
मंगला गौरी स्तोत्र:Mangla Gauri Stotram
ॐ रक्ष-रक्ष जगन्माते देवि मङ्गल चण्डिके ।
हारिके विपदार्राशे हर्षमंगल कारिके ॥
हर्षमंगल दक्षे च हर्षमंगल दायिके ।
शुभेमंगल दक्षे च शुभेमंगल चंडिके ॥
मंगले मंगलार्हे च सर्वमंगल मंगले ।
सता मंगल दे देवि सर्वेषां मंगलालये ॥
पूज्ये मंगलवारे च मंगलाभिष्ट देवते ।
पूज्ये मंगल भूपस्य मनुवंशस्य संततम् ॥
मंगला धिस्ठात देवि मंगलाञ्च मंगले ।
संसार मंगलाधारे पारे च सर्वकर्मणाम् ॥
देव्याश्च मंगलंस्तोत्रं यः श्रृणोति समाहितः ।
प्रति मंगलवारे च पूज्ये मंगल सुख-प्रदे ॥
तन्मंगलं भवेतस्य न भवेन्तद्-मंगलम् ।
वर्धते पुत्र-पौत्रश्च मंगलञ्च दिने-दिने ॥
मामरक्ष रक्ष-रक्ष ॐ मंगल मंगले ।
॥ इति मंगला गौरी स्तोत्र सम्पूर्णं ॥
Mahakal Shani Mrityunjay Stotra:महाकाल शनि मृत्युंजय स्तोत्र
Mahakal Shani Mrityunjay Stotra:महाकाल शनि मृत्युंजय स्तोत्र (महाकाल शनि मृत्युंजय स्तोत्र): किसी जीव का अमर होना असंभव है, लेकिन किसी…
Mayuresh Stotram मयूरेश स्तोत्र
Mayuresh Stotram : मयूरेश स्तोत्र संस्कृत में है। मयूरेश स्तोत्र ब्रह्मा जी द्वारा रचित है। यह गणेश जी की स्तुति…
Matangi Hridaya Stotra:मातंगी हृदय स्तोत्र
Matangi Hridaya Stotra:मातंगी हृदय स्तोत्र Matangi Hridaya Stotra:एकदा कौतुकाविष्टा भैरवं भूतसेवितम् ।भैरवी परिपप्रच्छ सर्वभूतहिते रता ॥ १ ॥ श्री भैरव्युवाच । भगवन्सर्वधर्मज्ञ भूतवात्सल्यभावन ।अहं…
Mangla Gauri Stotram:मंगला गौरी स्तोत्र विशेषताए
Mangla Gauri Stotram:मंगला गौरी स्तोत्र के साथ-साथ यदि शिव परद गौरी गनेशकि पुजा कि जाए तो, इस स्तोत्र का बहुत लाभ मिलता है, यह स्तोत्र शीघ्र ही फल देने लग जाते है| यदि साधक इस स्तोत्र का पाठ प्रतिदिन करने से बुराइया खुद- ब- खुद दूर होने लग जाती है साथ ही सकरात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है| अपने परिवार जनों का स्वस्थ्य ठीक रहता है और लम्बे समय से बीमार व्यक्ति को इस स्तोत्र का पाठ सच्चे मन से करने पर रोग मुक्त हो जाता है| यदि मनुष्य जीवन की सभी प्रकार के भय, डर से मुक्ति चाहता है तो वह इस स्तोत्र का पाठ करे|