Mata Gayatri Aarti:गायत्री माता की आरती: महत्व और लाभ
Gayatri Aarti:गायत्री माता को वेदों की माँ और त्रिदेवों की शक्ति का स्वरूप माना गया है। गायत्री माता की उपासना करने से व्यक्ति को ज्ञान, शुद्धता, और ऊर्जा प्राप्त होती है। गायत्री माता की आरती उनके प्रति आस्था और श्रद्धा को दर्शाने का माध्यम है, और इसे करने से भक्त को अनेक आध्यात्मिक एवं सांसारिक लाभ प्राप्त होते हैं।
Mata Gayatri Aarti:गायत्री माता की आरती के लाभ और महत्व
- ज्ञान और बुद्धि का विकास
गायत्री माता ज्ञान और बुद्धि की देवी मानी जाती हैं। उनकी आरती करने से व्यक्ति की मानसिक शक्तियों का विकास होता है और उसकी स्मरण शक्ति, एकाग्रता, और विवेक में वृद्धि होती है। विशेष रूप से विद्यार्थियों के लिए यह आरती लाभकारी मानी जाती है। - आध्यात्मिक शक्ति और ऊर्जा का संचार
गायत्री आरती करने से व्यक्ति के भीतर सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक शक्ति का संचार होता है। यह मन को शांति और संतुलन प्रदान करती है और साधक को ऊर्जावान बनाए रखती है। - सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास में वृद्धि
गायत्री माता की आरती से व्यक्ति के विचारों में सकारात्मकता आती है और नकारात्मकता दूर होती है। इससे आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होती है, जिससे व्यक्ति जीवन में हर परिस्थिति का सामना दृढ़ता से कर सकता है। - संकटों और कष्टों से मुक्ति
गायत्री माता की कृपा से भक्त के जीवन में आने वाली कठिनाइयाँ और संकट दूर होते हैं। उनकी आरती करने से देवी अपने भक्तों को हर प्रकार के संकट से बचाती हैं और जीवन में सुख-शांति का आशीर्वाद देती हैं। - पारिवारिक शांति और समृद्धि
गायत्री माता की आरती करने से घर में शांति और समृद्धि आती है। यह आरती परिवार के सभी सदस्यों के बीच प्रेम और एकता बढ़ाती है और उनके जीवन में सुख-संपन्नता का संचार करती है। - स्वास्थ्य और कल्याण
गायत्री माता की आरती करने से स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। Gayatri Aarti उनकी कृपा से शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं, और व्यक्ति को रोगों से मुक्ति मिलती है। - धार्मिक उन्नति और आध्यात्मिक ज्ञान
गायत्री माता की आरती करने से व्यक्ति की धार्मिक समझ और आध्यात्मिक ज्ञान में वृद्धि होती है। Mata Gayatri Aarti यह आरती व्यक्ति को मोक्ष और परम शांति की ओर अग्रसर करती है।
Mata Gayatri Aarti:गायत्री माता की आरती का शुभ समय
- प्रातःकाल और संध्याकाल का समय गायत्री माता की आरती के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। सुबह की आरती से दिनभर सकारात्मक ऊर्जा और प्रेरणा मिलती है, जबकि संध्या की आरती से दिनभर का मानसिक तनाव समाप्त हो जाता है।
- एकादशी, पूर्णिमा, अमावस्या, और नवरात्रि जैसे विशेष अवसरों पर भी गायत्री माता की आरती करने का विशेष महत्व होता है।
- गायत्री जयंती के दिन माता की आरती करना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है, क्योंकि यह दिन उनकी आराधना के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है।
निष्कर्ष
Gayatri Aarti:गायत्री माता की आरती करने से व्यक्ति को ज्ञान, शक्ति, और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। यह आरती व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि, और सुख का संचार करती है। गायत्री माता अपने भक्तों को हर प्रकार के संकटों से दूर रखती हैं और उन्हें आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाती हैं।
Mata Gayatri Aarti:माता गायत्री आरती
जयति जय गायत्री माता,
जयति जय गायत्री माता ।
सत् मारग पर हमें चलाओ,
जो है सुखदाता ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
आदि शक्ति तुम अलख निरंजन जगपालक कर्त्री ।
दु:ख शोक, भय, क्लेश कलश दारिद्र दैन्य हत्री ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
ब्रह्म रूपिणी, प्रणात पालिन जगत धातृ अम्बे ।
भव भयहारी, जन-हितकारी, सुखदा जगदम्बे ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
भय हारिणी, भवतारिणी, अनघेअज आनन्द राशि ।
अविकारी, अखहरी, अविचलित, अमले, अविनाशी ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
कामधेनु सतचित आनन्द जय गंगा गीता ।
सविता की शाश्वती, शक्ति तुम सावित्री सीता ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
ऋग, यजु साम, अथर्व प्रणयनी, प्रणव महामहिमे ।
कुण्डलिनी सहस्त्र सुषुमन शोभा गुण गरिमे ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
स्वाहा, स्वधा, शची ब्रह्माणी राधा रुद्राणी ।
जय सतरूपा, वाणी, विद्या, कमला कल्याणी ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
जननी हम हैं दीन-हीन, दु:ख-दरिद्र के घेरे ।
यदपि कुटिल, कपटी कपूत तउ बालक हैं तेरे ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
स्नेहसनी करुणामय माता चरण शरण दीजै ।
विलख रहे हम शिशु सुत तेरे दया दृष्टि कीजै ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
काम, क्रोध, मद, लोभ, दम्भ, दुर्भाव द्वेष हरिये ।
शुद्ध बुद्धि निष्पाप हृदय मन को पवित्र करिये ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
जयति जय गायत्री माता,
जयति जय गायत्री माता ।
सत् मारग पर हमें चलाओ,
जो है सुखदाता ॥