रामायण की एक लोकप्रिय कथा के अनुसार, एक तोते की वजह से सीता को श्रीराम(Jay Shree Ram) से अलग रहना पड़ा था। कथा के अनुसार, सीता एक बार अपने सखियों के साथ खेल रही थीं। तभी उन्होंने एक तोते और तोते की पत्नी को बातें करते हुए सुना। तोते की पत्नी कह रही थी कि अयोध्या के राजकुमार राम और सीता का विवाह होगा। सीता को यह सुनकर बहुत आश्चर्य हुआ। उन्होंने तोते से पूछा कि वह भविष्य के बारे में कैसे जानता है। तोते ने बताया कि वह महर्षि वाल्मीकि के आश्रम में रहता है, जहां हर दिन राम और सीता के जीवन के बारे में बताया जाता है।
रामायण में श्रीराम (Jay Shree Ram) और सीता के वियोग की कहानी सभी जानते हैं। वनवास से लौटने के बाद एक धोबी के कहने पर सीता को राम से अलग रहना पड़ा था। क्या आपको पता है कि ये सब एक तोते की वजह से हुआ था, जिसने सीता को अपने पति का वियोग झेलने का श्राप दिया था। पढ़ें रामायण की ये अनूठी कथा।
सीता को तोते की बातें सुनकर बहुत अच्छा लगा। उन्होंने तोते और तोते की पत्नी को पकड़ लिया और उनसे और भी बातें सुनने लगीं। इस बीच, तोते के पति ने आकर सीता से कहा कि उनकी पत्नी गर्भवती है और वह उसे जाने दें। लेकिन सीता ने उसकी एक न सुनी। इस पर तोते के पति को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने सीता को श्राप दे दिया कि जिस तरह से उसने उनकी पत्नी को गर्भावस्था में अलग कर दिया है, उसी तरह से सीता को भी गर्भावस्था में अपने पति से अलग होना पड़ेगा। इतना कहकर तोते के पति ने प्राण त्याग दिए।
Jay shree Ram:प्रभु श्रीराम के जन्म की पौराणिक कथा
सीता को इस बात का बहुत दुख हुआ। उन्होंने तोते के पति से माफी मांगी, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। श्राप का असर होने लगा और सीता को अपने पति से अलग होना पड़ा। 14 वर्षों के वनवास के बाद जब राम लौटे तो रावण द्वारा सीता का हरण हो चुका था। राम (Jay Shree Ram) ने सीता को दोषी ठहराया और उन्हें वनवास दे दिया। सीता वन में जाकर रहने लगीं और वहां उन्होंने एक पुत्र को जन्म दिया।
कुछ समय बाद, राम को पता चला कि सीता निर्दोष हैं। उन्होंने सीता को वापस ले लिया और अयोध्या में वापस आ गए। लेकिन सीता को अपने पति के साथ रहने में अब कोई खुशी नहीं थी। उन्होंने राम से कहा कि वह वन में ही रहना चाहती हैं। राम ने सीता की इच्छा का सम्मान किया और उन्हें वन में छोड़ दिया।
इस प्रकार, एक तोते के श्राप की वजह से सीता को अपने पति से अलग रहना पड़ा। यह एक महत्वपूर्ण सबक है कि हमें कभी भी दूसरों के साथ बुरा व्यवहार नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसका बुरा असर हमें भी हो सकता है।