Rohini Vrat 2024:रोहिणी व्रत पूजा विधि अक्टूबर 2024
Rohini Vrat 2024:रोहिणी व्रत का महत्व
Rohini Vrat 2024:रोहिणी व्रत का महत्व जैन धर्म में विशेष रूप से माना जाता है। इस व्रत को मुख्यतः स्त्रियाँ अपने पति और परिवार की दीर्घायु, सुख-समृद्धि, और कल्याण के लिए करती हैं। इस व्रत की महत्ता इसलिए भी अधिक है Rohini Vrat OCTOBER 2024 क्योंकि इसे करने से व्रती को पुण्य की प्राप्ति होती है और समस्त कष्टों का निवारण होता है। यह व्रत भगवान वासुपूज्य की आराधना के साथ किया जाता है, जो 12वें तीर्थंकर हैं। भगवान वासुपूज्य की कृपा से व्रत करने वालों को मोक्ष मार्ग पर बढ़ने का आशीर्वाद मिलता है।
अक्टूबर 2024 में रोहिणी व्रत की तिथि
अक्टूबर 2024 में रोहिणी व्रत की तिथि 21 अक्टूबर है। रोहिणी नक्षत्र की अवधि के दौरान यह व्रत किया जाता है, जो कि ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा से संबंधित एक प्रमुख नक्षत्र है।
Rohini Vrat 2024:रोहिणी व्रत पूजा विधि
1. व्रत की तैयारी
व्रत की शुरुआत से पहले घर को साफ-सुथरा करना चाहिए। पूजा स्थान को अच्छे से स्वच्छ कर लें और वहां भगवान वासुपूज्य की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और भगवान वासुपूज्य की प्रतिमा को विराजमान करें। इसके बाद पूजा सामग्री को व्यवस्थित करें, जिसमें धूप, दीप, अक्षत (चावल), कुमकुम, पुष्प, फल, और मिठाई आदि शामिल होते हैं।
2. स्नान और शुद्धिकरण
व्रती को सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना चाहिए और शुद्ध वस्त्र धारण करने चाहिए। शारीरिक और मानसिक शुद्धता पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके बाद भगवान वासुपूज्य को ध्यान में रखते हुए व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
3. भगवान वासुपूज्य की पूजा
भगवान वासुपूज्य की प्रतिमा के सामने दीपक जलाएं और धूप लगाएं। इसके बाद भगवान का अभिषेक करें, जो कि पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर) से किया जाता है। अभिषेक के बाद भगवान को स्वच्छ जल से स्नान कराएं और उन्हें वस्त्र अर्पित करें। इसके बाद पुष्प, फल, और मिठाई अर्पित करें। भगवान के चरणों में अक्षत और कुमकुम चढ़ाएं।
4. व्रत कथा का श्रवण या पाठ
पूजा के दौरान या उसके बाद रोहिणी व्रत की कथा का पाठ किया जाता है। यह कथा भगवान वासुपूज्य के जीवन, उनकी साधना और मोक्ष प्राप्ति की कहानी को बयां करती है। इस कथा को सुनने या पढ़ने से मन में श्रद्धा और विश्वास बढ़ता है और व्रती को व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त होता है।
5. ध्यान और प्रार्थना
कथा के बाद व्रती को भगवान वासुपूज्य का ध्यान करते हुए उनसे अपने परिवार की सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना करनी चाहिए। प्रार्थना में श्रद्धा भाव से “ॐ वासुपूज्य नमः” मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का 108 बार जाप करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।
6. व्रत का पालन
इस दिन निराहार या फलाहार रहना चाहिए। व्रती दिन भर उपवास करते हैं और केवल जल ग्रहण कर सकते हैं या फलाहार कर सकते हैं। यदि किसी कारणवश निराहार रहना संभव न हो तो, सात्विक आहार का सेवन कर सकते हैं। इस व्रत का पालन पूरी श्रद्धा और समर्पण भाव से किया जाना चाहिए।
Rohini Vrat 2024:रोहिणी व्रत में क्या करें और क्या न करें
Rohini Vrat 2024:क्या करें:
- पूजा और आराधना: भगवान वासुपूज्य की आराधना और पूजा अवश्य करें। भगवान के चरणों में पुष्प और अक्षत अर्पित करें।
- व्रत का संकल्प: सूर्योदय से पहले स्नान कर व्रत का संकल्प लें और दिन भर संयम और शुद्धता का पालन करें।
- कथा का श्रवण: रोहिणी व्रत कथा का श्रवण या पाठ करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे व्रत का पूर्ण फल मिलता है।
- दूसरों की सेवा: इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करना शुभ माना जाता है। भोजन दान और वस्त्र दान करना भी पुण्यदायी होता है।
- ध्यान और मंत्र जाप: व्रत के दौरान भगवान वासुपूज्य का ध्यान और “ॐ वासुपूज्य नमः” मंत्र का जाप करें।
Rohini Vrat 2024:क्या न करें:
- क्रोध और ईर्ष्या से बचें: इस दिन मन को शांत रखें और किसी प्रकार की नकारात्मक भावनाओं से बचें। क्रोध, ईर्ष्या और द्वेष जैसी भावनाओं का त्याग करें।
- अहिंसा का पालन: जैन धर्म में अहिंसा का विशेष महत्व है, इसलिए किसी भी प्रकार की हिंसा से दूर रहें।
- असत्य भाषण न करें: इस दिन झूठ बोलने से बचें और हमेशा सत्य का पालन करें।
- अनुचित आहार न लें: व्रत के दौरान मांसाहार और तामसिक भोजन से बचें। यदि निराहार नहीं रह सकते तो केवल फलाहार या सात्विक आहार का सेवन करें।
- निंदात्मक कार्य न करें: इस दिन दूसरों की निंदा, चुगली या किसी के प्रति बुरा सोचना वर्जित है।
Rohini Vrat 2024:रोहिणी व्रत का पुण्य फल
रोहिणी व्रत का पालन करने से व्रती को अनेक प्रकार के पुण्य फल प्राप्त होते हैं। इससे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। भगवान वासुपूज्य की कृपा से मनुष्य के सभी कष्ट दूर होते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति की ओर अग्रसर होने का अवसर मिलता है। व्रत का पालन करने से घर-परिवार में खुशहाली और प्रेम का वातावरण बनता है। विशेष रूप से विवाहित स्त्रियाँ इस व्रत को करती हैं ताकि उनके पति की दीर्घायु हो और उनका वैवाहिक जीवन सुखमय बना रहे।
निष्कर्ष
Rohini Vrat 2024:रोहिणी व्रत जैन धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है। यह व्रत भगवान वासुपूज्य की आराधना के साथ किया जाता है और इसे करने से व्रती के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। अक्टूबर 2024 में 21 तारीख को यह व्रत मनाया जाएगा, और इसे पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से करने से व्यक्ति को निश्चित ही पुण्य की प्राप्ति होती है।