
Baglamukhi Jayanti Stotra 2025:बगलामुखी जयंती इस साल 5 मई, सोमवार के दिन पड़ रही है। इस दिन माता पार्वती के बगलामुखी स्वरूप की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि मां बगलामुखी की पूजा से नकारात्मकता दूर हो जाती है और व्यक्ति में शक्ति का संचार होता है। इसके अलावा, मां बगलामुखी की पूजा के दौरान उनके स्तोत्र का पाठ करना भी बहुत लाभकारी माना जाता है। ऐसे में आइये जानते हैं ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से कि मां बगलामुखी के स्तोत्र और उससे मिलने वाले लाभों के बारे में विस्तार से।
Baglamukhi Jayanti 2025: हर वर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को बगलामुखी जयंती का आयोजन किया जाता है. इस वर्ष यह जयंती 5 मई 2025, सोमवार को मनाई जा रही है. Baglamukhi Jayanti Stotra 2025 बगलामुखी जयंती देवी बगलामुखी की पूजा का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. यह दिन तंत्र साधना, शत्रुओं का नाश और विजय प्राप्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. बगलामुखी देवी दस महाविद्याओं में आठवीं शक्ति के रूप में जानी जाती हैं, जिन्हें “स्तंभन शक्ति” का स्वरूप माना जाता है. इनकी पूजा से शत्रुओं का नाश, वाणी में प्रभाव और जीवन में विजय की प्राप्ति होती है.
Baglamukhi Jayanti 2025: मां बगलामुखी की आराधना से नकारात्मकता समाप्त होती है और व्यक्ति में ऊर्जा का संचार होता है. इसके अतिरिक्त, मां बगलामुखी की पूजा के समय उनके स्तोत्र का पाठ करना भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है.
Baglamukhi Jayanti Stotra 2025:बगलामुखी जयंती 2025 मां बगलामुखी स्तोत्र का पाठ
इस पावन अवसर पर यदि “बगलामुखी स्तोत्र” का श्रद्धा भाव से पाठ किया जाए, Baglamukhi Jayanti Stotra 2025 तो साधक को अद्भुत लाभ प्राप्त होते हैं. नीचे प्रस्तुत है एक प्रभावशाली स्तोत्र, जिसका जयंती पर पाठ अवश्य करना चाहिए:
Baglamukhi Chalia:बगलामुखी चालीसा
बगलामुखी स्तोत्र (संक्षिप्त रूप) (Bagalamukhi Stotra (short form))
मां बगलामुखी की आराधना से नकारात्मकता समाप्त होती है और व्यक्ति में ऊर्जा का संचार होता है. इसके अतिरिक्त, मां बगलामुखी की पूजा के समय उनके स्तोत्र का पाठ करना भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है.
बगलामुखी जयंती आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा (Baglamukhi Jayanti today, worship at this auspicious time)
ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय
जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा.
देवि सर्वे भवेत्वाम् शरणं प्रपन्नाः.
शत्रुन्मुखे वाणीं तव प्रभावेन स्तम्भय.
न्यायालये विवादे, रणभूमौ वा समराङ्गणे.
जयं दत्वा रक्ष मां, स्तम्भय शत्रूनसङ्गमे॥
पीताम्बरा धारिणीं, वज्र-नख-कटाक्षिणीम्.
स्तम्भिनीं शत्रुहन्त्रीं, बगलां शरणं व्रजे॥
Baglamukhi Jayanti Stotra 2025 भक्तों को इस स्तोत्र का पाठ स्नान के बाद, पीले वस्त्र धारण करके, Baglamukhi Jayanti Stotra 2025 हल्दी की माला से पीले आसन पर बैठकर करना चाहिए. देवी को पीले फूल, चने की दाल, और हल्दी से निर्मित प्रसाद अर्पित करें. बगलामुखी जयंती के अवसर पर इस स्तोत्र का पाठ करने से साधक के जीवन से भय, विघ्न और शत्रुओं की बाधाएं समाप्त होती हैं. वाणी में सिद्धि, निर्णयों में विजय और आत्मबल की वृद्धि होती है. देवी बगलामुखी की कृपा से साधक को जीवन में उन्नति, सुरक्षा और शक्ति प्राप्त होती है.
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मां बगलामुखी की पूजा क्यों है फायदेमंद (Why is worship of Maa Baglamukhi beneficial?)
Baglamukhi Jayanti Stotra 2025 इस दिन की उपासना विशेष रूप से वकील, राजनेता, अधिकारी और न्याय संबंधी क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी मानी जाती है.
ॐ ह्लीं बगलामुख्यै नमः — इस मंत्र का 108 बार जप अवश्य करें.
हिंदू धर्म में बगलामुखी माता का महत्व (Importance of Baglamukhi Mata in Hinduism)
Baglamukhi Jayanti Stotra 2025 बगलामुखी माता की पूजा अक्सर भक्त विपरीत परिस्थितियों से रक्षा, वाक् और बुद्धि पर नियंत्रण, तथा शत्रु बाधाओं को दूर करने के लिए करते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, महाभारत युद्ध से पहले भगवान श्रीकृष्ण ने पांडवों को भी मां बगलामुखी की साधना करने को कहा था ताकि वे विजय प्राप्त कर सकें और उनके शत्रुओं का अंत हो। पांडवों ने बगलामुखी माता की पूजा की भी थी।
बगलामुखी माता की पूजा विधि (Method of worship of Baglamukhi Mata)
बगलामुखी जयंती के दिन प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ पीले वस्त्र भक्तों को धारण करने चाहिए। इसके बाद पूजा स्थल पर पीला आसन बिछाकर मां बगलामुखी की मूर्ति या चित्र को वहां स्थापित करना चाहिए। पूजा में पीले फूल, हल्दी, पीले फल, चने की दाल और मिठाई का प्रयोग आपको करना चाहिए। धूप, दीपक और कपूर दिखाकर आपको माता की पूजा करनी चाहिए।
इस दिन पूजा के समय माता के मंत्र- “ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय, जिह्वां कीलय, बुद्धिं विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा।” का कम से कम 108 बार जप करें। Baglamukhi Jayanti Stotra 2025 इसके बाद बगलामुखी चालीसा का पाठ और आरती भी आपको करनी चाहिए। यदि संभव हो तो रात में साधना करें, क्योंकि यह समय मां की कृपा पाने के लिए अधिक शुभ और प्रभावशाली माना जाता है।
बगलामुखी जयंती पर माता की पूजा के लाभ (Benefits of worshiping Mother Goddess on Baglamukhi Jayanti)
बगलामुखी माता की पूजा करने से शत्रु बाधाओं से मुक्ति मिलती है
वाद-विवाद व न्यायिक मामलों में भी आप सफल होते हैं
आत्मबल, साहस व आत्मविश्वास की वृद्धि होती है जिससे समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ता है
मानसिक शांति व आध्यात्मिक शक्ति भी माता की पूजा करने से आपको प्राप्त होती है।