Sankata Mata Aarti:संकटा माता की आरती करने से अनेक आध्यात्मिक, मानसिक, और भौतिक लाभ प्राप्त होते हैं। संकटा माता को संकटों को हरने वाली देवी माना जाता है। उनकी आराधना से भक्त को जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
Sankata Mata Aarti:संकटा माता की आरती करने के फायदे
1. Sankata Mata Aarti संकटों और बाधाओं से मुक्ति
- संकटा माता की आरती करने से जीवन में आने वाले संकट, बाधाएं और समस्याएं दूर होती हैं।
- देवी की कृपा से हर प्रकार का भय और कष्ट समाप्त होता है।
2. सुख-समृद्धि में वृद्धि
- संकटा माता की आरती करने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
- देवी की कृपा से धन-धान्य और संपत्ति में बढ़ोतरी होती है।
3. स्वास्थ्य लाभ
- देवी संकटा माता की आरती और पूजा करने से शारीरिक और मानसिक रोगों से राहत मिलती है।
- यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मकता का संचार करती है।
4. भय और नकारात्मकता का नाश
- माता की आरती से मनोबल बढ़ता है और Sankata Mata Aarti नकारात्मक विचारों से छुटकारा मिलता है।
- यह व्यक्ति को भयमुक्त और आत्मविश्वासी बनाती है।
5. परिवारिक सुख और सामंजस्य
- जब परिवार के सदस्य मिलकर संकटा माता की आरती करते हैं, तो आपसी प्रेम और सौहार्द बढ़ता है।
- यह परिवार में कलह और मतभेद को समाप्त करती है।
6. आध्यात्मिक जागरूकता
- Sankata Mata Aarti संकटा माता की आरती से व्यक्ति की आत्मा शुद्ध होती है और उसे आध्यात्मिक मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है।
- यह ध्यान और भक्ति में गहराई लाने में मदद करती है।
7. मनोकामनाओं की पूर्ति
- संकटा माता को समर्पित आरती से भक्त की इच्छाएं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- यह आराधना जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता दिलाने में सहायक होती है।
8. शत्रुओं पर विजय
- देवी की आरती और पूजा करने से शत्रुओं और विरोधियों पर विजय प्राप्त होती है।
- यह अनिष्ट शक्तियों और बुरी नजर से रक्षा करती है।
9. धार्मिक पुण्य का संचय
- माता की आरती करने से व्यक्ति को धार्मिक पुण्य प्राप्त होता है और उसका जीवन पवित्र बनता है।
- यह मोक्ष प्राप्ति के मार्ग को भी सुगम बनाती है।
आरती का समय और विधि
- संकटा माता की आरती प्रातःकाल और सायंकाल की जाती है।
- पूजा स्थल को स्वच्छ रखें, दीपक जलाएं, धूप अर्पित करें और माता को फूल और प्रसाद चढ़ाएं।
- आरती करते समय पूरी श्रद्धा और भक्ति से माता का ध्यान करें।
सारांश
Sankata Mata Aarti:संकटा माता की आरती करने से व्यक्ति को न केवल संकटों से मुक्ति मिलती है, बल्कि जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि का आगमन भी होता है। माता की कृपा से भक्त का जीवन सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है और वह हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है।
Sankata Mata Aarti:संकटा माता आरती
जय जय संकटा भवानी,
करहूं आरती तेरी ।
शरण पड़ी हूँ तेरी माता,
अरज सुनहूं अब मेरी ॥
जय जय संकटा भवानी..॥
नहिं कोउ तुम समान जग दाता,
सुर-नर-मुनि सब टेरी ।
कष्ट निवारण करहु हमारा,
लावहु तनिक न देरी ॥
जय जय संकटा भवानी..॥
काम-क्रोध अरु लोभन के वश
पापहि किया घनेरी ।
सो अपराधन उर में आनहु,
छमहु भूल बहु मेरी ॥
जय जय संकटा भवानी..॥
हरहु सकल सन्ताप हृदय का,
ममता मोह निबेरी ।
सिंहासन पर आज बिराजें,
चंवर ढ़ुरै सिर छत्र-छतेरी ॥
जय जय संकटा भवानी..॥
खप्पर, खड्ग हाथ में धारे,
वह शोभा नहिं कहत बनेरी ॥
ब्रह्मादिक सुर पार न पाये,
हारि थके हिय हेरी ॥
जय जय संकटा भवानी..॥
असुरन्ह का वध किन्हा,
प्रकटेउ अमत दिलेरी ।
संतन को सुख दियो सदा ही,
टेर सुनत नहिं कियो अबेरी ॥
जय जय संकटा भवानी..॥
गावत गुण-गुण निज हो तेरी,
बजत दुंदुभी भेरी ।
अस निज जानि शरण में आयऊं,
टेहि कर फल नहीं कहत बनेरी ॥
जय जय संकटा भवानी..॥
जय जय संकटा भवानी,
करहूं आरती तेरी ।
भव बंधन में सो नहिं आवै,
निशदिन ध्यान धरीरी ॥
जय जय संकटा भवानी,
करहूं आरती तेरी ।
शरण पड़ी हूँ तेरी माता,
अरज सुनहूं अब मेरी ॥