माना गया है।

Sharad Purnima 2024:पूजा विधि

  1. शरद पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान करके व्रत रखने का संकल्प लें।
  2. दिनभर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का ध्यान करें और उनकी पूजा-अर्चना करें।
  3. शाम को स्नान करके साफ वस्त्र पहनें और लक्ष्मी-नारायण की प्रतिमा स्थापित करें।
  4. पूजा स्थल को साफ करें और उसमें दीपक जलाएं।
  5. मां लक्ष्मी की पूजा में धूप, दीप, फूल, गंध, चंदन, नैवेद्य और दक्षिणा अर्पित करें।
  6. चंद्रमा को विशेष रूप से दूध और खीर का भोग लगाएं।
  7. चंद्रमा को अर्घ्य दें। अर्घ्य देने के लिए चांदी के पात्र में जल भरें और उसमें अक्षत (चावल) मिलाएं।
  8. रात्रि में चंद्रमा की रोशनी में खीर बनाएं और उसे खुली छत पर रख दें ताकि चंद्रमा की किरणें उस पर पड़ सकें।
  9. अगली सुबह उस खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण करें और परिवार के सदस्यों को भी बांटें।

शरद पूर्णिमा की पूजा विधि में खास ध्यान देने वाली बात यह है कि इस दिन देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए मां लक्ष्मी के 108 नामों का जाप किया जाता है और साथ ही विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना भी शुभ माना जाता है।

Sharad Purnima 2024:शरद पूर्णिमा पर क्या करें

  1. व्रत रखें: शरद पूर्णिमा के दिन व्रत रखने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। उपवास करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और धन की कमी नहीं होती।
  2. खीर बनाएं: चंद्रमा की किरणों में रखी हुई खीर का विशेष महत्त्व होता है। इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से आरोग्य और दीर्घायु की प्राप्ति होती है।
  3. चंद्र पूजन करें: शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। चंद्रमा को दूध और खीर अर्पित करें और उसके बाद परिवार सहित प्रसाद ग्रहण करें।
  4. दान-पुण्य करें: इस दिन जरूरतमंदों को दान देना बहुत शुभ माना जाता है। विशेष रूप से वस्त्र, अन्न, और धन का दान करना चाहिए।
  5. रास लीला और कथा सुनें: शरद पूर्णिमा की रात को भगवान श्रीकृष्ण की रास लीला और उनकी लीलाओं का स्मरण करना बहुत शुभ माना जाता है। इससे आध्यात्मिक शांति मिलती है।
  6. लक्ष्मी पूजा करें: इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में धन और समृद्धि आती है। माता लक्ष्मी के 108 नामों का जाप करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।

Sharad Purnima 2024:शरद पूर्णिमा पर क्या न करें

  1. नकारात्मक विचारों से बचें: इस दिन मन को पवित्र और शांत रखें। गुस्सा और क्रोध करने से बचें।
  2. अशुद्ध वस्त्र न पहनें: पूजा के समय साफ और शुद्ध वस्त्र पहनने चाहिए। अशुद्ध वस्त्र पहनकर पूजा करना अनुचित माना जाता है।
  3. गंदे स्थान पर पूजा न करें: पूजा का स्थान साफ और पवित्र होना चाहिए। गंदे स्थान पर पूजा करना अशुभ माना जाता है।
  4. मांसाहार और तामसिक भोजन से दूर रहें: शरद पूर्णिमा के दिन मांसाहार, शराब और अन्य तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। यह दिन पूरी तरह सात्विक आहार और विचारों का होना चाहिए।
  5. रात को सोने से बचें: शरद पूर्णिमा की रात जागरण का महत्त्व होता है। यह माना जाता है कि जो व्यक्ति इस रात सोता नहीं है, उसे देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

निष्कर्ष
शरद पूर्णिमा का त्योहार श्रद्धा और भक्ति से मनाया जाता है। इस दिन चंद्रमा की पूजा और देवी लक्ष्मी का आह्वान करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और आरोग्य का वास होता है।

Parshuram Chalisa

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