Kaila Mata Aarti:कैला माता आरती
Kaila Mata Aarti:कैला माता की आरती एक अत्यंत पवित्र और भक्तिमय अनुष्ठान है। माँ कैला देवी को शक्ति की देवी माना जाता है और उनकी पूजा करने से भक्तों को मन की शांति, सुख-समृद्धि और मनोकामना पूर्ण होने का वरदान मिलता है।
Kaila Mata Aarti:आइए जानते हैं कैला माता की आरती के कुछ प्रमुख लाभ
- मन की शांति: माँ कैला की भक्ति और आरती करने से मन शांत होता है और तनाव कम होता है।
- आत्मविश्वास में वृद्धि: माँ कैला की कृपा से भक्तों में आत्मविश्वास बढ़ता है और वे जीवन की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होते हैं।
- सुख-समृद्धि: माँ कैला की कृपा से भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
- रोग मुक्ति: माँ कैला को रोगों की देवी भी माना जाता है। उनकी आरती करने से कई तरह के रोगों से मुक्ति मिलती है।
- मनोकामना पूर्ण: माँ कैला की भक्ति करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- आध्यात्मिक उन्नति: माँ कैला की भक्ति आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करती है।
Kaila Mata Aarti:कैला माता की आरती कैसे करें
- समय: आप किसी भी समय माँ कैला की आरती कर सकते हैं। लेकिन सुबह और शाम के समय आरती करना अधिक शुभ माना जाता है।
- विधि: आरती करते समय आप दीपक, अगरबत्ती और फूल चढ़ा सकते हैं। साथ ही, माँ कैला की मूर्ति या चित्र के सामने बैठकर आरती का पाठ करें।
- भाव: आरती करते समय मन को शांत रखें और पूरी श्रद्धा से आरती का पाठ करें।
Kaila Mata Aarti:कैला माता की आरती के कुछ पंक्तियाँ
- ओम जय कैला रानी, मैया जय कैला रानी।
- ज्योति अखंड दिये माँ, तुम सब जगजानी।
- गिरि त्रिकूट पर आप बिराजी चामुंडा संगा।
- भक्त बहोरा द्वारे रहता, करता अगवानी।
ध्यान रखें:
- माँ कैला की आरती करते समय मन को शांत रखें और पूरी श्रद्धा से आरती का पाठ करें।
- आरती के बाद माँ कैला से अपनी मनोकामनाएं मांग सकते हैं।
- नियमित रूप से आरती करने से बेहतर परिणाम मिलते हैं।
निष्कर्ष:
Kaila Mata Aarti:माँ कैला की आरती एक शक्तिशाली अनुष्ठान है जो भक्तों के जीवन में कई तरह के लाभ ला सकता है। यदि आप माँ कैला की भक्त हैं तो नियमित रूप से उनकी आरती करें और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सुखमय बनाएं।
Kaila Mata Aarti:कैला माता आरती
ॐ जय कैला रानी,
मैया जय कैला रानी ।
ज्योति अखंड दिये माँ
तुम सब जगजानी ॥
तुम हो शक्ति भवानी
मन वांछित फल दाता ॥
मैया मन वांछित फल दाता ॥
अद्भुत रूप अलौकिक
सदानन्द माता ॥
ॐ जय कैला रानी।
गिरि त्रिकूट पर आप
बिराजी चामुंडा संगा ॥
मैया चामुंडा संगा ॥
भक्तन पाप नसावौं
बन पावन गंगा ॥
ॐ जय कैला रानी।
भक्त बहोरा द्वारे रहता
करता अगवानी ॥
मैया करता अगवानी ॥
लाल ध्वजा नभ चूमत
राजेश्वर रानी ॥
ॐ जय कैला रानी।
नौबत बजे भवन में
शंक नाद भारी ॥
मैया शंक नाद भारी ॥
जोगन गावत नाचत
दे दे कर तारी ॥
ॐ जय कैला रानी।
ध्वजा नारियल रोली
पान सुपारी साथा ॥
मैया पान सुपारी साथा ॥
लेकर पड़े प्रेम से
जो जन यहाँ आता ॥
ॐ जय कैला रानी ।
दर्श पार्श कर माँ के
मुक्ती जान पाता ॥
मैया मुक्ती जान पाता ॥
भक्त सरन है तेरी
रख अपने साथा ॥
ॐ जय कैला रानी ।
कैला जी की आरती
जो जन है गाता ॥
मैया जो जन है गाता ॥
भक्त कहे भव सागर
पार उतर जाता ॥
ॐ जय कैला रानी,
मैया जय कैला रानी ।
ज्योति अखंड दिये माँ
तुम सब जगजानी ॥