Mata Kalratri Ki Aarti:माँ कालरात्रि की आरती के लाभ (फायदे)
Mata Kalratri Ki Aarti:माँ कालरात्रि, माँ दुर्गा के सातवें रूप के रूप में पूजी जाती हैं। उनका स्वरूप भय को दूर करने वाला और भक्तों को शत्रु-भय, अंधकार, और बुरी शक्तियों से रक्षा प्रदान करने वाला है। माँ कालरात्रि की आरती करने से आध्यात्मिक और भौतिक दोनों लाभ मिलते हैं।
Mata Kalratri Ki Aarti:माँ कालरात्रि की आरती के फायदे:
1. भय और शत्रु से मुक्ति:
- माँ कालरात्रि को भय का नाश करने वाली देवी कहा जाता है। उनकी आरती करने से जीवन के सभी प्रकार के भय, शत्रु, और बाधाएं समाप्त होती हैं।
- यह आरती शत्रुओं पर विजय पाने के लिए अत्यंत प्रभावी है।
2. Mata Kalratri Ki Aarti नकारात्मक शक्तियों का नाश:
- Mata Kalratri Ki Aarti:माँ कालरात्रि की आरती करने से घर और जीवन में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा, बुरी दृष्टि, और काले जादू का प्रभाव समाप्त होता है।
- यह आरती जीवन को सकारात्मक और ऊर्जावान बनाती है।
3. आध्यात्मिक उन्नति:
- माँ कालरात्रि की कृपा से साधक की साधना सफल होती है।
- उनकी आरती करने से ध्यान में एकाग्रता बढ़ती है और आत्मिक उन्नति होती है।
4. स्वास्थ्य लाभ:
- माँ कालरात्रि की आरती Mata Kalratri Ki Aarti करने से मानसिक और शारीरिक बीमारियों में सुधार होता है।
- विशेषकर मानसिक तनाव, अनिद्रा, और डर से मुक्ति मिलती है।
5. आकस्मिक संकटों से सुरक्षा:
- माँ कालरात्रि संकटों से बचाने वाली देवी हैं। उनकी आरती करने से आकस्मिक दुर्घटनाओं और अप्रत्याशित परेशानियों से सुरक्षा मिलती है।
6. कुंडली दोष और ग्रह बाधा का निवारण
- यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु या केतु अशुभ स्थिति में हो, तो माँ कालरात्रि की आरती और पूजा से ग्रह दोष शांत होते हैं।
7. परिवार में सुख-शांति:
- उनकी आरती करने से घर-परिवार में शांति और समृद्धि आती है।
- घर में मौजूद अशांति और कलह का अंत होता है।
माँ कालरात्रि की आरती का शुभ समय:
- अमावस्या और नवमी तिथि:
- इन दिनों में माँ कालरात्रि की आरती का विशेष महत्व है।
- रात्रि के समय:
- माँ कालरात्रि की पूजा और आरती रात्रि के समय करना अधिक प्रभावी होता है।
- नवरात्रि का सातवां दिन:
- नवरात्रि के सातवें दिन माँ कालरात्रि की आरती करना विशेष फलदायी माना गया है।
आरती विधि:
- माँ कालरात्रि के चित्र या मूर्ति के सामने दीपक और धूप जलाएं।
- काले या लाल रंग के फूल चढ़ाएं।
- गुड़ और नारियल का भोग अर्पित करें।
- घंटी और शंख के साथ आरती गाएं।
- अंत में माँ से आशीर्वाद मांगें।
माँ कालरात्रि की आरती करने से न केवल भय और संकटों का नाश होता है, बल्कि भक्त के जीवन में सुख, समृद्धि, और आध्यात्मिक शांति का संचार होता है।
Mata Kalratri Ki Aarti:माँ कालरात्रि की आरती
नवरात्रि के सातवें दिन माँ दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा की जाती है, माँ कालरात्रि की यह अत्यंत महत्वपूर्ण आरती के लिरिक्स कुछ इस प्रकार से हैं।
कालरात्रि जय-जय-महाकाली ।
काल के मुह से बचाने वाली ॥
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा ।
महाचंडी तेरा अवतार ॥
पृथ्वी और आकाश पे सारा ।
महाकाली है तेरा पसारा ॥
खडग खप्पर रखने वाली ।
दुष्टों का लहू चखने वाली ॥
कलकत्ता स्थान तुम्हारा ।
सब जगह देखूं तेरा नजारा ॥
सभी देवता सब नर-नारी ।
गावें स्तुति सभी तुम्हारी ॥
रक्तदंता और अन्नपूर्णा ।
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना ॥
ना कोई चिंता रहे बीमारी ।
ना कोई गम ना संकट भारी ॥
उस पर कभी कष्ट ना आवें ।
महाकाली माँ जिसे बचाबे ॥
तू भी भक्त प्रेम से कह ।
कालरात्रि माँ तेरी जय ॥