Mata Parvati Aarti:माता पार्वती आरती के लाभ
Mata Parvati Aarti:माता पार्वती की आरती का गायन या सुनना भक्तों के जीवन में अनेक लाभकारी प्रभाव डालता है। Mata Parvati Aarti माना जाता है कि माता पार्वती की कृपा से भक्तों के जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और सफलता आती है।
Mata Parvati Aarti:माता पार्वती आरती के कुछ प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:
- आध्यात्मिक उन्नति: माता पार्वती की आरती करने से व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास होता है। इससे मन शांत होता है और आत्मविश्वास बढ़ता है।
- संकटों से मुक्ति: माता पार्वती को संकटमोचन भी कहा जाता है। Mata Parvati Aarti उनकी आरती करने से जीवन में आने वाली सभी समस्याओं का समाधान होता है।
- सुख-शांति: माता पार्वती को गृहस्थ जीवन की देवी माना जाता है। उनकी आरती करने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
- समृद्धि: माता पार्वती की कृपा से भक्तों के जीवन में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
- सौंदर्य: माता पार्वती को सौंदर्य की देवी भी कहा जाता है। उनकी आरती करने से व्यक्ति का व्यक्तित्व आकर्षक बनता है।
- विवाह: कुंवारे लड़के-लड़कियों के विवाह के लिए माता पार्वती की पूजा की जाती है।
- संतान प्राप्ति: संतान प्राप्ति के लिए भी माता पार्वती की पूजा की जाती है।
- रोग मुक्ति: माता पार्वती की कृपा से रोगों से मुक्ति मिलती है।
कुल मिलाकर, माता पार्वती की आरती करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं।
यहां कुछ अन्य लाभ भी हो सकते हैं:
- शिक्षा में सफलता: विद्यार्थियों को शिक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए।
- कला और संगीत: कलाकारों और संगीतकारों को अपनी कला में निपुणता प्राप्त करने के लिए माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए।
- व्यवसाय में सफलता: व्यवसायियों को अपने व्यवसाय में सफलता प्राप्त करने के लिए माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए।
ध्यान रखें कि ये लाभ व्यक्ति की आस्था और भक्ति पर निर्भर करते हैं। नियमित रूप से माता पार्वती की पूजा करने से इन लाभों को प्राप्त करने की संभावना बढ़ जाती है।
Mata Parvati Aarti:माता पार्वती आरती
जय पार्वती माता,
जय पार्वती माता
ब्रह्मा सनातन देवी,
शुभ फल की दाता ।
॥ जय पार्वती माता… ॥
अरिकुल कंटक नासनि,
निज सेवक त्राता,
जगजननी जगदम्बा,
हरिहर गुण गाता ।
॥ जय पार्वती माता… ॥
सिंह को वहान साजे,
कुंडल है साथा,
देव वधू जस गावत,
नृत्य करत ता था ।
॥ जय पार्वती माता… ॥
सतयुग रूप शील अतिसुंदर,
नाम सती कहलाता,
हेमाचंल घर जन्मी,
सखियाँ संगराता ।
॥ जय पार्वती माता… ॥
शुम्भ निशुम्भ विदारे,
हेमाचंल स्थाता,
सहस्त्र भुजा तनु धरिके,
चक्र लियो हाथा ।
॥ जय पार्वती माता… ॥
सृष्टि रूप तुही है जननी,
शिव संग रंगराता,
नन्दी भृंगी बीन लही,
सारा जग मदमाता ।
॥ जय पार्वती माता… ॥
देवन अरज करत हम,
चरण ध्यान लाता,
तेरी कृपा रहे तो,
मन नहीं भरमाता ।
॥ जय पार्वती माता… ॥
मैया जी की आरती,
भक्ति भाव से जो नर गाता,
नित्य सुखी रह करके,
सुख संपत्ति पाता ।
॥ जय पार्वती माता… ॥
जय पार्वती माता,
जय पार्वती माता,
ब्रह्मा सनातन देवी,
शुभ फल की दाता ।
जय पार्वती माता,
जय पार्वती माता
ब्रह्मा सनातन देवी,
शुभ फल की दाता ।