Sawan Shivratri:सावन शिवरात्रि का त्योहार सावन या सावन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन मनाया जाता है। सावन शिवरात्रि भगवान शिव की पूजा के लिए दूसरा सबसे बड़ा दिन है। सावन का हर दिन शिव पूजा के लिए शुभ होता है, लेकिन सावन की शिवरात्रि का दिन सबसे अच्छा दिन माना जाता है। इस साल सावन शिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग भी बनेगा।  इस दिन लोग व्रत रखते हैं और शिव-पार्वती की पूजा करते हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस बार मासिक शिवरात्रि 2 अगस्त को मनाई जाएगी।  ऐसे में इस पवित्र दिन पर भग्वान शिव की पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना करें और लिंगाष्टकम स्तोत्र का पाठ करें।

Sawan Shivratri सावन शिवरात्रि की तिथि 

हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस बार श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 2 अगस्त को दोपहर 3:26 बजे शुरू हो रही है। यह 3 अगस्त को अपराह्न 3:50 बजे समाप्त हो रही है। ऐसे में सावन शिवरात्रि 2 अगस्त 2024 को होगी और इसी दिन शिवरात्रि की पूजा और व्रत किया जाएगा। 

Sawan 2024
Sawan 2024

सावन शिवरात्रि पूजा मुहूर्त 
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय – सायं  07:11 – रात्रि 09:49 तक (2 अगस्त)
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय – रात्रि  09:49 – रात्रि 12:27 तक (3 अगस्त)
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय – रात्रि 12:27 – प्रातः 03:06 तक (3 अगस्त)
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – प्रातः 03:06 – प्रातः  05:44 तक (3 अगस्त)
निशिता काल मुहूर्त –         रात्रि  12:06 – रात्रि 12:49 तक (3 अगस्त)
शिवरात्रि पारण समय – प्रातः 05:44 – दोपहर 03:49 तक (3 अगस्त)

Sawan Shivratri:सावन शिवरात्रि पर पूजन सामग्री 
सावन शिवरात्रि के दिन आप नीचे दी गई पूजन सामग्री से पूजा करें। 

  • एक शिवलिंग या भगवान शिव की फोटो या प्रतिमा  
  • जनेऊ
  • बेलपत्र 
  • भांग 
  • शमी के पत्ते 
  • मदार के फूल 
  • फूल माला 
  • गंगाजल 
  • गाय का दूध, गाय का घी, दही, 
  • शक्कर 
  • सफेद चंदन 
  • अक्षत् 
  • इत्र 
  • पान, सुपारी, 
  • शहद, मौसमी फल 
  • भस्म, अभ्रक, 
  • कुश का आसन 
  • हवन सामग्री 
  • माता पार्वती के लिए श्रृंगार सामग्री 
  • एक दीपक, कपूर,
  • शिवरात्रि व्रत कथा, शिव आरती और शिव चालीसा की पुस्तक

सावन शिवरात्रि पर भोलेनाथ को लगाएं ये भोग 
Sawan Shivratri:सावन शिवरात्रि पर पूजन के समय आप भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती को खीर, हलवा, ठंडाई, मालपुआ, लस्सी, सफेद बर्फी, सूखा मावा, आदि का भोग लगा सकते हैं। 

सावन शिवरात्रि पूजा विधि 

  • शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पीले वस्त्र धारण करें।
  • पूजा शुरू करने से पहले पूजा कक्ष को अच्छी तरह साफ कर लें।
  • भगवान शिव और संपूर्ण शिव परिवार की मूर्ति स्थापित करें।
  • भगवान शिव के वाहन नंदी की मूर्ति भी स्थापित करें।
  • फिर शिव परिवार का जलाभिषेक करें। पंचामृत और गंगाजल से अभिषेक करें।
  • इसके बाद धूप, दीप, नैवेद्य,फूल, बेल पत्र, भांग, धतूरा और इत्र चढ़ाएं।
  • पुरुष शिवलिंग पर पवित्र धागा चढ़ा सकते हैं, लेकिन महिलाओं को पवित्र धागा नहीं चढ़ाना चाहिए।
  • भगवान शिव के माथे पर सफेद चंदन से तिलक करें (त्रिपुण्ड)और देसी घी का दीपक जलाएं।
  • भगवान शिव को खीर या मिठाई का भोग लगाएं। 
  • साथ ही भगवान शिव को अक्षत, मीठा पान और मौसमी फल भी चढ़ाएं।
  • रुद्राक्ष की माला से “महामृत्युंजय मंत्र” का 108 बार जाप करें।
  • सुखी वैवाहिक जीवन के लिए महिलाओं को माता पार्वती को श्रृंगार का सामान चढ़ाना चाहिए।
  • इस दिन शिवभक्त शिवाष्टक या शिव पुराण का पाठ करें और पूजा का समापन आरती से करें।
Sawan Shivratri
Sawan Shivratri

सावन शिवरात्रि का महत्व 
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन महीने की Sawan Shivratri शिवरात्रि को बहुत खास माना जाता है क्योंकि शिवरात्रि भगवान शिव और देवी पार्वती के मिलन का एक विशेष त्योहार है। इस दिन भगवान शिव का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने का विशेष महत्व है। शिवरात्रि भगवान शिव और शक्ति के मिलन का दिन है। ऐसे में मनचाहा वर पाने और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए इस रात महादेव की पूजा करनी चाहिए।

माना जाता है कि सावन शिवरात्रि का व्रत और भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा करने से अपार कृपा मिलती है। इसके अलावा आप कठिन और असंभव कार्यों को भी पूरा कर सकते हैं। सावन शिवरात्रि की शाम जागरण करने से विशेष लाभ होता है। सावन शिवरात्रि की पूजा निशिता काल में विशेष फलदायी होती है। (रात में होने वाली पूजा को निशिदा पूजा कहा जाता है।)

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। KARMASU.IN एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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