कालाष्टमी हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भगवान काल भैरव की पूजा-व्रत करने का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान काल भैरव की पूजा-व्रत करने से साधक को जीवन के दुख और संकट से छुटकारा मिलता है और सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। धार्मिक मत है कि भगवान काल भैरव की पूजा-व्रत करने से साधक को जीवन के दुख और संकट से छुटकारा मिलता है और सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस बारकालाष्टमी 4 जनवरी को है।

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सनातन धर्म में कालाष्टमी का विशेष महत्व है। हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी होती है। Kalashtami 2024 कालाष्टमी भगवान काल भैरव को समर्पित है। इस दिन भगवान काल भैरव की पूजा-व्रत करने का विधान है। धार्मिक मत है कि भगवान काल भैरव की विधिपूर्वक पूजा-व्रत करने से साधक को जीवन के दुख और संकट से छुटकारा मिलता है और सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस बार साल 2024 की पहली कालाष्टमी 4 जनवरी को है। कालाष्टमी के दिन कुछ कार्यों को करने की मनाही है, जिनको करने से साधक का जीवन परेशानियों से भरा रहता है और भगवान काल भैरव रुष्ट हो सकतें हैं। चलिए जानते हैं कालाष्टमी के दिन कौन से कार्यों को करने बचना चाहिए।

Kalashtami 2024 कालाष्टमी के दिन न करें ये कार्य

कालाष्टमी Kalashtami 2024: के दिन कुछ कार्यों को करने की मनाही है, जिनको करने से साधक का जीवन परेशानियों से भरा रहता है और भगवान काल भैरव रुष्ट हो सकते हैं। आइए जानते हैं कालाष्टमी के दिन कौन से कार्यों को करने बचना चाहिए।

  • शराब और मांसाहार का सेवन न करें। कालाष्टमी के दिन शराब और मांसाहार का सेवन करने से भगवान काल भैरव नाराज हो सकते हैं।
  • किसी का अपमान न करें। कालाष्टमी के दिन किसी का अपमान करने से भी भगवान काल भैरव नाराज हो सकते हैं।
  • बुजुर्गों और महिलाओं को गलत शब्द न बोलें। कालाष्टमी के दिन बुजुर्गों और महिलाओं को गलत शब्द न बोलें।
  • भगवान काल भैरव की पूजा के लिए किसी का नाश न करें। भगवान काल भैरव की पूजा के लिए किसी का नाश करने से भी भगवान काल भैरव नाराज हो सकते हैं।
  • किसी भी तरह का झूठ न बोलें। कालाष्टमी के दिन किसी भी तरह का झूठ न बोलें।
  • कालाष्टमी के दिन किसी भी तरह का द्वेष या वैमनस्य न रखें। कालाष्टमी के दिन किसी भी तरह का द्वेष या वैमनस्य न रखें।

Kalashtami 2024 कालाष्टमी का महत्व

कालाष्टमी हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भगवान काल भैरव की पूजा-व्रत करने का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान काल भैरव की पूजा-व्रत करने से साधक को जीवन के दुख और संकट से छुटकारा मिलता है और सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। हिंदू धर्म में कालाष्टमी Kalashtami 2024 पर्व का खास महत्व है। तंत्र विद्या सीखने वाले साधक बेहद धूमधाम से कालाष्टमी मनाते हैं। इस दिन भगवान काल भैरव की विधिपूर्वक पूजा-व्रत करने से इंसान के जीवन में खुशियों का आगमन होता है और सुख-शांति मिलती है और भगवान काल भैरव प्रसन्न होते हैं। कालाष्टमी के अवसर पर उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर समेत कई मंदिरों में भगवान काल भैरव की पूजा की जाती है और भजन-कीर्तन किया जाता है।

भगवान काल भैरव मंत्र

ॐ ब्रह्म काल भैरवाय फट

ॐ तीखदन्त महाकाय कल्पान्तदोहनम्। भैरवाय नमस्तुभ्यं अनुज्ञां दातुर्माहिसि

ॐ ह्रीं बं बटुकाय मम आपत्ति उद्धारणाय। कुरु कुरु बटुकाय बं ह्रीं ॐ फट स्वाहा

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